नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह जबर्दस्त मीडिया ईवेंट साबित होना ही था। पर पत्रकारों की समझदारी इस बात में थी कि वे अंतर्विरोधों को कितनी बारीकी से पकड़ते हैं। हिंदी के ज्यादातर अखबारों ने भक्तिभाव से कवरेज की और ज्यादा प्रभाव डिजाइन से डालने की कोशिश की। मास्टहैड की तस्वीर को लेकर कोई रचनात्मक योजना दिखाई नहीं पड़ी। ज्यादातर मुहावरे राजतिलक, राज्याभिषेक तक सीमित हैं। इनसे तो एक्सप्रेस का He Signs in बेहतर है। अंतर्कथाएं भी नहीं हैं। खबरों में भी दिल्ली के एक्सप्रेस और कोलकाता के टेलीग्राफ में नयापन था। खासतोर से टेलीग्राफ में शंकर्षण ठाकुर की रपट। अलबत्ता पाकिस्तान के अखबारों ने आज इस खबर को जैसा महत्व दिया है, वह ध्यान खींचता है। आज की कुछ कतरनें
The Telegraph
Indian Express
Pakistan
उत्कृष्ट प्रस्तुति.
ReplyDeleteखूबसूरत संकलन...
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