अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में अब सात दिन रह गए हैं और वहाँ डाक से वोट पड़ने वाले वोटों की आँधी आ गई है। नवीनतम सूचना के अनुसार करीब 6.2 करोड़ वोटर अपने अधिकार का इस्तेमाल कर चुके हैं। ‘अर्ली वोटिंग’ का एक नया रिकॉर्ड अभी कायम हो चुका है। समय से पहले इतने वोट पहले कभी नहीं पड़े थे। डाक से इतनी भारी संख्या में वोटिंग का मतलब है कि अमेरिकी मतदाता कोरोना के कारण बाहर निकलने से घबरा रहा है।
अमेरिका में वोटरों की संख्या करीब 23 करोड़ है। सन 2016 के चुनाव में करीब 14 करोड़ ने वोट दिया था। पर्यवेक्षकों का अनुमान है कि इसबार 15 से 16 करोड़ के बीच वोट पड़ेंगे। सामान्यतः अमेरिका में 65 से 70 फीसदी मतदान होता है। सवाल यह भी है कि क्या इसबार 80 फीसदी तक मतदान होगा? ज्यादा मतदान का फायदा किसे होगा? अभी तक का चलन यह रहा है कि अर्ली वोट में डेमोक्रेट आगे रहते हैं और चुनाव के दिन के वोट में रिपब्लिकन। इसबार जो बिडेन ने लोगों से अपील की है कि वे अर्ली वोट करें। दूसरी तरफ ट्रंप ने डाक से आए वोटों को लेकर अंदेशा व्यक्त किया है।
बावजूद इसके यह नहीं माना जा रहा है कि अर्ली वोट में डेमोक्रेट्स का पलड़ा भारी होगा। हो सकता है कि रिपब्लिकन वोटर प्रतिक्रिया में आगे आया हो। लगता यह है कि कुल वोटों में आधे से ज्यादा डाक-बैलट होंगे। अभी एक हफ्ते का समय बाकी है और अबतक पड़ चुके वोटों की संख्या 6.2 करोड़ होने का मतलब है कि यह संख्या आठ-नौ करोड़ भी हो सकती है। जो राज्य डेटा जारी करते हैं उनके विवरण पर ही जाएं, तो पता लगता है कि 8.7 करोड़ लोगों ने इसबार डाक से वोट देने की इच्छा व्यक्त की है। सीएनएन के अनुसार कुल पचास में से 33 राज्यों के वोटरों ने 2016 के चुनाव-पूर्व डाले गए मतों से ज्यादा वोट अभी डाल दिए हैं।
एक पर्यवेक्षक ने इस दिशा में गणना करने का प्रयास किया है।
उसके अनुसार टेक्सास में रविवार तक करीब 74 लाख वोटर वोट डाल चुके थे। यह संख्या
2016 में पड़े राज्य में पड़े कुल वोटों की 82 फीसदी है। क्या इसबार डाक के वोट
पिछली बार पड़े कुल वोटों से भी ज्यादा होंगे? मोंटाना, नॉर्थ
कैरलीना, टेनेसी और जॉर्जिया में अबतक पड़े वोट 2016 के कुल वोटों के करीब 65
फीसदी हैं। वॉशिंगटन राज्य में अबतक करीब 20 लाख से ज्यादा वोट पड़ चुके हैं, जो
2016 के वोटों का तीन गुना है।
टफ्स विवि के सेंटर फॉर इनफॉर्मेशन एंड रिसर्च ऑन सिविक
लर्निंग एंड इंगेजमेंट या CIRCLE का डेटा है कि युवा वोटरों ने डाक से वोटिंग के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। खासतौर
से मिशीगन, फ्लोरिडा और नॉर्थ कैरलीना में। अतीत में युवा वोटर राजनीति के प्रति
उदासीन रहते थे, पर इसबार बात उल्टी लग रही है। सवाल यह है कि यह वोटर ट्रंप समर्थक
है या ट्रंप विरोधी।
No comments:
Post a Comment