भारत के 28 विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ ने शुक्रवार को मुंबई में आयोजित बैठक के दौरान आगामी लोकसभा चुनाव से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा करने के बाद तीन प्रस्ताव पास किए। पहला, सीट बँटवारे की प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी, दूसरा, इंडिया के घटक दल जनता के मुद्दों पर देश के अलग-अलग हिस्सों में जनसभाएं करेंगे और तीसरा, इंडिया के सभी घटक दलों का अपना चुनाव अभियान ‘जुड़ेगा भारत’ और ‘जीतेगा इंडिया’ की थीम पर होगा। इनमें पहला काम सबसे बड़ा और जरूरी होगा। शेष दो काम किसी न किसी रूप में चल ही रहे हैं।
इस बैठक में चार
समितियां बनाने का फ़ैसला किया गया है। ‘इंडिया गठबंधन’ की कोऑर्डिनेशन समिति में 1.केसी वेणु
गोपाल, 2.शरद पवार, 3.टीआर बालू, 4.संजय राउत, 5.डी राजा, 6.तेजस्वी यादव, 7.अभिषेक
बनर्जी, 8.राघव चड्ढा, 9.जावेद अली ख़ान, 10.ललन
सिंह, 11.हेमंत सोरेन, 12.महबूबा
मुफ्ती और 13.उमर अब्दुल्ला को जगह दी गई है। सीपीएम अपने प्रतिनिधि का नाम बाद
में देगी। इस कमेटी के अलावा चार और कमेटियाँ बनेंगी कैम्पेन कमेटी, मीडिया, सोशल
मीडिया और रिसर्च। किसी एक कोऑर्डिनेटर की नियुक्ति फिर भी नहीं हुई है। ऐसा करने
के शायद जोखिम हैं।
गठबंधन ने पहले कहा था कि एक ‘लोगो’ भी जारी किया जाएगा, पर ऐसा किया नहीं गया। तृणमूल कांग्रेस ने एक ‘लोगो’ का सुझाव दिया था, पर कुछ दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। इस बैठक में दिग्विजय सिंह ईवीएम को लेकर एक प्रेज़ेंटेशन रखने वाले थे, पर उसे रोक दिया गया। कुछ लोगों ने कहा कि नकारात्मक बातें इस समय करना उचित नहीं होगा। हाल में कांग्रेस की कर्नाटक में भारी जीत हुई है, ईवीएम के बावजूद।
तीन पैराग्राफ के इस
प्रस्ताव में कहा गया है,
''हम, इंडिया के विभिन्न दल, लोकसभा का
अगला चुनाव जहां तक संभव हो, एक साथ मिलकर लड़ने का
संकल्प लेते हैं। विभिन्न राज्यों में सीट के बंटवारे की व्यवस्था तुरंत शुरू होगी
और विचार-विमर्श की सहयोग वाली भावना के साथ यथाशीघ्र पूरी की जाएगी।''
इस प्रस्ताव के अनुसार, ''हम, इंडिया के विभिन्न दल, लोगों की चिंता और महत्व के मामलों पर देश के विभिन्न
हिस्सों में जल्द से जल्द सार्वजनिक रैलियां आयोजित करने का संकल्प लेते हैं।''
प्रस्ताव के अंत में
कहा गया है, ''हम, इंडिया के
विभिन्न दल, विभिन्न भाषाओं में 'जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया' थीम के साथ अपनी संबंधित संचार और मीडिया रणनीतियों और
मुहिमों का समन्वय करने का संकल्प लेते हैं।'' इस प्रस्ताव के सबसे
नीचे इंडिया के दलों का नारा ''जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया'' लिखा है।
इस दौरान राहुल गांधी
ने कहा, ''मुझे भरोसा है कि इंडिया गठबंधन बीजेपी को
आसानी से हराएगा।'' उन्होंने कहा-"मंच पर बैठी सारी पार्टियां यदि एकजुट रहती हैं, तो हमें हराना नामुमकिन है। हमने कल की अपनी प्रेस
कॉन्फ्रेंस में कहा था कि हमारे प्रधानमंत्री और एक व्यक्ति के बीच की साठगाँठ है।
