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Thursday, April 24, 2014

क्या हिंदुत्व का मतलब जहर बुझे तीर हैं?

 गुरुवार, 24 अप्रैल, 2014 को 15:15 IST तक के समाचार
नरेंद्र मोदी
संघ परिवार से जुड़े लोगों के 'ज़हरीले' बयानों ने नरेंद्र मोदी को एकबारगी सांसत में डाल दिया है. पिछले कुछ दिन से मोदी अपनी छवि को सौम्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इस बयानबाज़ी ने इस छवि-निर्माण को कुछ देर के लिए छिन्न-भिन्न कर दिया है.
क्या ये अमानत में ख़यानत है? अपनों की दगाबाज़ी? या अतिशय नासमझी? इसे संघ परिवार के भीतर बैठे मोदी विरोधियों का काम मानें या कोई और बात?
पार्टी ने अमित शाह के बयान पर ठंडा पानी डालकर हालात सुधारे ही थे कि विहिप नेता क्लिक करेंप्रवीण तोगड़िया और बिहार में भाजपा के एक प्रत्याशी गिरिराज सिंह के बयानों ने सारी कोशिशों पर काफ़ी पानी फेर दिया. शिवसेना के रामदास कदम ने रही-सही कसर पूरी कर दी.
पीछा छुड़ाने के लिए नरेंद्र मोदी ने इन टिप्पणियों को 'ग़ैर ज़िम्मेदाराना' ज़रूर करार दिया है, पर 'कालिख' लग चुकी है. फिलहाल मोदी खुद और उनकी पार्टी नहीं चाहती कि विकास और सुशासन का जो दावा वे कर रहे हैं, उस पर इन बयानों की आंच आए.
मोदी ने एक के बाद एक दो ट्विटर संदेशों में कहा, "'जो लोग बीजेपी का शुभचिंतक होने का दावा कर रहे हैं, उनके बेमतलब बयानों से कैंपेन विकास और गवर्नेंस के मुद्दों से भटक रही है. मैं ऐसे किसी भी ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान को खारिज करता हूं और ऐसे बयान देने वालों से अपील कर रहा हूं कि वे ऐसा न करें."

3 comments:

  1. aapne achche prashna uthae hain

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  2. Pramod Sir Bahut umdaa baat kahi aapne aur aapke is lekh ko padhkar laga k wakai me padhne layak kuch hai jise aapne parosa hia,, Mai to bas itna hi kahunga k,,


    Mazhab Nahi Sikhaata Aapas Me Bair Rakhna,
    Hindi Hai Ham Watan Hai Hindostan Hamaara.


    Apka Zia

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  3. मोदी इस से आगे कर भी क्या सकते थे ,कहा भी है गैरों की जरुरत क्या थी अपने ही बहुत थे सितम ढाने को
    आइए भी भा जा पा की आंतरिक राजनीती ही उसकी असफलता का कारण बना करती है जो नै बात नही.

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