कांग्रेस पार्टी में कुछ वरिष्ठ नेताओं के असंतोष को लेकर करीब चार महीने की चुप्पी के बाद अंततः आज 19 दिसंबर को 10, जनपथ पर सोनिया गांधी की अध्यक्षता में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। बैठक पाँच घंटे तक चली। इसमें अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चह्वाण, शशि थरूर, मनीष तिवारी, अम्बिका सोनी, पी चिदंबरम समेत कुछ नेता शामिल हुए। इनके अलावा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी इस मौके पर उपस्थित थे। इस बैठक से पार्टी के भीतर का मौन तो टूटा है, पर किसी न किसी स्तर पर असंतोष बाकी है।
एनडीटीवी की वैबसाइट के अनुसार बैठक में राहुल गांधी ने कहा
कि मैं
उसी तरह काम करने को तैयार हूँ जैसा आप लोग कहेंगे। पवन बंसल के हवाले से यह
खबर देते हुए एनडीटीवी ने यह भी लिखा है कि जब पवन बंसल से पूछा गया कि क्या इससे
यह माना जाए कि राहुल फिर से अध्यक्ष बनने को तैयार हैं, तब बंसल ने कहा कि राहुल
को लेकर कोई मसला नहीं है, पर अपने शब्द मेरे मुँह से मत कहलवाइए। पार्टी अध्यक्ष
के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। यों भी असंतुष्ट इस बात को कह रहे हैं कि पार्टी
के महत्वपूर्ण पदों पर चुनाव होना चाहिए।
अखबार हिंदू की वैबसाइट के अनुसार पार्टी ने आंतरिक विषयों पर चिंतन-शिविर आयोजित करने का निश्चय किया है। यह जानकारी हिंदू ने पवन बंसल के हवाले से दी है। उधर समाचार एजेंसी एएनआई ने पृथ्वीराज चह्वाण के हवाले से खबर दी है कि बैठक सकारात्मक माहौल में हुई, जिसमें वर्तमान स्थितियों में पार्टी के हालचाल और उसे मजबूत बनाने के तरीकों पर विचार किया गया। एनडीटीवी की खबर के अनुसार राहुल गांधी ने इस बैठक में भी कुछ वरिष्ठ नेताओं को संबोधित करते हुए अपनी बात कहने में कोई कमी नहीं की। उन्होंने कमलनाथ को संबोधित करते हुए कहा कि जब आप मुख्यमंत्री थे, तब राज्य को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चला रहा था।
माना जा रहा है कि यह बैठक दोनों तरफ के प्रयासों का परिणाम
है। अगस्त में जिन 23 नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखा था, उनमें से 7-8
नेताओं ने पिछले हफ्ते कई बार आपसी विमर्श किया। इसके बाद सोनिया गांधी के पास एक
सूची भेजी गई, जिनमें कुछ नाम संभावित नाम थे, जो बैठक में शामिल हो सकते हैं। इन
प्रयासों के पीछे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ की भूमिका भी थी।
बैठक की पूर्व संध्या पर पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह
सुरजेवाला ने ट्वीट किया था कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव होगा, और उनके समेत 99.9 फीसदी
कांग्रेसी चाहते हैं कि राहुल ही अध्यक्ष बनें। उन्होंने यह बात पार्टी के संवाददाता
सम्मेलन में भी कही। उसमें सुरजेवाला ने पार्टी में असंतोष वगैरह की बात का जिक्र
नहीं किया, बल्कि कहा कि सारे विवाद
सुलझ चुके हैं। हिंदू के अनुसार जब यह बात एक असंतुष्ट को बताई गई, तो उसने
कहा सुलझ चुके हैं, तो यह बैठक क्यों?
शुक्रवार को ही
जब यह बात सुरजेवाला से कही गई, तो उन्होंने कहा, मैं पार्टी लाइन बयान कर रहा
हूँ। शनिवार की बैठक के संदर्भ में उन्होंने कहा कि पार्टी ने बंगाल, असम,
तमिलनाडु और केरल में आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में बैठकों की श्रृंखला
शुरू की है।
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