हिन्दू में सुरेन्द्र का कार्टून |
आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल करीब दो साल की खामोशी के बाद फिर से अपनी पुरानी शैली में वापस आते नजर आ रहे हैं। इन दिनों दिल्ली में पंजाब से आए किसानों के समर्थन में दिए गए वक्तव्यों के अलावा गत गुरुवार 17 दिसंबर को दिल्ली विधानसभा में उनके बयानों में उनकी पुरानी राजनीति की अनुगूँज थी।
उन्होंने केंद्र
सरकार को संबोधित करते हुए कहा, कोरोना काल में क्यों ऑर्डिनेंस पास किया? पहली बार राज्यसभा में बिना वोटिंग के 3 बिल को कैसे पास कर
दिया गया? सीएम ने कहा कि दिल्ली विधानसभा केंद्र के कृषि
कानूनों को खारिज कर रही है। केंद्र सरकार कानून वापिस ले।
कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली विधानसभा में गुरुवार को एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था। सत्र की शुरुआत होने पर मंत्री कैलाश गहलोत ने एक संकल्प पत्र पेश किया, जिसमें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात कही गई। इसके बाद हर वक्ता को बोलने के लिए पांच मिनट का वक्त दिया गया। बाद में विधानसभा ने कृषि कानूनों को निरस्त करने का एक संकल्प स्वीकार कर लिया।
विधानसभा में मुख्यमंत्री
ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों की कॉपियों को फाड़ा। उन्होंने केंद्र सरकार से 'काले कानूनों' को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि सरकार अंग्रेजों से बदतर न
बने। सरकार और कितनी जान लेगी? अब तक 20 से ज्यादा किसान
इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं। एक-एक किसान भगत सिंह बनकर आंदोलन में बैठा है।
सरकार अंग्रेजों से बदतर न बने। अंग्रेजों ने तो 9 महीने में बिल वापस ले लिए थे।
उन्होंने कहा कि
बीजेपी वालों को भी कानूनों के फायदों की जानकारी नहीं है। 'सारे भाजपाइयों को अफीम खिला दी है, अफीम खिलाकर बोला है कि रट लो, यही बोलो। आज मैंने पूरा भाषण सुना योगी
आदित्यनाथ का,
उनको भी नहीं पता
कि इसका क्या फायदा है।'
केजरीवाल ने कहा,
मैं केंद्र सरकार वाले से कहता हूं तुम भी किसानों का वकील बनो। किसान इस देश का
अन्नदाता है। उसकी वकालत नहीं करोगे तो क्या दलालों की करोगे? उन्होंने कहा, 'आज सुप्रीम कोर्ट में केस था, कल भी था। हमारे वकील ने सुप्रीम कोर्ट में खड़े होकर कहा
कि किसानों की मांगें जायज हैं। मांगें मानी जानी चाहिए।
अपने पुराने
अंदाज में उन्होंने कहा, केस इसलिए था कि दिल्ली के बॉर्डर पर किसान बैठे हैं
इसलिए ट्रैफिक की दिक्कत हो रही है। हमारे वकील ने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार
जिम्मेदार है। आज अगर अभी केंद्र सरकार उनकी मांग मान ले तो धरना उठ जाएगा। इस पर
केंद्र सरकार का वकील बोला कि दिल्ली सरकार का वकील तो किसानों का वकील बना हुआ
है। मैं केंद्र सरकार वाले से कहता हूं तुम भी किसानों का वकील बनो। किसान इस देश
का अन्नदाता है। उसकी वकालत नहीं करोगे तो क्या दलालों की करोगे?'
उधर कृषि कानूनों
की कॉपी फाड़े जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मुख्यमंत्री अरविंद
केजरीवाल के खिलाफ शिकायत
दर्ज कराई है। बीजेपी आईटी सेल के अभिषेक दुबे ने सीएम केजरीवाल के खिलाफ संसद
मार्ग थाने में शिकायत दर्ज कराई है। अभिषेक दुबे ने अरविंद केजरीवाल पर किसानों
को भड़काने के उद्देश्य से बिल फाड़ने का आरोप लगाया है।
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