हम इस साठगाँठ को उजागर करते रहेंगे। एक अरब डॉलर हिंदुस्तान से बाहर गया है और
फिर देश में आया है। नरेंद्र मोदी ग़रीबों से पैसे छीनकर दो तीन लोगों तक पहुँचा
रहे हैं। यहाँ मंच पर बैठे नेता देश के 60 प्रतिशत लोगों का
प्रतिनिधित्व करते हैं। हमें लगता है कि इंडिया एलायंस बीजेपी को आसानी से हरा
देगा।
राहुल गांधी से पहले
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक के दौरान हुई बातचीत की जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ''हमने जो तय किया है, उस प्रस्ताव
पर काम करेंगे। गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाएंगे।
ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं का गलत इस्तेमाल हो
रहा है। ऐसा कभी नहीं हुआ। मैं 55 साल से राजनीति में
हूं। ऐसा कभी नहीं देखा।''
खरगे ने कहा, ''बिना हमें बताए संसद का विशेष सत्र बुला रहे हैं। मणिपुर
जल रहा था, चीन ने जब ज़मीन हड़प ली, कोरोना चल रहा था, नोटबंदी के
वक्त, प्रवासी मज़दूर जब परेशान थे, तब संसद का सत्र नहीं बुलाया। आहिस्ता, आहिस्ता तानाशाही की ओर जा रहे हैं।''
नीतीश कुमार ने इस
दौरान कहा कि ''आप सबको मालूम है कि आज तीसरी बैठक हो गई।
आप लोगों को बता दिया है कि किन किन चीज़ों पर सहमति बन गई है। अब हम लोग विभिन्न
जगहों पर जाकर लोगों को संबोधित करेंगे…अब जो केंद्र में हैं, वो हारेंगे। यह तय हो गया है। मीडिया पर ही कब्ज़ा कर
लिया है। ये कम करते हैं और ज़्यादा छपते हैं। आप प्रेस वाले आज़ाद होंगे।''
लालू यादव ने पीएम
मोदी को घेरने से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए
अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “मुझे काफ़ी प्रसन्नता
हुई कि विभिन्न दलों के नेता एकजुट हो गए हैं। पहले हम एक नहीं होते थे, जिसका फ़ायदा नरेंद्र मोदी को हुआ। उन्होंने भाजपा का
मतलब समझाया। भा माने भारत,
ज मतलब जलाओ और पा
माने पार्टी। 60 रुपए किलो भिंडी हो गया। टमाटर आप जानते ही
हैं कि कितना महंगा हो गया है। लगातार लड़ाई लड़ते-लड़ते आज हम इस मुक़ाम पर पहुँचे
हैं। पहले पटना, फिर बेंगलुरु और आज मुंबई। अब हम सब में
सहमति बन गई है।
अरविंद केजरीवाल ने
कहा, ''ये जो इंडिया एलायंस है, वह केवल 26 या 28 दलों का एलायंस नहीं है। बल्कि देश के 140 करोड़ लोगों का एलायंस है। हमें दुख होता है कि ये जो
मोदी सरकार है, वो देश की सबसे करप्ट सरकार है। हम तीन चार
दिनों से विदेशों में ख़बर छप रहे हैं कि भारत की सरकार केवल एक आदमी के लिए काम
कर रही है। इसे सुनकर दुख होता है। आज लोगों की आमदनी नहीं है। युवा पढ़कर
बेरोज़गार हैं। इससे ज़्यादा अहंकारी सरकार कभी नहीं रही। बहुत बहुत बड़ी ताक़तें
इस इंडिया एलायंस को तोड़ने की कोशिशों में लगेगी। नेताओं के बारे में बताया जाएगा
कि इनके बीच झगड़े हो रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। यह
बताकर ख़ुशी हो रही है कि सभी दलों ने विभिन्न तरह की ज़िम्मेदारियां ली हैं।”
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