अमेरिका में चुनाव के बाद पहली बार डोनाल्ड ट्रंप कुछ भाषणों और ट्वीटों से संकेत मिला है कि उन्होंने अपनी हार भले ही न स्वीकार की हो, पर यह मान लिया है कि अगली सरकार उनकी नहीं होगी। अलबत्ता उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि अगली सरकार किसकी होगी। बहरहाल उन्होंने जो बिडेन का नाम नहीं लिया। ट्रंप की पराजय क्यों हुई और वे हार नहीं मान रहे हैं, तो इसके पीछे कारण क्या हैं, ऐसे विषयों को छोड़कर हमें आगे बढ़ना चाहिए।
अब यह देखने का वक्त है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बिडेन की नीतियाँ क्या होंगी। और यह भी कि वे भारतीय नजरिए से कैसे राष्ट्रपति साबित होंगे। साबित होंगे या नहीं, यह बाद में पता लगेगा, पर वे पहले से भारत के मित्र माने जाते हैं। बराक ओबामा के कार्यकाल में जो बिडेन उपराष्ट्रपति थे और भारत के साथ अच्छे रिश्ते बनाने के जबर्दस्त समर्थक। उन्होंने पहले सीनेट की विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष के रूप में और बाद में उपराष्ट्रपति के रूप में भारत-समर्थक नीतियों को आगे बढ़ाया। उपराष्ट्रपति बनने के काफी पहले सन 2006 में उन्होंने कहा था, ‘मेरा सपना है कि सन 2020 में अमेरिका और भारत दुनिया में दो निकटतम मित्र देश बनें।’ यह सपना अब पूरा हो रहा है।