पश्चिमी युन्नान प्रांत की ग्रैंड मस्जिद शादियान के गुंबद और मीनारें गिराकर उसे चीनी शैली की इमारत बना दिया गया। चित्र में ऊपर पुरानी मस्जिद और नीचे उसकी बदली तस्वीर। चित्र द गार्डियन से साभार |
मुसलमानों को सुधार-गृहों के नाम पर बने
डिटेंशन-सेंटरों के नाम पर वस्तुतः जेलों में रखा जा रहा है. इनमें लाखों
व्यक्तियों को न्यायिक-प्रक्रिया के बगैर, ‘सुधार’ के नाम पर कैद किया जा रहा है. शिनजियांग प्रांत में
600 से ज्यादा ऐसे गाँवों के नाम बदल दिए गए हैं, जिनसे धार्मिक-पहचान प्रकट होती
थी. मस्जिदों के गुंबदों और मीनारों को हटाकर
उन्हें चीनी शैली की इमारतों में बदला जा रहा है.
पहले माना जाता था कि यह दमन केवल शिनजियांग
प्रांत के वीगुर समुदाय तक सीमित है, पर हाल में आई खबरें बता रही हैं कि यह दमन-चक्र
देश भर में चल रहा है. पिछले एक दशक से ओआईसी ने चीन में मुसलमानों के मसले पर
पूरी तरह मौन साध रखा है. मुस्लिम-हितों के लिए मुखर रहने वाला पाकिस्तान भी इस
मामले में कुछ नहीं बोलता.
इस गतिविधि ने खासतौर से 2015 के बाद से जोर पकड़ा है, जब राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने धर्मों के ‘चीनीकरण (सिनिसाइज़ेशन)’ का आह्वान किया था. चीनीकरण के साथ ‘फोर एंटर’ अभियान भी चल रहा है, जिसका मतलब है कि हरेक मस्जिद में चार बातों को अहमियत दी जाएगी.