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Thursday, November 5, 2020

अमेरिका में 120 साल बाद रिकॉर्ड मतदान



अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में भारी मतदान के संदर्भ में जो शुरुआती जानकारी मिली है, उसके अनुसार 1900 के बाद अमेरिका में इतना जबर्दस्त मतदान हुआ है। फ्लोरिडा विवि के प्रोफेसर माइकेल मैक्डोनाल्ड ने ट्वीट किया है कि 120 साल बाद अमेरिका में सबसे ज्यादा मतदान हुआ है। उनका अनुमान है कि इसबार करीब 16 करोड़ यानी 66.9 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले हैं। सन 1900 में 73.2 फीसदी वोट पड़े थे। हालांकि इसबार का मतदान के प्रतिशत अभी शुरुआती अनुमान ही है, क्योंकि डाक के मत अभी आ ही रहे हैं।  


दुनियाभर के देशों के मतदाताओं और मतदान से जुड़ा डेटा रखने वाली संस्था इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस के अनुसार भारत के मुकाबले अमेरिकी मतदान कहीं नहीं है। अमेरिका में करीब 21 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं वहीं भारत के पिछले लोकसभा चुनाव में 91 करोड़ से ज्यादा मतदाता पंजीकृत थे। इंडोनेशिया दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहाँ 2019 में 19.29 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे। भारत में मतदान पूरा होने में करीब डेढ़ महीने का समय लगता है, जबकि अमेरिका और इंडोनेशिया में यह एक दिन में ही पूरा होता है। इनके अलावा ब्राजील, रूस, बांग्लादेश, पाकिस्तान और जापान में 10 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं।

 

 

Tuesday, October 27, 2020

अमेरिका में 'अर्ली वोटिंग' की आँधी


अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में अब सात दिन रह गए हैं और वहाँ डाक से वोट पड़ने वाले वोटों की आँधी आ गई है। नवीनतम सूचना के अनुसार करीब 6.2 करोड़ वोटर अपने अधिकार का इस्तेमाल कर चुके हैं। अर्ली वोटिंग का एक नया रिकॉर्ड अभी कायम हो चुका है। समय से पहले इतने वोट पहले कभी नहीं पड़े थे। डाक से इतनी भारी संख्या में वोटिंग का मतलब है कि अमेरिकी मतदाता कोरोना के कारण बाहर निकलने से घबरा रहा है।

अमेरिका में वोटरों की संख्या करीब 23 करोड़ है। सन 2016 के चुनाव में करीब 14 करोड़ ने वोट दिया था। पर्यवेक्षकों का अनुमान है कि इसबार 15 से 16 करोड़ के बीच वोट पड़ेंगे। सामान्यतः अमेरिका में 65 से 70 फीसदी मतदान होता है। सवाल यह भी है कि क्या इसबार 80 फीसदी तक मतदान होगा?  ज्यादा मतदान का फायदा किसे होगा? अभी तक का चलन यह रहा है कि अर्ली वोट में डेमोक्रेट आगे रहते हैं और चुनाव के दिन के वोट में रिपब्लिकन। इसबार जो बिडेन ने लोगों से अपील की है कि वे अर्ली वोट करें। दूसरी तरफ ट्रंप ने डाक से आए वोटों को लेकर अंदेशा व्यक्त किया है।

Sunday, December 21, 2014

उत्साहवर्धक है कश्मीर की वोटिंग

बहुत कुछ कहता है भारी मतदान

  • 51 मिनट पहले

चुनाव, कश्मीर

झारखंड और भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव अपने राजनीतिक निहितार्थ के अलावा सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज़ से महत्वपूर्ण होते हैं.
इन दोनों राज्यों में शांतिपूर्ण तरीक़े से मतदान होना चुनाव व्यवस्थापकों की सफलता को बताता है और मतदान का प्रतिशत बढ़ना वोटर की जागरूकता को.
दोनों राज्यों के हालात एक-दूसरे से अलग हैं, पर दोनों जगह एक तबक़ा ऐसा है जो चुनावों को निरर्थक साबित करता है.
इस लिहाज से भारी मतदान होना वोटर की दिलचस्पी को प्रदर्शित करता है.

पढ़ें लेख विस्तार से


चुनाव, कश्मीर

भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों ने चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया था और झारखंड में माओवादियों का डर था.
दोनों राज्यों में भारी मतदान हुआ. यूं भी सन 2014 को देश में भारी मतदान के लिए याद किया जाएगा. साल का अंत भारतीय लोकतंत्र के लिए कुछ अच्छी यादें छोड़कर जा रहा है.
भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर में पिछले 25 साल का सबसे भारी मतदान इस बार हुआ है.
सन 2002 के विधान सभा चुनावों ने कश्मीर में नया माहौल तैयार किया था, पर घाटी में मतदान काफ़ी कम होता था. पर इस बार कहानी बदली हुई है.
इस चुनाव का सबसे महत्वपूर्ण पहले और दूसरे दौर का मतदान था. दोनों में 71 फ़ीसदी से ज़्यादा वोट पड़े.