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Monday, September 11, 2023

त्वरित-सर्वानुमति ने दिल्ली-सम्मेलन का क्लाइमैक्स बदला


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन प्रतीक रूप में व्यवस्था-दंड (गैवेल) राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो दा सिल्वा को सौंपते हुए जी-20 की अध्यक्षता अगले वर्ष के लिए ब्राज़ील को सौंप दी. भारत-मंडपम में सम्मेलन क तीसर सत्र एक भविष्य के साथ ही दिल्ली-सम्मेलन का समापन हो गया.

समापन के साथ पीएम मोदी ने नवंबर में जी-20 के एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन का प्रस्ताव भी किया है, जिसमें दिल्ली सम्मेलन के फैसलों और सुझावों की समीक्षा की जाए. जी-20 की अध्यक्षता 30 नवंबर तक भारत के पास है. इसका अर्थ है कि अभी भारत के पास करीब ढाई महीने और हैं.

जिस दिल्ली-घोषणा को लेकर कई तरह के कयास थे, वह अंतिम दिन जारी होने के बजाय, पहले दिन ही ज़ारी हो गई. इससे शिखर-सम्मेलन का पूरा क्लाइमैक्स ही बदल गया. सम्मेलन के दूसरे दिन दुनिया की निगाहें, भू-राजनीति के बजाय जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा जैसे मसलों पर टिक गईं.

जलवायु परिवर्तन

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने शिखर सम्मेलन में घोषणा की कि जलवायु परिवर्तन के कारण विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहे विकासशील देशों की सहायता के लिए ब्रिटेन ग्रीन क्लाइमेट फंड (जीसीएफ) में दो अरब डॉलर का योगदान करेगा. यह धनराशि यूके की ओर से अब तक का सबसे बड़ा सिंगल फंडिंग’  योगदान है.

शिखर-सम्मेलन का दूसरा दिन अपेक्षाकृत तनाव-मुक्त था. एक भविष्य विषय पर तीसरा सत्र सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक हुआ, जिसके बाद सम्मेलन का समापन हो गया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन इस सत्र में शामिल नहीं हुए और वे अपने एयरफोर्स वन विमान पर बैठकर हनोई चले गए, जहाँ वे वियतनाम के नेताओं से भेंट कर रहे हैं.

Sunday, September 10, 2023

दिल्ली-घोषणा से साबित हुआ भारत का राजनयिक-कौशल


लीडर्स घोषणा पत्र पर आमराय बन जाने के साथ जी-20 का नई दिल्ली शिखर सम्मेलन पहले दिन ही पूरी तरह से सफल हो गया है. यूक्रेन-युद्ध प्रसंग सबसे जटिल मुद्दा था, जिसका बड़ी खूबसूरती से हल निकाल लिया गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख़ुद आमराय की जानकारी शिखर-सम्मेलन में दी. उन्होंने कहा, हमारी टीम के हार्ड वर्क से और आप सभी के सहयोग से नई दिल्ली जी-20 लीडर्स घोषणा पत्र पर आम सहमति बनी है.

राजनीतिक-दृष्टि से प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम एशिया के रास्ते यूरोप से जुड़ने की जिस महत्वाकांक्षी-योजना की घोषणा की है, वह एक बड़ा डिप्लोमैटिक-कदम है. इस परियोजना में भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई, यूरोपियन संघ, फ्रांस, इटली और जर्मनी शामिल होंगे.

वैश्विक-भरोसा कायम करने में सफल जी-20


लीडर्स घोषणा पत्र पर आमराय बन जाने के साथ जी-20 का नई दिल्ली शिखर सम्मेलन पूरी तरह से सफल हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख़ुद इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, हमारी टीम के हार्ड वर्क से और आप सभी के सहयोग से नई दिल्ली जी-20 लीडर्स घोषणा पत्र पर आम सहमति बनी है। घोषणापत्र पर आमराय बनना और अफ्रीकन यूनियन को समूह का इक्कीसवाँ सदस्य बनाना इस सम्मेलन की उपलब्धियाँ हैं। ऐसा लगता है कि भारत की सहायता करने के लिए पश्चिमी देशों ने अपने रुख में थोड़ी नरमी भी बरती है। 

सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत हालांकि शनिवार को हुई, पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के भारत की ज़मीन पर आगमन के साथ ही समां बन गया था। हवाई जहाज से उतरते ही वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर पहुँचे, जो अपने आप में असाधारण गतिविधि है। देर रात हुई द्विपक्षीय-वार्ता और उसके बाद ज़ारी संयुक्त बयान से भारत-अमेरिका रिश्तों, वैश्विक-राजनीति की दिशा और जी-20 की भूमिका इन तीनों बातों पर रोशनी पड़ी है। सम्मेलन का मूल-स्वर इसी मुलाक़ात से स्थिर हुआ है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अनुपस्थिति ने कुछ अनिश्चय जरूर पैदा किए, पर सम्मेलन सफल हो गया।