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Thursday, January 2, 2014

प्रतीकों से बाहर अब काम पर आना होगा 'आप' को

 गुरुवार, 2 जनवरी, 2014 को 17:05 IST तक के समाचार
इस बात को लेकर संशय नहीं कि दिल्ली की सरकार अपना बहुमत आसानी से साबित करेगी. मेट्रो यात्रा, लालबत्ती का तिरस्कार, मुफ़्त पानी और सस्ती बिजली, मीटरों और खातों की जाँच और विश्वासमत के आगे अब क्या?
कांग्रेस, ‘आप’ और भाजपा के ‘प्रेम-घृणा और ईर्ष्या की इस त्रिकोण कथा’ का पहला अध्याय प्रतीकों को समर्पित रहा. इस दौरान राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने ‘आप’ के उदय को क्रांतिकारी घटना के रूप में देखा. अब उसका उस अग्निपरीक्षा से सामना है, जिसे उसने खुद चुना है.
‘आप’ की ओर से बार-बार कहा गया कि हम सरकार बनाने के इच्छुक नहीं हैं. हमने किसी से समर्थन नहीं माँगा. जनता ने सरकार बनाने का आदेश दिया. हम अपना काम कर रहे हैं.

मुरव्वत का दौर खत्म

तीनों पार्टियाँ अब अपने कदम तौल रही हैं. भारतीय जनता पार्टी ने ‘आप’ और कांग्रेस पर एक साथ हमला बोला है और दोनों के बीच साठ-गांठ साबित करने की कोशिश की है.

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