आम आदमी पार्टी ने घोषणा की है कि वह आने वाले समय में छह राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाग लेगी। ये राज्य हैं यूपी, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गुजरात। यह घोषणा दिल्ली के आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार 28 जनवरी को दिल्ली में की। दूसरी तरफ पार्टी ने किसान आंदोलन के दौरान अपनी गतिविधियाँ बढ़ाईं और 29 जनवरी को मुजफ्फरनगर में हुई किसानों की महापंचायत में रालोद के जयंत चौधरी के अलावा आम आदमी पार्टी के संजय सिंह भी मौजूद थे और दोनों ने सभा को संबोधित किया। इसके पहले हाथरस में एक दलित बालिका से हुए बलात्कार और हत्या के बाद भी संजय सिंह उस इलाके में गए थे।
पार्टी को किसान आंदोलन भी अपने आप को लांच करने का उपयुक्त प्लेटफॉर्म लगता है। उसने किसानों का सड़क से संसद तक समर्थन करने का ऐलान किया है। साथ ही कहा है कि आप कार्यकर्ता बिना पार्टी के झंडे और टोपी के किसानों के साथ खड़े होंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने धरने में किसानों के लिए दिल्ली से पानी और शौचालय की व्यवस्था कराकर हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया गाजीपुर बार्डर पहुंचकर हालात का जायजा ले चुके हैं।
पार्टी के उत्तर
प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने बताया कि ‘किसानों के आंदोलन को कुचलने के लिए
गाजीपुर बॉर्डर पर योगी सरकार ने पानी व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था हटवा दी है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है,
जबकि दिल्ली सरकार ने रात में ही किसानों के लिए पानी और शौचालय की व्यवस्था
उपलब्ध करा दी है।’ उन्होंने कहा कि पार्टी के विधायक, सांसद एक-एक कार्यकर्ता सेवादार बन कर सेवा कर
रहे हैं, लेकिन योगी सरकार किसानों को बदनाम कर रही है। उनके ऊपर लाठीचार्ज कर रही
है।
पार्टी की राष्ट्रीय
परिषद की बैठक में केजरीवाल ने कहा कि हम अगले दो वर्षों में इन छह राज्यों में
चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले केजरीवाल ने दिसंबर में यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ने का
ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि साल 2022 में होने वाले विधानसभा
चुनाव में आम आदमी पार्टी हिस्सा लेगी। इससे पहले उत्तराखंड की सभी 70 सीटों पर भी पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया
है। अभी तक दिल्ली से बाहर आम आदमी पार्टी को खास कामयाबी नहीं मिली है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब पार्टी दिल्ली के बाहर अपने पांव
पसारने की कोशिश कर रही है। शुरुआती वर्षों में जब पार्टी को बाहर के राज्यों में
विफलता मिली थी, तब उसने माना था कि हमने पाँव पसारने में जल्दबाजी की है। वस्तुतः
पार्टी के पास दिल्ली के बाहर केवल पंजाब में ही संगठनात्मक आधार है।
पंजाब, गोवा, हरियाणा में मिली निराशा
दिल्ली पर ध्यान
केंद्रित रखते हुए पार्टी ने प्रदेश में दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ा। आप ने साल
2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने का
फैसला कर लिया। जोरदार चुनाव प्रचार के बीच आप ने पंजाब में पूर्ण बहुमत लाने का
दावा किया था लेकिन निराशा हाथ लगी। गोवा में भी आम आदमी पार्टी ने किस्मत आजमाने
की कोशिश की थी। पार्टी गोवा में एक भी सीट नहीं जीत पाई। 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में पार्टी के एक भी उम्मीदवार नहीं
पहुंच सके।
पिछले साल हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी उतरी
थी, पर एक भी उम्मीदवार जीत दर्ज करने में सफल नहीं रहा। पार्टी के ज्यादातर
प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। उसके पहले पार्टी ने हरियाणा और दिल्ली में
कांग्रेस के साथ गठबंधन का प्रयास किया था, जिसमें उसे सफलता नहीं मिली।
गुजरात में भी विफलता
गुजरात के साल 2017 के विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए आम आदमी पार्टी ने जोर-शोर के साथ तैयारी की थी लेकिन जब चुनाव का वक्त आया तो सिर्फ 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। पार्टी को यहां से न सिर्फ एक भी सीट नहीं मिली बल्कि कई प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। कई सीटों पर आप उम्मीदवारों को 400 से भी कम वोट मिले। बहुत कम उम्मीदवारों ने हजार वोटों का आंकड़ा पार किया। पार्टी ने राघव चड्ढा को पंजाब, आतिशी मारलेना को गुजरात, दिनेश मोहनिया को उत्तराखंड की जिम्मेदारी दी है।
पश्चिम
महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश के निकाय
और पंचायत चुनाव में आंशिक सफलताओं से पार्टी उत्साहित लगती है। जम्मू-कश्मीर में
भी जिला विकास काउंसिल की एक सीट पर उसे जीत मिली है। डोडा जिले की काहरा विधानसभा
क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी महराज मलिक ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप
में 3 हजार मतों से जीत दर्ज की है।
महाराष्ट्र
पंचायत चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 300 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। जिसमें 145
प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। आप को चार ग्राम पंचायतों में पूर्ण बहुमत भी
प्राप्त हुआ है। इसे महाराष्ट्र की राजनीति में आम आदमी पार्टी की दमदार एंट्री
माना जा रहा है।
पार्टी ने
हिंगोली में 11, लातुर में 5, जालना में 4, शोलापुर में 11, नागपुर में 6, गढ़चिरौली में 29, वाशिम में एक, यवतमाल में 41, बुलढाना में 18, चंद्रपुर में 10, भंडारा में 3 सीटों पर
जीत दर्ज की है। इसके अलावा चार ग्राम पंचायत पैनल्स में भी पूर्ण बहुमत हासिल
किया है।
इसी तरह हिमाचल
पंचायत चुनावों में 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाली आम आदमी पार्टी ने 36 सीटों
पर जीत दर्ज की। इनमें पार्टी ने मंडी में 15,
हमीरपुर में 9, कांगड़ा में 4 और शिमला में 8
सीटों पर जीत दर्ज की है। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के
क्षेत्र में किए गए कार्यों को चुनाव प्रचार के दौरान लोगों के बीच रखा।
आजतक पॉडकास्टमें इस विषय पर मेरे विचार सुनें यहाँ
https://www.aajtak.in/podcast/din-bhar/audio/will-farmers-movement-sustain-its-momentum-aap-national-council-meeting-hamid-amsari-book-1199376-2021-01-28
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