नया साल आपके लिए और मेरे लिए कैसा होगा, इसका पता लगाने के दो तरीके हैं। या तो किसी ज्योतिषी की शरण में जाएँ या वैश्विक घटनाक्रम की जटिल गुत्थियों को समझने की कोशिश करें। समझें ही नहीं, भी देखें कि हमारे ऊपर उनका क्या असर होने वाला है। 2020 में जनवरी के महीने में हमें पता नहीं था कि हम खतरे से घिरने वाले हैं। ज्यादा से ज्यादा कुछ लोगों को खबर थी कि चीन में कोई बीमारी फैली है। फैली है, तो हमारी बला से। दो-तीन महीनों के भीतर हमने उस बीमारी को भारत में, और फिर अपने आसपास प्रवेश करते देख लिया।
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Sunday, January 5, 2025
2025: दुनिया की गति और हमारी प्रगति
देखते ही देखते इक्कीसवीं सदी का 24वाँ साल गुज़र गया और 25वाँ आ गया। जिस सदी को लेकर बड़े-बड़े सपने थे, उसके एक चौथाई साल 2025 में पूरे हो जाएंगे। किधर जा रही है दुनिया और कहाँ खड़े हैं हम? देश की करीब 145 करोड़ की आबादी में पाँच से दस करोड़ लोगों ने 31 की रात नए साल का जश्न मनाकर स्वागत किया। शायद इतने ही लोगों को नए साल के आगमन की जानकारी थी, पर वे जश्न में शामिल नहीं थे। इतने ही लोगों ने सुना कि नया साल आ गया और उन्होंने यकीन कर लिया। फिर भी 100 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे होंगे, जिन्हें किसी के आने और जाने की खबर नहीं थी। उनकी वह रात भी वैसे ही बीती जैसे हमेशा बीतती है-सर्द और अंधेरी।
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