आम आदमी पार्टी की निगाहें पंजाब और उत्तराखंड पर हैं। अभी वह दिल्ली में सत्तारूढ़ है। यदि उसे पंजाब और उत्तराखंड में सफलता मिले तो उसे राष्ट्रीय स्तर पर उभरने में बड़ी सफलता भी मिल सकती है। और वहाँ विफल रही तो आने वाले वक्त में दिल्ली से भी वह गायब हो सकती है। उसकी सफलता या विफलता के आधार दो छोटे राज्य बन सकते हैं। वाम मोर्चे की समूची राष्ट्रीय राजनीति अब केरल और त्रिपुरा जैसे दो छोटे राज्यों के सहारे है। कांग्रेस की राजनीति भी अब ज्यादातर छोटे राज्यों के भरोसे है। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों का अपना महत्व है। वे लोकसभा में सीटें दिलाने का काम करते हैं, पर माहौल बनाने में छोटे राज्यों की भूमिका भी है। हाल में केरल और अरुणाचल इसीलिए महत्वपूर्ण बन गए हैं।
पृष्ठ
▼
Sunday, January 31, 2016
Tuesday, January 12, 2016
Global Innovation Index 2015
भारत में बड़ी खोज क्यों नहीं होती?
टीम इंडियास्पेंडबीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए
बीते 10 साल में भारत में दिए गए हर छह पेटेंट में से सिर्फ़ एक की खोज भारतीयों ने की थी.
इंडियास्पेंड ने अपने विश्लेषण में ये पाया कि बाकी के पांच पेटेंट देश में काम कर रही विदेशी कंपनियों को मिले, जो अपनी बौद्धिक संपदा की रक्षा करना चाहती थीं.
दूसरे अध्ययनों से भी पता चला है कि नई चीजों को खोजने या नई तकनीक विकसित करने मे भारत निहायत ही कमज़ोर है.
चार नोबेल पुरस्कार विजेताओं का कहना है कि ये भारत की पारंपरिक कमज़ोरी है और इसे ठीक करना बेहद ज़रूरी है.
इन नोबेल विजेताओं का कहना है कि भारत को मैनुफ़ैक्चरिंग का केंद्र बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना 'मेक इन इंडिया' से पहले यह ज़रूरी है कि कंपनियां भारत में नई चीज़ें खोजें.
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) ने साल 2015 में जो ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स जारी किया उसमें भारत 81वें स्थान पर है.
बीबीसी हिन्दी की रपट पढ़ें यहाँ
Rank | Country | Score | Value | Percentage Rank | S/W |
1 | Switzerland | 68.3 | - | 1 | • |
2 | United Kingdom | 62.4 | - | 0.99 | • |
3 | Sweden | 62.4 | - | 0.99 | • |
4 | Netherlands | 61.6 | - | 0.98 | • |
5 | United States of America | 60.1 | - | 0.97 | |
6 | Finland | 60 | - | 0.96 | |
7 | Singapore | 59.4 | - | 0.96 | |
8 | Ireland | 59.1 | - | 0.95 | |
9 | Luxembourg | 59 | - | 0.94 | |
10 | Denmark | 57.7 | - | 0.94 | |
11 | Hong Kong (China) | 57.2 | - | 0.93 | |
12 | Germany | 57.1 | - | 0.92 | |
13 | Iceland | 57 | - | 0.91 | |
14 | Korea, Republic of | 56.3 | - | 0.91 | |
15 | New Zealand | 55.9 | - | 0.9 | |
16 | Canada | 55.7 | - | 0.89 | |
17 | Australia | 55.2 | - | 0.89 | |
18 | Austria | 54.1 | - | 0.88 | |
19 | Japan | 54 | - | 0.87 | |
20 | Norway | 53.8 | - | 0.86 | |
21 | France | 53.6 | - | 0.86 | |
22 | Israel | 53.5 | - | 0.85 | |
23 | Estonia | 52.8 | - | 0.84 | |
24 | Czech Republic | 51.3 | - | 0.84 | |
25 | Belgium | 50.9 | - | 0.83 | |
26 | Malta | 50.5 | - | 0.82 | |
27 | Spain | 49.1 | - | 0.81 | |
28 | Slovenia | 48.5 | - | 0.81 | |
29 | China | 47.5 | - | 0.8 | |
30 | Portugal | 46.6 | - | 0.79 | |
31 | Italy | 46.4 | - | 0.79 | |
32 | Malaysia | 46 | - | 0.78 | |
33 | Latvia | 45.5 | - | 0.77 | |
34 | Cyprus | 43.5 | - | 0.76 | |
35 | Hungary | 43 | - | 0.76 | |
36 | Slovakia | 43 | - | 0.75 | |
37 | Barbados | 42.5 | - | 0.74 | |
