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Sunday, January 26, 2014

गणतंत्र का दर्शन

आज सुबह अखबारों में प्रकाशित राष्ट्रपति के भाषण से लगा कि इसपर राजनीति का असर है। दूसरी ओर विचार करते हैं तो लगता है कि यह एक तटस्थ संरक्षक की राय है। प्रणब मुखर्जी बेशक राजनेता हैं, पर अनेक कारणों से वे तटस्थ पर्यवेक्षक लगते हैं। आज के अखबारों में अरविंद केजरीवाल का गणतंत्र दिवस भाषण भी छपा है। इसमें बाकी बातें पीछे रह गईं, सबसे आगे उनकी मीडिया को लेकर कड़वाहट सामने आई। किसी न किसी मौके पर हमें अपना मीडिया अराजक लगने लगता है। इस पर विचार किया जाना चाहिए।यों आज के अखबारों में गणतंत्र के दर्शन पर काफी सामग्री है। कम्प्यूटर ऑन करने पर सबसे पहले दर्शन होते हैं गूगल लोगो के


नवभारत टाइम्स








अमर उजाला

                                        






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