पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने रविवार को राजधानी इस्लामाबाद की रैली में अपने हर कार्ड को खेल लिया। इसमें उन्होंने अपने खिलाफ विदेशी साजिश का हवाला दिया, भुट्टो की मौत के लिए नवाज शरीफ को जिम्मेदार ठहराकर पीपीपी और पीएमएल-एन के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश की, बार-बार दीन का नाम लेकर धर्म का जमकर इस्तेमाल किया और अपने विरोधियों को भ्रष्ट और बेईमान साबित करने की पूरी कोशिश की। आज दिन में संसद में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा जाएगा, जिसपर विचार के बाद संभव है कि 3 या 4 अप्रेल को इसपर मतदान हो।
उन्होंने कहा, "मैं अपने दिल की बात रखना चाहता हूं और मैं चाहता हूं कि
आप ख़ामोशी से मुझे सुने। मैंने आपको अच्छाई का साथ देने के लिए बुलाया है। हमारे
पाकिस्तान की बुनियाद इस्लामी कल्याणकारी राज्य की विचारधारा पर पड़ी थी। हमें
अपने देश को रियासत-ए-मदीना के आधार पर बनाना है।" उन्होंने कहा, "मुझसे लोग
पूछते हैं कि आप दीन को सियासत के लिए क्यों इस्तेमाल करते हैं, तो मैं अपने दिल की बात कहूंगा कि आज से पच्चीस साल पहले
जब मैंने अपनी पार्टी बनाई थी तो मैं सिर्फ़ इसलिए सियासत में आया तो मेरा एक
मक़सद था कि मेरा मुल्क जिस नज़रिए के तहत बना था। जब तक हम अपने नज़रिए पर नहीं
खड़े होंगे, हम एक राष्ट्र नहीं बन पाएंगे।"
इमरान ने कहा, "ब्रिटेन में फ्री मेडिकल इलाज मिलता है, फ्री शिक्षा मिलती है, बेरोज़गारों
को फ़ायदे मिलते हैं और लोगों को फ्री क़ानूनी सलाह भी दी जाती है। हमारे पैगंबर
ने रियासत-ए-मदीना में ऐसा ही निज़ाम बनाया था जहां राज्य लोगों का खयाल रखता था।"
सेना पर
टिप्पणी
इमरान ने उन्होंने
परोक्ष रूप से सेना की भूमिका पर भी टिप्पणी की। वे जबर्दस्त भीड़ को जमा करने में
कामयाब हुए, जिससे साबित यह भी होता है कि उन्होंने हार मान ली है और अब आने वाले
वक्त की राजनीति का संकेत दे रहे हैं, जो उन्होंने नवाज़ शरीफ के कार्यकाल में
अपनाई थी। यानी कि वे अब विरोध में बैठकर आंदोलन का सहारा
लेंगे।
इमरान ने अपनी इस रैली
का नाम ‘अम्र बिन मारूफ़’ रखा है, जिसका मतलब होता है अच्छाई के साथ आओ। इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में अपने समर्थकों की भारी भीड़ को संबोधित
करते हुए इमरान ख़ान ने कहा, मेरे ख़िलाफ़ बाहर से साज़िश की जा रही है और मैं किसी की ग़ुलामी स्वीकार नहीं करूँगा। यह बात वे
पिछले दो-तीन हफ्तों से कह रहे हैं। जब यूरोपियन यूनियन के राजदूतों ने यूक्रेन के
मामले में समर्थन माँगते हुए पत्र लिखा, तब उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि हम
किसी के गुलाम नहीं हैं। अमेरिका को लेकर भी वे यह बात बार-बार कह रहे हैं। उन्होंने
कहा, "हमारे देश को हमारे पुराने नेताओं की
करतूतों की वजह से धमकियां मिलती रही हैं। हमारे देश में अपने लोगों की मदद से
लोगों तब्दील किया जाता रहा।"
इमरान ख़ान ने कहा, "ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो ने जब देश की विदेश नीति को
आज़ाद करने की कोशिश की तो फजलुर्रहमान और नवाज़ शरीफ़ की पार्टियों ने अभियान
चलाया जिसकी वजह से उन्हें फाँसी दे दी गई। आज उसी भुट्टो के दामाद और उनके नवासे
दोनों कुर्सी के लालच में अपने नाना की क़ुर्बानी को भुलाकर उसके क़ातिलों के साथ
बैठे हुए हैं।"
इमरान ने कहा, "मेरे ख़िलाफ़ साज़िश बाहर से की जा रही है, बाहर से हमारी विदेश नीति को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। ये जो आज क़ातिल और मक़तूल इकट्ठा हो गए हैं, इन्हें इकट्ठा करने वालों का भी हमें पता है।"
दैनिक भास्कर की वैबसाइट ने इमरान के भाषण की अहम बातों को इस प्रकार दर्ज किया है...