38 | Lithuania | 42.3 | - | 0.74 | |
39 | Bulgaria | 42.2 | - | 0.73 | |
40 | Croatia | 41.7 | - | 0.72 | |
41 | Montenegro | 41.2 | - | 0.71 | |
42 | Chile | 41.2 | - | 0.71 | |
43 | Saudi Arabia | 40.7 | - | 0.7 | |
44 | Moldova, Republic of | 40.5 | - | 0.69 | |
45 | Greece | 40.3 | - | 0.69 | |
46 | Poland | 40.2 | - | 0.68 | |
47 | United Arab Emirates | 40.1 | - | 0.67 | |
48 | Russian Federation | 39.3 | - | 0.66 | |
49 | Mauritius | 39.2 | - | 0.66 | |
50 | Qatar | 39 | - | 0.65 | |
51 | Costa Rica | 38.6 | - | 0.64 | |
52 | Viet Nam | 38.3 | - | 0.64 | |
53 | Belarus | 38.2 | - | 0.63 | |
54 | Romania | 38.2 | - | 0.62 | |
55 | Thailand | 38.1 | - | 0.61 | |
56 | TFYR Macedonia | 38 | - | 0.61 | |
57 | Mexico | 38 | - | 0.6 | |
58 | Turkey | 37.8 | - | 0.59 | |
59 | Bahrain | 37.7 | - | 0.59 | |
60 | South Africa | 37.4 | - | 0.58 | |
61 | Armenia | 37.3 | - | 0.57 | |
62 | Panama | 36.8 | - | 0.56 | |
63 | Serbia | 36.5 | - | 0.56 | |
64 | Ukraine | 36.5 | - | 0.55 | |
65 | Seychelles | 36.4 | - | 0.54 | |
66 | Mongolia | 36.4 | - | 0.54 | |
67 | Colombia | 36.4 | - | 0.53 | |
68 | Uruguay | 35.8 | - | 0.52 | |
69 | Oman | 35 | - | 0.51 | |
70 | Brazil | 34.9 | - | 0.51 | |
71 | Peru | 34.9 | - | 0.5 | |
72 | Argentina | 34.3 | - | 0.49 | |
73 | Georgia | 33.8 | - | 0.49 | |
74 | Lebanon | 33.8 | - | 0.48 | |
75 | Jordan | 33.8 | - | 0.47 | |
76 | Tunisia | 33.5 | - | 0.46 | |
77 | Kuwait | 33.2 | - | 0.46 | |
78 | Morocco | 33.2 | - | 0.45 | |
79 | Bosnia and Herzegovina | 32.3 | - | 0.44 | |
80 | Trinidad and Tobago | 32.2 | - | 0.44 | |
81 | India | 31.7 | - | 0.43 | |
Saturday, January 9, 2016
‘फ्री बेसिक्स’ संचार महा-क्रांति या कमाई का नया फंडा?
नए दौर का सूत्र है नेट-साक्षरता. आने वाले वक्त में इंटरनेट पटु होना सामान्य साक्षरता का हिस्सा होगा. जो इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाएगा वही सजग नागरिक होगा. वजह साफ है. जीवन से जुड़ा ज्यादातर कार्य-व्यवहार इंटरनेट के मार्फत होगा. इसीलिए इसका व्यावसायिक महत्व बढ़ रहा है. इंटरनेट की भावी पैठ को अभी से पढ़ते हुए नेट-प्रदाता और टेलीकॉम कंपनियां इसमें अपनी हिस्सेदारी चाहती हैं. सरकारों की भी यही कोशिश है कि नीतियाँ ऐसी हों ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को ऑनलाइन किया जा सके.
नेट के विस्तार के साथ-साथ कुछ
अंतर्विरोधी बातें सामने आ रही हैं. इसके साथ दो बातें और जुड़ी हैं. एक है तकनीक
और दूसरे पूँजी. इंटरनेट की सार्वजनिक जीवन में भूमिका होने के बावजूद इसका
विस्तार निजी पूँजी की मदद से हो रहा है. निजी पूँजी मुनाफे के लिए काम करती है.
सूचना-प्रसार केवल व्यावसायिक गतिविधि नहीं है. वह लोकतांत्रिक व्यवस्था का सबसे
महत्वपूर्ण कच्चा माल उपलब्ध कराने वाली व्यवस्था है. जानकारी पाना या देना,
कनेक्ट करना और जागृत विश्व के सम्पर्क में रहना समय की सबसे बड़ी जरूरत है.
Thursday, January 7, 2016
मुम्बई से पठानकोट तक के सबक
पठानकोट पर हुए हमले के बाद भारत में
लगभग वैसी ही नाराजगी है जैसी 26 नवम्बर 2008 के बाद पैदा हुई थी. बाद में खबरें
मिलीं कि तब भारत सरकार ने लश्करे तैयबा के मुख्यालय मुरीद्के पर हमले की योजना
बनाई थी. तब दोनों देशों के बीच किसी प्रकार सहमति बनी कि पाकिस्तान हमलावरों की
खोज और उन्हें सज़ा देने के काम में सहयोग करेगा. इसमें अमेरिका की भूमिका भी थी.
