विज्ञान की प्रसिद्ध पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार भारत में 4500 साल पहले लोग दूध से चीज़ (पनीर) बना रहे थे। युनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो मिसिसैगुआ के शोधकर्ता कल्याण शेखर चक्रवर्ती के अनुसार आधुनिक गुजरात के कच्छ जिले में कोटड़ा भाडली इलाके के निवासी करीब साढ़े चार हजार साल पहले चीज़ बना रहे थे। सिंधु घाटी की सभ्यता से जुड़ी उस बस्ती में ईसा से पूर्व की तीसरी सहस्राब्दी के मध्य में रहने वाले लोग खेती और पशुपालन का काम करते थे।
इस अध्ययन के लिए पकी मिट्टी के बर्तनों में फैटी एसिड के जो जैविक अवशेष मिले हैं, उनके अध्ययन से यह निष्कर्ष निकाला गया है। उस दौर के बर्तनों में प्राप्त अवशिष्ट पदार्थों से अनुमान लगाया जाता है कि उस इलाके के निवासी आसवन तथा अन्य पद्धतियों से दुग्ध प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) का काम करते थे। चीज का यह प्राचीनतम प्रमाण है। इसके पहले केटी आचार्य ने अपनी पुस्तक ‘इंडियन फूड: ए हिस्टॉरिकल कम्पेनियन (1984)’ में लिखा था कि वैदिक युग में दो प्रकार के ‘दधान्वत’ का विवरण मिलता है। दोनों संभवतः पनीर और चीज़ रहे होंगे।
हालांकि इस अध्ययन से यह पता लगता है कि 4500 साल पहले भारत
में पनीर बनता था, पर इसके पहले के अध्ययनों में कहा गया था कि दूसरे इलाकों में
इससे भी पहले पनीर बनने के प्रमाण हैं। सन 2018 में एक अध्ययन में पाया गया था कि क्रोआसिया
के डल्मेशियन कोस्ट में 7000 साल पहले दुग्ध प्रसंस्करण होता था। 2012 में प्रकाशित
एक अन्य शोधपत्र में ब्रिस्टल विवि के शोधकर्ताओं ने पाया कि उत्तरी यूरोप में
करीब 7500 साल पहले चीज़ बनाई जा रही थी।
पनीर और चीज़ का फर्क
चीज़ अंग्रेजी नाम है और देशी पनीर को अंग्रेजी में कॉटेज
चीज़ कहते हैं। दोनों हालांकि दूध से बनते हैं, पर दोनों में अंतर होता है। पनीर बनाने के लिए हम नीबू
के रस या सिरके या पहले से बचे हुआ पनीर के पानी का इस्तेमाल करते हैं। इसे जब हम गर्म
दूध में डालते हैं तो दूध और पानी दोनों अलग हो जाते हैं फिर एक कपड़े में इसे
छान लेते हैं, जो बचता है वही पनीर है। वस्तुतः
यह दूध को ब्रेक करके उसके ठोस को प्राप्त करने का तरीका है।
चीज भी दूध से ही
बनाया जाता है लेकिन इसको बनाने के लिए प्रक्रिया कुछ अलग होती है। दूध में
बैक्टीरिया मिलाया जाए, तो वह दही बन जाता है। दूध में दो प्रकार के प्रोटीन होते
हैं। कैसीन और ह्वे। जब दूध पुराना हो जाता है, तो वह चीज़ जैसा बनता जाता है।
उसमें उपस्थित बैक्टीरिया बढ़ता जाता है। बैक्टीरिया दूध की शर्करा (लैक्टोज़) को
सोखकर लैक्टिक एसिड बनाता है। यह एसिड कैसीन को दही की शक्ल देता है या दूध को
अपेक्षाकृत ठोस शक्ल देता है और उसमें खटास आ जाती है। चीज़ को भी दूध में एसिडिफिकेशन
की प्रक्रिया से बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए एक बैक्टीरिया का इस्तेमाल किया
जाता है जिसके कारण एसिडिफिकेशन बहुत कम समय में हो जाता है।
चीज का स्वाद
पनीर से मीठा होता है। कई प्रकार के चीज़ दुनिया में बनाए जाते हैं। ताज़ा व
मुलायम चीज़, क्रीम चीज़, कर्ड चीज़, मॉज़रेला चीज़, रिकोटा चीज़, रॉयल फ्रेंच
चीज़, फेटा चीज,
स्विस चीज़ वगैरह-वगैरह।
पनीर की तुलना में चीज को अधिक समय तक हम फ्रिज में रखकर उसकी ताजगी बनाए रख सकते
हैं। चीज़ में फैट ज्यादा होता है।
वाह,बहुत बढ़िया जानकारी दी है आपने।
ReplyDeleteसुन्दर जानकारी
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