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Saturday, March 27, 2021

अभ्यास के लिए भारतीय सेना के पाकिस्तान जाने की सम्भावनाएं कम

 


हाल में भारतीय मीडिया में खबरें थीं कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के तत्वावधान में पाकिस्तान के पब्बी इलाके में आतंक-विरोधी युद्धाभ्यास में और भारतीय सेना भी शामिल हो सकती है। यह कयास इसलिए है, क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों एससीओ के सदस्य हैं। इसे लेकर भारत में ही नहीं, पाकिस्तान में भी काफी चर्चा है। ऐसा हुआ, तो विभाजन के बाद पहली बार भारतीय सेना पाकिस्तान में किसी दोस्ताना अभ्यास में शामिल होगी।

एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना इस साल शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) देशों की मिलिट्री एक्सरसाइज़ में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान जा सकती है। पाकिस्तान में युद्धाभ्यास का फैसला इस संगठन की क्षेत्रीय एंटी-टैररिस्ट स्ट्रक्चर कौंसिल की ताशकंद, उज्बेकिस्तान में 18 मार्च को हुई 36वीं बैठक में किया गया। यह अभ्यास इस साल सितम्बर-अक्तूबर में पाकिस्तान के नेशनल काउंटर टैररिज्म सेंटर, पब्बी में होगा, जो खैबर पख्तूनख्वा के नौशेरा जिले में है।  

इस बारे में भारत की ओर से किसी अधिकारी ने कोई बयान नहीं दिया है। भारतीय सेना के सूत्रों ने अनौपचारिक रूप से बताया है कि हमारे पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। पाकिस्तान की ओर से भी कोई आधिकारिक बयान नहीं है, पर पाकिस्तान अखबार डॉन में खबर प्रकाशित हुई है कि शायद भारत को इस अभ्यास में बुलाया नहीं जाएगा। चूंकि यह अभ्यास पाकिस्तानी सेना के गोपनीय केंद्र में होने वाला है, इसलिए इस बात की सम्भावना ज्यादा है कि भारत को बुलाया ही न जाए। पिछले वर्ष भी एससीओ की एक मिलिट्री एक्सरसाइज़ हुई थी जिसमें चीन और पाकिस्तान दोनों ने ही हिस्सा लिया था। भारत ने उस एक्सरसाइज़ से दूरी बनाई थी। वह अभ्यासी रूस में आयोजित हुआ था।  

यह खबर हाल में दोनों देशों के रिश्तों में बेहतरी की सम्भावनाओं के संदर्भ में चल रही थी। अलबत्ता 30 मार्च को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में हार्ट एशिया कांफ्रेंस होने वाली है, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी शामिल होंगे। वहां दोनों नेताओं के बीच मुलाकात संभव है।

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