जिस बात की उम्मीद काफी दिन से थी, वह मूर्त रूप लेती दिखाई पड़ रही है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी पार्टी बनाने जा रहे हैं। हालांकि पार्टी का नाम, ध्वज और चिह्न अभी सामने नहीं आए हैं, पर इरादे साफ हैं। वे कांग्रेस छोड़ेंगे और नई पार्टी बनाएंगे। मंगलवार की शाम उन्होंने घोषणा की कि मैं नई पार्टी बनाऊँगा और सम्भवतः अकाली दल के एक धड़े और बीजेपी के साथ गठबंधन भी करूँगा। इस गठजोड़ में शिरोमणि अकाली दल (बादल) से अलग हो चुके सुखदेव सिंह ढींढसा और रणजीत ब्रह्मपुरा के गुट को भी जोड़ेंगे।
कैप्टेन का कहना है कि बीजेपी के साथ गठबंधन के
पहले किसान आंदोलन का सही समाधान निकलना जरूरी है। किसान आंदोलन का समाधान उनके हित में हो जाता है तो पंजाब में भाजपा के साथ समझौते को लेकर भी वे विचार करेंगे। मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा
देने के बाद कैप्टन ने गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी। तब लग रहा
था कि शायद वे भाजपा में शामिल होंगे। अमरिंदर के बयान पर नवजोत सिंह सिद्धू के
करीबी नेता और पंजाब के मंत्री परगट सिंह ने कहा कि मैं पहले से कहता रहा था कि उनकी
बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल के साथ साठगाँठ है। यह बात अब खुलकर सामने आ रही है।
किसान आंदोलन
अमरिंदर ने एक इंटरव्यू में संकेत दिए हैं कि
दिल्ली में सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहा
किसान आंदोलन जल्दी ही एक प्रस्ताव की तरफ आगे बढ़ सकता है। इसमें केन्द्र सरकार
किसानों से बात करेगी। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानूनों का मसला हल होने के बाद
ही हम बीजेपी के साथ गठबंधन करेंगे। किसान आंदोलन से
पहले पंजाब में मोदी सरकार का कोई विरोध नहीं था। उन्होंने खुलासा किया कि किसान
आंदोलन खत्म करवाने के लिए भी कोशिशें चल रही हैं।
अमरिंदर ने कहा कि उनका फोकस 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर पंजाब में सरकार बनाने पर रहेगा। भाजपा से किसी तरह के वैचारिक दिक्कत के मामले में अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैं पंजाब के साथ खड़ा हूँ और मेरे लिए पंजाब का हित सबसे ऊपर हैं। साथ ही यह भी कहा कि बीजेपी सांप्रदायिक पार्टी नहीं है। उन्होंने भाजपा के एंटी मुस्लिम होने को भी गलत करार दिया।
लखबीर की हत्या
अमरिंदर ने सिंघु बॉर्डर पर तरनतारन के दलित
युवक लखबीर सिंह की हत्या को खौफनाक करार दिया। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि
उस युवक ने कोई बेअदबी की होगी। वहां काफी संख्या में लोग मौजूद थे। जिस व्यक्ति
ने युवक की हत्या की, हो सकता है कि वह नशे में रहा हो।
निहंग एक तरह का नशा लेते हैं, जिसे सुखा कहा जाता है।
अमरिंदर ने देश और पंजाब की सुरक्षा के मुद्दे
पर भी बात की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और खालिस्तानी
आतंकी स्लीपर सेल के जरिए पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश में हैं। बतौर मुख्यमंत्री
यह बात पिछले 3 साल से मैं यह मुद्दा उठाता रहा हूँ।
उन्होंने कहा कि पंजाब में ड्रोन के जरिए
बॉर्डर पार से हथियार, ड्रग्स और रुपए भेजने का मामला
चिंताजनक है। पंजाब का 600 किलोमीटर लम्बा इलाका इंटरनेशनल बॉर्डर से सटा है। इसको
लेकर कोई साजिश रची जा रही है, जिसके बारे में पता ही नहीं है। इसी
चिंता की वजह से वह पिछले दिनों दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल
से मिले थे।
ढींढसा की प्रतिक्रिया
उधर सुखदेव सिंह ढींढसा ने कहा कि हमने अमरिंदर
सिंह का बयान देखा है, पर हमारे सामने उन्होंने कोई प्रस्ताव नहीं रखा है। जब वे
बात करेंगे, तभी कुछ कहा जा सकेगा। अलबत्ता फैसला मुझे नहीं पार्टी को करना है।
ढींढसा को पिछले साल फरवरी में शिरोमणि अकाली
दल से हटाया गया था। उसके बाद उन्होंने रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा के साथ मिलकर
शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) का गठन किया था। भारतीय जनता पार्टी की पंजाब शाखा के
महामंत्री सुभाष वर्मा ने कहा कि अमरिंदर का बीजेपी के साथ आना हमारे लिए अच्छा
होगा। वे इस समय पंजाब के सबसे बड़े नेता हैं। यदि वे नई पार्टी बनाना चाहते हैं
और बीजेपी के साथ सहयोग की इच्छा रखते हैं, तो यह पंजाब के हित में होगा।
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