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Tuesday, September 26, 2023

इजरायल-सऊदी समझौते के आसार


अमेरिकी मध्यस्थता में इजरायल और सऊदी अरब के बीच एक शांति समझौता होने के आसार बन रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि यह समझौता हुआ, तो छह-सात और मुस्लिम देश इजरायल को मान्यता दे देंगे। उधर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी ने एक अमेरिकी टीवी चैनल से कहा है कि अमेरिकी मध्यस्थता में चल रही यह कोशिश विफल होगी

इजरायल के विदेशमंत्री एली कोहेन ने कहा है कि यदि सऊदी अरब और इजरायल के बीच शांति समझौता हुआ, तो छह या सात और मुस्लिम देश इजरायल को मान्यता दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये देश अफ्रीका और एशिया में हैं लेकिन उन्होंने उनका नाम बताने से इनकार कर दिया। पिछले हफ्ते सप्ताह इजरायली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि इजरायल और सऊदी अरब शांति समझौते के ऐतिहासिक मोड़ पर हैं।

यरूशलम पोस्ट के अनुसार कोहेन ने यह बात कान न्यूज को एक इंटरव्यू में बताई। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के साथ शांति का मतलब है व्यापक मुस्लिम दुनिया के साथ शांति। नेतन्याहू के वक्तव्य के बाद उन्होंने कहा, कम से कम छह या सात अन्य देश हैं जिनके नेताओं से मैं मिला हूँ। ये महत्वपूर्ण मुस्लिम देश हैं, जिनके साथ हमारे संबंध नहीं हैं। वे शांति में यकीन रखते हैं।

नेतन्याहू के वक्तव्य के पहले 20 सितंबर को सऊदी अरब के शहज़ादे मुहम्मद बिन सलमान ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि हम एक समझौते की दिशा में बढ़ रहे हैं। उनका यह भी कहना था कि यह समझौता हुआ, तो दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सबसे बड़ी ऐतिहासिक घटना होगी। इस वक्तव्य के दो दिन बाद नेतन्याहू ने समझौते का संकेत दिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पश्चिम एशिया में बड़े बदलाव की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि अगले वर्ष के राष्ट्रपति चुनाव में वे इसके सहारे ही जीत पाएंगे। नेतन्याहू हालांकि महासभा में भाषण देने के लिए अमेरिका आए थे। इस दौरान उनकी मुलाकात जो बाइडन से भी हुई।

इजरायली मीडिया के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मोरक्को और सूडान ऐसे देश हैं जिनके बारे में ये दावा किया जा रहा है कि सऊदी अरब के इजरायल के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद ये देश इजरायल को मान्यता दे सकते हैं। उनके इस बयान के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि यूएई, बहरीन, मोरक्को और सूडान के बाद कौन से मुस्लिम देश इजरायल के साथ संबंध स्थापित कर सकते हैं।

एक अनुमान है कि इन 6-7 देशों में से पाकिस्तान भी हो सकता है। सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी जनता इसे लेकर कयास लगाने लगी। हालांकि इसके पीछे कोई आधार नहीं है। पाकिस्तान के कार्यवाहक विदेशमंत्री ने इस संभावना से इनकार भी किया है। इजरायली विदेश मंत्री के बयान के जवाब में, एक वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिक ने नाम न छापने की शर्त पर स्पष्ट किया कि कोहेन ने हाल के दिनों में किसी भी पाकिस्तानी अधिकारी से मुलाकात नहीं की है।

पर्यवेक्षक मानते हैं कि इस किस्म की संभावनाएं अगस्त में लीबिया और इजरायल के विदेश मंत्रियों की एक बैठक से भी बनीं। इसमें लीबिया और इजरायल के बीच संबंध बहाल करने जैसी बातें हुई थीं। यह खबर इतालवी मीडिया में लीक हो गई। बाद में लीबिया की विदेश मंत्री नजला मैंगोश ने इसकी पुष्टि भी कर दी। इसके बाद पूरे देश में जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।

इसके बाद नजला मैंगोश को देश छोड़कर जाना पड़ा। उन्होंने माना था कि एक हफ्ते पहले रोम में उन्होंने इजराइल के विदेश मंत्री एली कोहेन से सीक्रेट मुलाकात की थी। इसके फौरन बाद प्रधानमंत्री अब्दुल हामिद ने नजला को पद से हटा दिया और उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए। लीबिया अरब दुनिया का हिस्सा है और फलस्तीन का साथ देता है। लीबिया के लोग इजरायल को दुश्मन देश मानते हैं।

 

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