2024 के लोकसभा चुनाव से जुड़े सभी एग्ज़िट पोल में कमोबेश अनुमान है कि नरेंद्र मोदी सरकार सफलता की तिकड़ी लगाने जा रही है। कुछ नतीजों में ‘400 पार’ की बात भी है। पर यह अपने आप में उतनी बड़ी बात नहीं है, जितनी दक्षिण भारत, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में एनडीए की सफलता है। यह सफलता वास्तव में 4 जून को साबित हो गई, तो बड़ी बात होगी। केरल में पहली बार बीजेपी को सीट मिलने की संभावना है। तमिलनाडु में भी सफलता की संभावना है। ज्यादा बड़ी सफलता कर्नाटक, आंध्र और तेलंगाना में दिखाई पड़ रही है। इन सफलताओं को जोड़कर देखें, तो भारतीय जनता पार्टी, दक्षिण भारत में सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उभरेगी। पिछले दिनों जब तेलंगाना विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी, तब कहा जा रहा था कि उत्तर और दक्षिण भारत अलग-अलग नज़रियों से सोचते हैं।
इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी का नारा था, ‘बीजेपी दक्षिण में साफ, उत्तर में हाफ।’ पर व्यावहारिक रूप से देखें तो इस बात को कांग्रेस पर लागू किया जा सकता है, ‘उत्तर में साफ, अब दक्षिण में हाफ।’ उनकी रणनीति अपनी जीत को सुनिश्चित करने की नहीं, बल्कि मोदी को हराने की है। बहरहाल ‘इंडिया’ गठबंधन ने एग्ज़िट पोल के इन निष्कर्षों को स्वीकार ही किया है। शनिवार को दिल्ली में हुई गठबंधन की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमें 295 से ज्यादा सीटें मिलने वाली हैं। उनका कहना था कि यह संख्या हमारे सहयोगी दलों के ज़मीनी कार्यकर्ताओं की सूचना पर आधारित है। केवल एक संख्या उन्होंने बताई 295+। इसका विस्तार उन्होंने नहीं किया। मसलन यह नहीं बताया कि किस राज्य में किसे कितनी सीटें मिल सकती हैं। उनकी बात की परीक्षा भी 4 जून को हो जाएगी।