खेल को पेशा बनाने का नतीजा |
सतीश आचार्य का कार्टून |
स्पॉट फिक्सिंग मामले में जेल से छूटने के बाद एस श्रीशांत ने
कहा कि मैं इस प्रकरण को कभी नहीं भूलूँगा। इसने मुझे कई चीजें सिखाई हैं। श्रीशांत,
अंकित चह्वाण और अजित चंडीला को एक आप खारिज कर दीजिए, भर्त्सना कीजिए। पर सब जानते
हैं कि इस पापकर्म के वे सूत्रधार नहीं हैं। अपने पैरों पर कुल्हाड़ी इन्होंने मारी
है। इनके पास इज़्जत, शोहरत और पैसे की कमी नहीं थी। खेल जीवन में यह सब इन्हें मिलता।
फिर भी इन्होंने अपना करियर चौपट करना मंज़ूर किया। किस लालच ने इन्हें इस गलीज़ रास्ते
पर डाला? उसी क्रिकेट ने जिसे यह खेल समझ कर आए थे। हमारे
जीवन में पहले से मौज़ूद ‘फिक्सिंग’ शब्द
को आईपीएल ने नया आयाम दिया है। यह अति उत्साही कारोबारियों का कमाल है, जिन्होंने
सब देखा उस गड़्ढे को नहीं देखा जिसपर उनके कदम पड़ चुके हैं।