निवर्तमान मुख्यमंत्री वी नारायणसामी और राज्यपाल तमिलसाई सौंदरराजन |
पुदुच्चेरी में कांग्रेस सरकार गिर गई है। वहाँ किसी नए गठबंधन की सरकार बनेगी या नहीं, यह बात कुछ दिन में स्पष्ट होगी। कांग्रेसी पराजय के बाद कहा जा रहा है, हालांकि पार्टी को भरोसा है कि आगामी चुनाव में उसे हमदर्दी का लाभ मिलेगा, पर मुख्यमंत्री वी नारायणसामी तथा हाईकमान ने पार्टी के भीतर असंतोष की अनदेखी की। इंडियन एक्सप्रेस में मनोज सीजी ने लिखा है कि कांग्रेस के नेता मानते हैं कि पार्टी के भीतर पनप रहे असंतोष और कुछ विधायकों की कमजोरी को लेकर नारायणसामी और हाईकमान के मन में अतिशय आत्मविश्वास था और उन्होंने स्थिति की गंभीरता को नहीं पहचाना। पार्टी ने पिछले साल मध्य प्रदेश में बनी बनाई सरकार को खोया है और उससे पहले 2019 में कर्नाटक में जेडीएस के साथ बनी गठबंधन सरकार गिरी थी।
कांग्रेस के
नेताओं का कहना है कि पुदुच्चेरी में उसके विधायकों को चारा डालने का काम 2018 में
ही शुरू हो गया था। विधायक ई थीप्पैंथन और विज़ियावैनी वी ने तत्कालीन स्पीकर वी
वैदिलिंगम से शिकायत की थी कि अद्रमुक के दो और एनआर (नमतु राज्यम) कांग्रेस के एक
विधायक ने दल बदलने के लिए धन देने की पेशकश की है। स्पीकर को ऑडियो रिकॉर्डिंग
सौंपी गई थीं।
सम्पर्क करने पर
वैदिलिंगम ने इस बात की पुष्टि की कि उन्हें शिकायत मिली थी। उन्होंने जाँच की, तो
वे किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पाए। सन 2019 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने के
लिए इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि उनके बाद स्पीकर बने वीपी
सिवकोलुन्दु ने इस मामले को आगे बढ़ाना उचित नहीं समझा। एक नेता का कहना है कि हम
जानते थे कि कोशिशें हुई थीं…हमारे कुछ विधायक और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री ए
नमस्सिवायम परेशान भी थे। पर हम इस मामले में कुछ कर नहीं पाए।
पार्टी हाईकमान से जुड़े एक नेता ने कहा, नमस्सिवायम जैसे नेताओं को महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो दिया गया था। और क्या देते? यदि वे मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, तो उन्हें विधायकों का समर्थन हासिल करना चाहिए था। अब वे बीजेपी में शामिल हो गए हैं। बीजेपी का अद्रमुक और एनआर कांग्रेस के साथ गठबंधन होगा। एनआर कांग्रेस के नेता एन रंगासामी मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। वे पहले भी मुख्यमंत्री रहे हैं। नमस्सिवायम को क्या मिलेगा? नमस्सिवायम के ससुर रंगासामी के बड़े भाई हैं।
अभी जिस बात का
जिक्र नहीं हो रहा है, वह यह कि स्पीकर सिवकोलुन्दु भी कांग्रेसी नेताओं की
निगाहों में संदेहास्पद हो गए हैं। उन्होंने प्रलोभन से जुड़ी शिकायत पर आगे
कार्यवाही नहीं की। पिछले कुछ दिनों की उनकी गतिविधि भी संदिग्ध रही है। नारायणसामी
को उम्मीद थी कि भाजपा के तीन मनोनीत विधायकों को स्पीकर मतदान की अनुमति नहीं
देंगे। पर उन्होंने सदन में कुछ नहीं कहा।
एक नेता ने कहा कि
यदि अगले कुछ दिनों में स्पीकर सिवकोलुन्दु इस्तीफा देकर किसी दूसरी पार्टी में
शामिल हो जाएं, तो इसमें हमें आश्चर्य नहीं होगा। आगामी 25 फरवरी को प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी पुदुच्चेरी आ रहे हैं। बीजेपी उनकी यात्रा को सफल बनाना चाहेगी। उधर
नारायणसामी के आलोचक कहते हैं कि हाईकमान को पार्टी के भीतर पनप रहे असंतोष पर
ध्यान देना चाहिए था। पार्टी ने उन्हें काफी खुला हाथ दिया, जबकि काफी नेता दुखी
थे।
अमित शाह की
योजना
इस सिलसिले में
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि पुदुच्चेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी की अभूतपूर्व
तरीके से एकाएक विदाई केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का एक सोचा समझा कदम था। केंद्र
का यह कदम भाजपा आलाकमान के इस विश्वास के कारण उठाया गया था कि वह कांग्रेस के
मुख्यमंत्री वी नारायणसामी की सरकार को गिरा सकती है। भाजपा नहीं चाहती थी कि पहले
से ही बेदी के खिलाफ अभियान चला रही नारायणसामी सरकार को बेदी के रहते कोई
सहानुभूति बटोरने का मौका मिले।
बेदी और
नारायणसामी के बीच पिछले चार साल से विवाद अनवरत जारी था। बेदी को हटाए जाने से एक
उत्तर भारतीय पुलिस अधिकारी बनाम दक्षिण भारतीय राज्य की सरकार के मसले को चुनावी
मुद्दा बनाने का मौका नारायणसामी के हाथ से निकल गया है। उत्तराधिकारी भी रणनीति
के तहत बेदी के उत्तराधिकारी का चयन भी रणनीति का ही हिस्सा था। उपराज्यपाल का
अतिरिक्त कार्यभार संभालने वाली तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसाई सौंदरराजन न केवल पुदुच्चेरी
की हैं, बल्कि उनका ताल्लुक
नारायणसामी के ही नाडार समाज से भी है। इस तरह से वे भाजपा और केंद्र के खिलाफ
चलाए जा रहे अभियान को निश्चित ही लगाम लगा देंगी।
कांग्रेस को यह
झटका ऐसे वक्त लगा, जब राहुल गांधी राज्य के मामलों पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे
और उन्होंने अपने खास दिनेश गुंडूराव को पुदुच्चेरी का प्रभार सौंपा हुआ है। एक
पखवाड़े से राहुल गांधी ने कई बैठकों में भाग लिया है और उनकी पुदुच्चेरी यात्रा
की पूर्व-संध्या पर ही भाजपा ने उनकी पार्टी को झटका दे डाला। मोदी-शाह-नड्डा की
तिकड़ी ने दो वरिष्ठ नेताओं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल और राजीव चंद्रशेखर को
विधानसभा चुनावों के प्रबंधन का जिम्मा सौंपा है। पार्टी को पुदुच्चेरी में जीत की
उम्मीद है।
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