अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस के प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद जो सवाल पूछे जाएंगे और उनके जो भी संभावित उत्तर हैं, उनसे कांग्रेस और उसके नेतृत्व की मनोदशा का अनुमान लगाया जा सकेगा। पहला सवाल है कि राहुल गांधी ने अमेठी को क्यों छोड़ा और रायबरेली क्यों गए? इन दोनों सवालों का एक जवाब यह भी हो सकता है कि उन्होंने रायबरेली की विरासत संभालने के काम को वरीयता दी है। पर समझने वाले यह भी मानेंगे कि वे अमेठी के परिणाम को लेकर आश्वस्त नहीं थे और उन्हें लगता था कि यदि वे पराजित हुए, तो उससे राजनीतिक नुकसान होगा। सबसे बड़ा नुकसान इस मामले को अंत समय तक लटकाए रखने के कारण होगा। यह कैसी पार्टी है, जिसमें इतने मामूली फैसलों पर असमंजस रहता है?
Friday, May 3, 2024
रायबरेली से राहुल के उतरने का मतलब
अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस के प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद जो सवाल पूछे जाएंगे और उनके जो भी संभावित उत्तर हैं, उनसे कांग्रेस और उसके नेतृत्व की मनोदशा का अनुमान लगाया जा सकेगा। पहला सवाल है कि राहुल गांधी ने अमेठी को क्यों छोड़ा और रायबरेली क्यों गए? इन दोनों सवालों का एक जवाब यह भी हो सकता है कि उन्होंने रायबरेली की विरासत संभालने के काम को वरीयता दी है। पर समझने वाले यह भी मानेंगे कि वे अमेठी के परिणाम को लेकर आश्वस्त नहीं थे और उन्हें लगता था कि यदि वे पराजित हुए, तो उससे राजनीतिक नुकसान होगा। सबसे बड़ा नुकसान इस मामले को अंत समय तक लटकाए रखने के कारण होगा। यह कैसी पार्टी है, जिसमें इतने मामूली फैसलों पर असमंजस रहता है?
Wednesday, March 13, 2024
कांग्रेस के सीने पर अमेठी का जख़्म
लोकसभा क्षेत्र: अमेठी
रायबरेली से सोनिया गांधी के हट जाने के बाद दूसरा बड़ा सवाल है कि क्या राहुल गांधी भी अमेठी को छोड़ेंगे? 2019 के चुनाव से इतना स्पष्ट जरूर हो गया था कि पार्टी को अब अमेठी पर पूरा भरोसा नहीं है, इसीलिए राहुल के लिए केरल की वायनाड सीट खोजी गई. स्मृति ईरानी के हाथों अमेठी में मिली हार ने पार्टी का मनोबल तोड़कर रख दिया है.
सोमवार 19 फरवरी को
राहुल गांधी और स्मृति ईरानी दोनों अमेठी में थे. उस मौके पर स्मृति ईरानी ने कहा
कि 2019 में राहुल ने अमेठी को छोड़ा था, आज अमेठी ने उन्हें
छोड़ दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि वे अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं तो वायनाड
जाए बिना अमेठी से (चुनाव) लड़कर दिखाएं.
संभव है कि राहुल
गांधी सामना करने को तैयार भी हो जाएं, पर वे
वायनाड या किसी दूसरी ‘सेफ सीट’ के बगैर ऐसा
नहीं करेंगे. संभव है परिवार का कोई सदस्य यहाँ से चुनाव लड़े. राहुल गांधी की
भारत-जोड़ो न्याय-यात्रा अमेठी से भी होकर गुज़री है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस के
अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि यहाँ के लोग रायबरेली और अमेठी से केवल परिवार के
ही किसी सदस्य को देखना चाहते हैं. वे 2019 की गलती को सुधारना चाहते हैं.
दूसरी ओर स्मृति ईरानी दुगने उत्साह के साथ मैदान में हैं. जिस दिन राहुल गांधी की यात्रा अमेठी पहुँची, उसी रोज उन्होंने भी अपना कार्यक्रम यहाँ रखा. वे चार दिन अमेठी में रहीं. यहाँ से चुनाव हारने के बाद राहुल गांधी अपने नए संसदीय क्षेत्र वायनाड तो कई बार गए हैं, लेकिन उन्होंने अमेठी आना छोड़ दिया. दूसरी तरफ भाजपा ने तेजी से अपने संगठन का विस्तार किया है. स्मृति ईरानी अपने कार्यकर्ताओं के संपर्क में लगातार बनी रहती हैं.