सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर और टेस्ला-प्रमुख एलन
मस्क के बीच 44 अरब डॉलर का सौदा खटाई में पड़ गया है। अब यह मामला लम्बी कानूनी
लड़ाई का रूप लेने जा रहा है। इसमें दोनों पक्षों के अरबों डॉलर स्वाहा होंगे। ट्विटर
के चेयरमैन ब्रेट टेलर का कहना है कि ट्विटर बोर्ड निर्धारित शर्तों पर समझौते को
लागू कराएगा। इसके लिए हम डेलावेयर कोर्ट ऑफ चांसरी जा रहे हैं। विशेषज्ञों का
कहना है कि ऐसे विवादों में आमतौर पर डेलावेयर कोर्ट का रुख रहता है कि दोनों पक्ष
आपस में बैठकर नया समझौता कर लें।
ऐसे मौके भी आए हैं,
जब अदालतों ने किसी एक पक्ष को समझौता मानने को मजबूर किया हो, पर वे छोटे करार
थे। यह करार बहुत बड़ा है। एलन मस्क जैसे जुनूनी पूँजीपति को अपनी
इच्छा के विपरीत कम्पनी खरीदने के लिए तैयार करना भी मुश्किल है। ज्यादा से ज्यादा एक अरब डॉलर का खामियाजा
भरने के लिए कहा जा सकता है। समझौते में ब्रेक-अप फ़ी एक अरब डॉलर है।
दोनों कम्पनियों ने
देश की नामी लॉ फर्म्स को इस काम के लिए जोड़ा है, पर दोनों
के सामने अनिश्चित भविष्य है।
कमजोर कारोबार
कॉरपोरेट लॉ विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्विटर का
केस अपेक्षाकृत मजबूत है। मस्क के लिए यह साबित करना मुश्किल होगा कि ट्विटर ने जो
विवरण दिया है, वह अधूरा है या उससे कम्पनी के कारोबार में भारी फर्क पड़ने का
खतरा है। पर ट्विटर का आर्थिक आधार बहुत मजबूत नहीं है। डिजिटल-विज्ञापन के बाजार
में भारी उतार-चढ़ाव आ रहे हैं। मस्क की जेब भारी है, पर क्या उनके पास इतना पैसा है
कि वे लम्बी लड़ाई लड़ सकें?
दोनों कम्पनियों के शेयरों के भाव गिरे हुए
हैं। इन बातों से दोनों का आर्थिक-भविष्य भी जुड़ा है। अदालती फैसला मस्क के खिलाफ
गया, तो उन्हें अब टेस्ला के कुछ
और शेयर बेचने होंगे। अप्रेल में उन्होंने टेस्ला के 8.5 अरब के शेयर बेचे थे।
दूसरी तरफ जनवरी से अप्रेल के बीच उन्होंने 2.6 अरब डॉलर की कीमत के ट्विटर के
शेयर भी खरीदे थे।
पहले ना, फिर हाँ
इस साल 13 अप्रेल को जब एलन मस्क ने ट्विटर पर
कब्जा करने के इरादे से 54.20 डॉलर की दर से शेयर खरीदने की पेशकश की, तो सोशल मीडिया में सनसनी फैल गई थी। दुनिया का सबसे अमीर आदमी सोशल
मीडिया के एक प्लेटफॉर्म की इतनी बड़ी कीमत क्यों देना चाहता है? टेकओवर वह भी जबरन, जिसे रोकने के लिए ट्विटर प्रबंधन ने
पहले तो ‘पॉइज़न पिल’ का इस्तेमाल किया और फिर तैयार हो गए। पर ढाई-तीन महीने के
भीतर समझौता टूटना उतना ही नाटकीय है, जितना समझौता होना।
एलन मस्क ने यह कहकर हाथ खींचा है कि इस क़रार
से जुड़ी शर्तों को कई बार तोड़ा गया, जिसकी वजह से वे पीछे हट रहे हैं। मस्क के
अनुसार कम्पनी ने उनको ट्विटर के फ़र्ज़ी हैंडलों के बारे में पर्याप्त जानकारी
नहीं दी थी। इसके अलावा भी समझौते की कई शर्तों को तोड़ा गया है। समझौते के साथ
मस्क और ट्विटर दोनों की साख जुड़ी हुई हैं। दोनों के कारोबार पर भी इसका असर
होगा।