दिल्ली सेवा-विधेयक को लोकसभा ने पास कर दिया और सोमवार 7 अगस्त वह राज्यसभा से भी पास हो गया। लोकसभा में सत्तारूढ़ दल के बहुमत को देखते हुए इसके पास होने में संदेह नहीं था। राज्यसभा में भी उसके पास होने के आसार थे, पर जिस बहुमत से वह पास हुआ है, उससे लगता है कि विरोधी गठबंधन से भी कुछ वोट उसके पक्ष में गए हैं। ऐसा तब हुआ, जब विपक्ष ने अपनी पूरी ताकत लगा दी, यहाँ तक कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ह्वील चेयर पर बैठकर वोट देने आए और शिबू सोरेन भी मौजूद रहे। मतदान के समय गैर-भाजपा पार्टियों का जो रुख रहा है, वह भविष्य की राजनीति की ओर इशारा कर रहा है। इस दौरान आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा का एक प्रस्ताव विवाद का विषय बन गया, जिसी जाँच होगी.
आज मंगलवार से अविश्वासप्रस्ताव पर भी चर्चा होगी। 10 अगस्त को प्रधानमंत्री जब इसपर हुई बहस का उत्तर देंगे, तब देश की निगाहें बहुत सी बातों पर होंगी। पिछले साढ़े चार या साढ़े नौ साल के प्रसंग उठेंगे। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी। उनकी संसद सदस्यता भी बहाल हो गई है। वे भी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेंगे। सत्र में अब यही हफ्ता शेष है, पर जो भी होगा वह रोचक और सनसनीखेजहोगा। बीजेपी ने लोकसभा सदस्यों को ह्विप जारी कर दिया है, जिसमें उनसे 7 से 11 अगस्त के बीच सदन में उपस्थित रहने और सरकार का समर्थन करने के लिए कहा गया है।