मलेशिया के एक रियलिटी टीवी शो में नए इमाम का चयन किया जा रहा है। इसमें इमाम बनने के इच्छुक कुछ नौजवानों को जमा किया गया है। वे धर्म के बाबत अपनी जानकारी देते हैं। जन्म से मृत्यु तक के धार्मिक संस्कारों के बारे में अपने ज्ञान का परिचय देते हैं। धर्म गुरु उनके ज्ञान की परीक्षा लेते हैं। इस कार्यक्रम को जनता और धर्मगुरुओं दोनों का आशीर्वाद प्राप्त है, सो सफल होना चाहिए। बीबीसी की वैब साइट ने इस आशय की खबर दी है।
इस रियलिटी शो से हमारे शो-संचालकों को भी सीख लेनी चाहिए। आस्था या संस्कार चैनल वाले पुरोहितों का चुनाव कर सकते हैं। कम से कम युवा ज्योतिषियों का चुनाव तो हो ही सकता है। हर नेता-अभिनेता और उद्योगपति को भविष्य की फिक्र है। हमने स्वयंवर करा दिए, करोड़पति बना दिए, एंकर हंट कर डाले। हीरो-हीरोइन भी चुन लिए जाएंगे। गायक और अब डांसर चुने ही जा रहे हैं।
क्या हम नेताओं का रियलिटी शो कर सकते हैं? और क्या माफिया भी खोजे जा सकते हैं? अखबारों के सम्पादक, चैनलों के हैड, राज्यो के मुख्यमंत्री, देश के प्रधानमंत्री, कम्पनियों के सीईओ, सरकारों के चीफ सेक्रेटरी, फिल्मों के डायरेक्टर भी तो खोजे जा सकते हैं। जिन्दगी में जो कुछ खोजना है, क्यों न टीवी के मार्फत खोजा जाय। हो सकता इनके बीच कहीं हमें अपनी गरीबी, भुखमरी, फटेहाली, अंधविश्वास, अज्ञान वगैरह का हल भी मिल जाय। बहरहाल यह बदलते वक्त का सच है।