इसी हफ्ते गृहमंत्री सुशील शिंदे ने बताया कि नेशनल
काउंटर टैररिज्म सेंटर (एनसीटीसी) के गठन का प्रस्ताव पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।
उसे देश की राजनीति खा गई। इन दिनों इंटेलीजेंस ब्यूरो और नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी
तथा सीबीआई के बीच इशरत जहाँ के मामले को लेकर जवाबी कव्वाली चल रही है। सीबीआई के
ऊपर आपराधिक मामलों की जांच की जिम्मेदारी है। और खुफिया एजेंसियों के पास देश के खिलाफ
होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने की। दुनिया के किसी देश की खुफिया एजेंसी
नियमों और नैतिकताओं का शत-प्रतिशत पालन करने का दावा नहीं कर सकती। इसीलिए खुफिया
एजेंसियों के कई प्रकार के खर्चों को सामान्य लेखा परीक्षा के बाहर रखा जाता है। उनकी
गोपनीयता को संरक्षण दिया जाता है। बहरहाल इस मामले में अभी बहस चल ही रही थी कि बोधगया
में धमाके हो गए। वहाँ तेरह बम लगाए गए थे, जिनमें से दस फट गए। यह सब तब हुआ जब खुफिया
विभाग ने पहले से सूचना दे रखी थी कि बोधगया ही नहीं अनेक बौद्ध स्थलों पर हमला होने
का खतरा है।