इस बार भी खबर है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने मंगलवार को भारतीय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और एयरफोर्स बेस पर हुए हमले की जांच में
हर संभव मदद का आश्वासन दिया. उसके पहले पाकिस्तान सरकार ने औपचारिक रूप से इस
हमले की भर्त्सना भी की. बहरहाल टेलीफोन पर दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच
हुई बातचीत में नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि हमले के जिम्मेदार लोगों के
खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए. इससे पहले पाकिस्तानी विदेश विभाग ने सोमवार की रात
एक बयान में कहा था कि भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए 'सुरागों' पर पाकिस्तान काम कर रहा है.
‘ऑड-ईवन’ ने मौका दिया है तो सोचिए
दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए सम और विषम संख्या की कारों का फॉर्मूला एक माने में बेहद सफल नजर आता है, भले ही वह अपने मूल उद्देश्य में विफल रहा हो। अब तक की जानकारी के अनुसार कारों पर पाबंदी की इस योजना से प्रदूषण को रोकने में किसी प्रकार की नाटकीय सफलता नहीं मिली है। बेशक कुछ प्रदूषण कम हुआ है, पर वह इतना कम नहीं हुआ कि इसे स्थायी समाधान मान लें। पर इस अभियान को जिस किस्म की सफलता मिली है, वह जरूर अविश्वसनीय है। इसे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि देश की जनता के भीतर अपनी समस्याओं के समाधान को लेकर जबर्दस्त ललक है। वह बड़े फैसले खुद नहीं कर सकती। उसके लिए उसे सरकारों का मुँह देखना पड़ता है, पर जब उसे किसी फैसले का महत्व समझ में आ जाता है तब वह उसे सफल बनाने में पीछे नहीं रहती।
Monday, January 4, 2016
पठानकोट के बाद
पठानकोट पर हमले के बाद देश के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की प्रतिक्रिया बेहद आक्रामक रही है, वहीं अखबारों की प्रतिक्रिया संतुलित है। आज के इंडियन एक्सप्रेस का सम्पादकीय है कि बातचीत जारी रहनी चाहिए। बात करना समर्पण नहीं है। अलबत्ता अखबार की सलाह है कि हमें काउंटर टैररिज्म सामर्थ्य को सुधारना चाहिए। आज के हिन्दू, टाइम्स ऑफ इंडिया और हिन्दुस्तान टाइम्स ने भी तकरीबन यही राय व्यक्त की है। पाकिस्तान के अखबार डॉन का भी यही कहना है। डॉन का यह भी कहना है कि सन 2008 के मुम्बई हमले को लेकर पाकिस्तान की ओर से जो कमी रह गई है उसका नुकसान उसे होगा।
Indian Express
After Pathankot
Dialogue with Pakistan must go on. But India urgently needs counter-terrorism capacity-building.
Exactly a week after Prime Minister Narendra Modi landed in Lahore, hoping to “turn the course of history”, his ambitious project is being tested by fire. This weekend’s terrorist attack on Pathankot was no surprise; indeed, many in India’s intelligence community had predicted it. Each past effort at peace, after all, has provoked similar strikes. It is too easy, though, to attribute the strike to unnamed spoilers. The more complex truth is that while Pakistan’s all-powerful army seeks to avert a military crisis that would drain its energies at a time of grave internal turmoil, it does not seek normalisation. Pakistan’s army chief, General Raheel Sharif, has made it clear that he will not accept the status-quo on Kashmir. The strike on Pathankot, carried out by the Inter-Services Intelligence’s old client, the Jaish-e-Muhammad, serves a very specific purpose. It signals to Indian policymakers that the Pakistan army can inflict pain, but at a threshold below that which makes it worthwhile for New Delhi to retaliate. Barring reflexive hawks, after all, no one would argue that it makes sense for Delhi to risk even limited conflict after the strike on Pathankot.
Sunday, January 3, 2016
अभी कई तीखे मोड़ आएंगे राष्ट्रीय राजनीति में
भारतीय राज-व्यवस्था, प्रशासन और
राजनीति के लिए यह साल बड़ी चुनौतियों से भरा है। उम्मीद है कि इस साल देश की
अर्थ-व्यवस्था की संवृद्धि आठ फीसदी की संख्या को या तो छू लेगी या उस दिशा में
बढ़ जाएगी। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि संसद के बजट सत्र में क्या होता है। पिछले
दो सत्रों की विफलता के बाद यह सवाल काफी बड़े रूप में सामने आ रहा है कि भविष्य
में संसद की भूमिका क्या होने वाली है। देश के तकरीबन डेढ़ करोड़ नए नौजवानों को
हर साल नए रोजगारों की जरूरत है। इसके लिए लगातार पूँजी निवेश की जरूरत होगी साथ
ही आर्थिक-प्रशासनिक व्यवस्था को सुधारना होगा। व्यवस्था की डोर राजनीति के हाथों
में है। दुर्भाग्य से राजनीति की डोर संकीर्ण ताकतों के हाथ में रह-रहकर चली जाती
है।