Friday, August 20, 2021

सोनिया गांधी के साथ 18 विरोधी दलों के नेताओं का वर्चुअल-संवाद


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार की शाम को प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक की। 19पार्टियों की इस बैठक में सोनिया ने कहा कि विपक्ष को वर्ष 2024 के आम चुनाव के लिए व्यवस्थित योजना बनानी होगी और दबावों/बाध्यताओं से ऊपर उठना होगा। सोनिया गांधी ने तमाम मतभेदों को भुलाकर मिलकर काम करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। बैठक में कांग्रेस के अलावा 1.तृणमूल कांग्रेस, 2.एनसीपी, 3.डीएमके, 4.शिवसेना, 5.जेएमएम, 6.सीपीआई, 7.सीपीएम, 8.नेशनल कॉन्फ्रेंस, 9.आरजेडी,10.एआईयूडीएफ, 11.वीसीके, 12.लोकतांत्रिक जनता दल, 13.जेडीएस, 14.आरएलडी, 15.आरएसपी, 16.केरल कांग्रेस मनीला, 17.पीडीपी और 18आईयूएमएल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

बैठक में कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और राहुल गांधी भी शामिल थे। दूसरी पार्टियों के प्रमुख नेताओं में फारूक अब्दुल्ला, एमके स्टालिन, ममता बनर्जी, हेमंत सोरेन, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, शरद यादव और सीताराम येचुरी शामिल थे। यह उपस्थिति काफी आकर्षक बताई जा रही है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि विरोधी दलों के बीच एकजुटता है। खासतौर से ममता बनर्जी की उपस्थिति ने इसे स्पष्ट किया है।

संवाद में आम आदमी पार्टी, बसपा और सपा की उपस्थिति दिखाई नहीं पड़ी। बताते हैं कि आम आदमी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी को निमंत्रित नहीं किया गया था। समाजवादी पार्टी का भी कोई नेता मीटिंग से नहीं जुड़ा। अखिलेश यादव किसी कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण जुड़ नहीं पाए और उनकी अनुपस्थिति में कोई दूसरा नेता भी इस संवाद में शामिल नहीं हो पया। इस बैठक के पहले हाल में कपिल सिब्बल के घर में भी रात्रिभोज पर एक बैठक हुई थी। हालांकि आज की बैठक से उसका कोई टकराव नहीं था, पर चूंकि कपिल सिब्बल जी-23 में शामिल किए जाते हैं, इसलिए उस बैठक के निहितार्थ भी इस बैठक के साथ देखे जाएंगे।  

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसी महीने विपक्षी दल के नेताओं के साथ ब्रेकफास्ट मीटिंग रखी थी। इसमें 14 दलों के नेता शामिल हुए थे। इस ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स का मकसद विपक्ष को एक साथ रखने की कोशिश थी। उन्हीं दिनों ममता बनर्जी ने दिल्ली का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने सोनिया गांधी समेत कई दूसरे नेताओं से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के जरिए उन्होंने केंद्र को संदेश दिया कि विपक्ष इतना कमजोर नहीं है, जितना सरकार समझ रही है।

आज की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, 'हम सभी की अपनी बाध्‍यताएं/ सीमाएं हैं, लेकिन समय आ गया है कि देश के हित में हम इन बातों से ऊपर उठें।' उन्होंने कहा, '2024 के आम चुनाव अंतिम लक्ष्य हैं। यह एक चुनौती है, लेकिन एकजुट होकर हम ऐसा कर सकते हैं। हमें ऐसा करना ही होगा क्‍योंकि एक साथ मिलकर काम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. 'उन्होंने विपक्षी पटियों से देश को ऐसी सरकार बनाने की योजना बनाने को कहा जो देश के स्वाधीनता आंदोलन के मूल्यों और संविधान के सिद्धांतों पर विश्‍वास करती हो। बैठक में विपक्ष की एकजुटता को मजबूत करने और अहम मुद्दों पर एक साझा रणनीति तैयार करने से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।

सूत्रों के अनुसार, इसमें अगले साल होने वाले विधान सभा चुनावों में विपक्षी दलों की एकजुटता बढ़ाने के विकल्पों पर भी बात हुई। कुछ समय पहले ही तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर अगले लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी दलों की एकजुटता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बड़े स्तर पर पहल की वकालत की थी। विपक्ष की कोशिश, एकजुट दिखाते हुए वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ मजबूत विकल्प पेश करने की है।

 

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