Thursday, September 23, 2010

कश्मीर पर नई पहल

संसदीय टीम कश्मीर से वापस आ गई है। भाजपा और दूसरी पार्टियों के बीच अलगाववादियों से मुलाकात को लेकर असहमति के स्वर सुनाई पड़े हैं। मोटे तौर पर इस टीम ने अपने दोनों काम बखूबी किए हैं। कश्मीरियों से संवाद और उनके विचार को दर्ज करने का काम ही यह टीम कर सकती थी।

इंडियन एक्सप्रेस ने एक नई जानकारी दी है कि समाजवादी पार्टी के मोहन सिंह ने सबसे पहले अलगाववादियों से मुलाकात का विरोध किया था. मोहन सिंह का कहना था कि हम राष्ट्र समर्थक तत्वों का मनोबल बढ़ाने आए हैं। हमारे इस काम से अलगाववादियों का मनोबल बढ़ता है।

एक रोचक जानकारी यह है कि संसदीय टीम की मुलाकात हाशिम कुरैशी से भी हुई। हाशिम कुरैशी 30 जनवरी 1971 को इंडियन एयरलाइंस के प्लेन को हाईजैक करके लाहौर ले गया था। वहाँ उसे 14 साल की कैद हुई। सन 2000 में वह कश्मीर वापस आ गया। आज उसके विचार चौंकाने वाले हैं। हालांकि वह कश्मीर में भारतीय हस्तक्षेप के खिलाफ है, पर उसकी राय में भारत और पाकिस्तान में से किसी को चुनना होगा तो मैं भारत के साथ जाऊँगा। उसका कहना है मैने पाक-गिरफ्त वाले कश्मीर में लोगों की बदहाली देख ली है।

मेरा लेख पढ़ने के लिए कतरन पर क्लिक करें

2 comments:

  1. Der aayad, durust aayad! Hashim Kuraishi ke liye, sirf ek hi raai banti hai... Jab jaago, tabhi savera...! Gyanvardhan ke liye dhanyavaad, Joshi ji..! Saadar...

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  2. Joshiji,
    Indian Exp. ke hawale se Hashim Qureshi ke hriday pariwartan ki jo suchna aapne di usey tatha apne Article ke antim para me
    para me Laddhakh,Jammu ke bare me jo likha sirf vahi bhi pracharit kar diya jaye to Algavwadi alag-thalag pad jayengey.1981
    evam 1982 me 2.5 va 1 mah mujhey Kargil rahney ka mauka mila tab waha key Log Pakistan ke khilaf they-vey Shiya honey ke
    karan Iran sey sahanubhuti rakhtey hai aur Iran U.S.A. virodhi hai jabki Pakistan jo Sunny dominated hai U.S.A. ka piththu
    hai.Ghati ke muthi-bhar Sunny hi gumrah hai samajhdar nahi.Kewal galat tackling ki samasya hai.Govt. ke sath sabhi sahi
    bat karen tabhi kuch thik hoga.

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