- · अपोजीशन के 3 चूहे मुल्क को लूट रहे हैं- असली बात भाषण के आखिर में बताऊंगा। पाकिस्तानी नहीं जानते कि हमारा मुल्क कितना अमीर है, हमारे पास तो सोने की खदानें हैं पाकिस्तान में बेरोजगारी सबसे कम। पाकिस्तान में 50 साल बाद कोई डैम बन रहा है।
- · पार्लियामेंट में जब वोटिंग होगी तो पूरी कौम देखेगी। अगर विपक्ष को हुकूमत पसंद नहीं है तो इस्तीफा दो। 25 करोड़ रुपए क्यों लेते हो। भारत के खिलाफ 24 वनडे में से 19 मैच जीता। अंपायर भी उनके थे, लेकिन फिर भी जीता।
- · जेब में से एक खत निकालकर दिखाया, लेकिन ये नहीं बताया कि इसमें क्या लिखा है। कहा- बहुत जल्द खुलासा करूंगा। मैं ऐसी कोई बात नहीं करना चाहता कि मेरे मुल्क को नुकसान पहुंचे। इसलिए मैंने पूरी बात नहीं की। मुझे कोई इंसान कुछ नहीं दे सकता। मेरे पास किसी चीज की कमी नहीं।
- · 90 के दशक में जब भारत के प्लेयर पाकिस्तान आते थे, तब उन्हें लगता था कि किसी अमीर मुल्क में आ गए। आज हिंदुस्तान हर मामले में हमसे आगे है। बांग्लादेश भी हमसे बहुत आगे निकल गया है।
- · इस्लामाबाद रैली के दौरान इमरान खान का अंदाज।
- · पुराने लीडर्स की वजह से धमकियां मिलती रहीं। दूसरे मुल्कों ने हमारे लोगों की मदद से अपने मुल्क की सरकारें तब्दील कीं।
- · अब मुल्क को तोड़ने की कोशिश दूसरे देशों से हो रही है। इस साजिश का हमें कई महीनों से पता है, लेकिन हम किसी की गुलामी नहीं करेंगे। बाहर से पैसा आ रहा है और मुल्क की हुकूमत तब्दील करने की साजिश हो रही है।
- · बेगैरत आदमी की कोई इज्जत नहीं करता। हम सुपर पावर्स की गुलामी करते हैं। दूसरे मुल्कों से पैसा लेकर अपने ही लोगों पर बम गिराते हैं।
- · 90 के दशक में आतंकी रहे रम्जी यूसुफ का जिक्र करते हुए इमरान ने कहा। उसे अमेरिका के हवाले कर दिया गया। वहां उसके वकील ने कहा- पाकिस्तानी तो डॉलर्स के लिए अपनी मां-बहनों को बेच सकते हैं।
- · हमारी सरकार 10 अरब पेड़ लगा रही है। इससे फ्यूचर बेहतर होगा। पाकिस्तान को दुनिया का सबसे बड़ा टूरिज्म सेंटर बनाएंगे।
- · पाकिस्तान में इस्लामाबाद के बाद पहला शहर बन रहा है। इसका नाम रावी सिटी है। यह दुनिया के सबसे मॉडर्न शहरों में से एक होगा। जनरल मुशर्रफ ने चोर और डाकुओं का साथ दिया। आज हम उनके कर्ज की किस्तें भर रहे हैं।
- · हुकूमत जाती है जाए, जान जाती है तो जाए, मुजरिमों को माफ नहीं करूंगा।
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