अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनेक पहलू हैं,
जिनपर अलग-अलग तरीके से विचार करना होगा। सबसे महत्वपूर्ण पहलू है एक विवाद का
खत्म होना। देश की राजनीतिक ताकतों को इसे हाथोंहाथ लेना चाहिए। इस विवाद की
समाप्ति के पीछे देश में रचनात्मक माहौल बनाने की कोशिश है। लम्बे अरसे से चली आ रही
कड़वाहट को खत्म होना चाहिए। जनता के बड़े तबके की आस्था से जुड़े इस मामले का
इससे बेहतर समाधान नहीं हो सकता था। जहाँ तक इसके कानूनी पहलुओं की बात है, अदालत
के फैसले का विस्तार से अध्ययन करना होगा। इसपर विशेषज्ञों की राय भी जल्द सामने
आएगी।
गौर करने वाली बात है कि यह पाँच जजों के पीठ का सर्वानुमति
से दिया गया फैसला है। एक भी जज की विपरीत राय होती, तो शायद वह बड़ी खबर होती, पर
सर्वानुमति से फैसला होना उससे भी बड़ी खबर है। बेहतर होता कि सभी पक्ष इस बात को
अदालत के बाहर समझौता करके स्वीकार कर लेते, पर इस बात को नामंजूर करके कुछ लोग
बेवजह सामाजिक टकराव को बढ़ावा देना चाहते हैं।