आगामी 24 से 26 फरवरी तक छत्तीसगढ़ के रायपुर में होने वाला 85वाँ कांग्रेस महाधिवेशन बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है। 2024 के चुनाव के पहले की सबसे बड़ी संगठनात्मक गतिविधि है। इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव भी होने वाले हैं। कांग्रेस पार्टी की इस समय छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में सरकार है। छत्तीसगढ़ के अलावा इस साल राजस्थान में भी चुनाव होने वाले हैं। इसमें नीचे से ऊपर तक का समूचा पार्टी-नेतृत्व एक जगह पर बैठकर महत्वपूर्ण मसलों पर विचार करेगा।
कांग्रेस महासमिति का महाधिवेशन हरेक तीन साल
बाद होता है। मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में यह पहला अधिवेशन है। महाधिवेशन
में राजनीतिक, आर्थिक, अंतरराष्ट्रीय
संबंध, कृषि, सामाजिक न्याय,
शिक्षा और रोजगार से जुड़े विषयों पर प्रस्ताव पास किए जाएंगे। पार्टी
अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल
गांधी, प्रियंका गांधी को अलावा प्रदेश कांग्रेस
समितियों के पदाधिकारी, उनके सदस्य और अन्य कार्यकर्ता शामिल होंगे, जिनकी संख्या
करीब 4,000 होगी। अन्य अतिथियों तथा मीडिया-प्रतिनिधियों को जोड़कर करीब 14-15
हजार व्यक्ति इस अधिवेशन में उपस्थित रहेंगे।
माना जा रहा है कि अधिवेशन में खासतौर से तीन बड़े विषयों पर विचार होगा और फैसले किए जाएंगे। इनमें सबसे पहला विषय है संगठनात्मक सुधार। अधिवेशन में नई कार्यसमिति का गठन भी होना है, क्योंकि मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव के बाद से एक अस्थायी संचालन-समिति काम कर रही है। इसकी शुरुआत कार्यसमिति के गठन से तो होगी ही, साथ ही गठन की प्रक्रिया पर विचार भी होगा। यानी कि उसके सदस्यों का चयन चुनाव के आधार पर हो या अध्यक्ष द्वारा मनोनयन की व्यवस्था को जारी रखा जाए।