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Monday, July 20, 2020

पायलटों पर लगी वैश्विक पाबंदियों से गिरी पाकिस्तान की साख

गरीबी, अशिक्षा और कोरोना जैसी महामारी के दुष्प्रभाव से लड़ते जूझते दक्षिण एशिया में जब भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर नजर डालते हैं, तो बेहद निराशाजनक तस्वीर उभर कर आती है। हाल में खबरें हैं कि पाकिस्तान ने कश्मीर मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए अपने प्रयास बढ़ा दिए हैं। दूसरी तरफ वह एफएटीएफ की काली सूची में जाने से वह इसलिए बच गया, क्योंकि कोरोना के कारण दुनिया के पास इन बातों के लिए वक्त नहीं है। भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की बात करने का मतलब पाकिस्तान में पाप माना जाता है, जबकि जरूरत इस बात की है कि दोनों देश मिलकर आर्थिक-सामाजिक बदहाली से लड़ाई लड़ें।

कुछ समय पहले इमरान खान ने ट्वीट किया कि हमने कोरोना महामारी के दौर में नौ हफ्तों में देश के एक करोड़ परिवारों को 120 अरब रुपये की सहायता पहुँचाई है। भारत चाहे, तो हम उसे मदद पहुँचाने का तरीका बता सकते हैं और पैसे से मदद भी कर सकते हैं। उनके इस ट्वीट का पाकिस्तान में ही काफी मजाक बना। दूसरी तरफ खबरें हैं कि पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था नीचे गिरने के नए प्रतिमान स्थापित कर रही है। वहाँ से सत्ता परिवर्तन की अफवाहें भी आती रहती हैं। खासतौर से इमरान खान के नेतृत्व को लेकर सवाल हैं। इसी संदर्भ में ‘माइनस वन’ फॉर्मूला भी चर्चित हुआ है। इसका मतलब है इमरान खान को हटाकर सरकार के वर्तमान स्वरूप को बनाए रखना।

गिरती साख

हाल में देश का बजट पेश हुआ। उसके पहले पेश की गई आर्थिक समीक्षा में चेतावनी दी गई कि नैया डूब रही है। विदेशी कर्जा जीडीपी का 88 फीसदी हो गया है। करीब 60 फीसदी आबादी गरीबी की रेखा के नीचे जाने का अंदेशा है। अर्थव्यवस्था लगातार विदेशी कर्ज के सहारे है। कब तक कर्ज मिलेगा? देश की साख वैश्विक मंच पर लगातार गिर रही है। ऐसे में एक खराब खबर नागरिक उड्डयन के क्षेत्र से मिली है। पाकिस्तानी पायलटों के विमान संचालन पर तकरीबन पूरी दुनिया में रोक लग गई है।


पाकिस्तानी नागरिक उड्डयन के लिए पिछला एक महीना काफी परेशानी वाला रहा है। पाकिस्तान सिविल एविएशन अथॉरिटी (पीसीएए) की लाइसेंसिंग और सेफ्टी के प्रति बरती गई असावधानी इस परेशानी की सबसे बड़ी वजह है। इसके कारण एक के बाद दूसरा देश अपने यहाँ पाकिस्तानी पायलटों द्वारा नियंत्रित हवाई उड़ानों पर पाबंदी लगा रहा है। हाल में अमेरिका ने उनपर पाबंदी लगाई है। पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन मंत्री गुलाम सरवर वे स्वीकार किया कि देश में जिन पायलटों को लाइसेंस दिए गए हैं, उनमें से करीब 40 फीसदी पायलटों के लाइसेंस फर्जी हैं।

जाँच में पाया गया कि 860 पायलटों में से 260 से ज़्यादा के पास या तो फ़र्जी लाइसेंस हैं या उन्होंने परीक्षाओं में धांधली की थी। उन्होंने यह भी माना कि देश में पायलटों की लाइसेंसिंग का रैकेट चल रहा है। इस स्वीकारोक्ति के बाद दुनिया भर में हड़कंप मच गया है और अपने देश में और बाहरी देशों की एयरलाइंस में काम करने वाले सभी पाकिस्तानी पायलट शक के घेरे में आ गए हैं।

फर्जी लाइसेंसों का धंधा

इस सनसनीखेज रहस्योद्घाटन के पीछे गत 22 मई को पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) की कराची में हुई वह दुर्घटना है, जिसमें 98 व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी। इस दुर्घटना की जाँच में पाया गया कि दुर्घटना पायलटों की गलती से हुई थी। अलबत्ता उन पायलटों के लाइसेंस ठीक पाए गए। इसी रिपोर्ट में यह बात निकलकर बाहर आई कि देश में पायलटों के फर्जी लाइसेंस का धंधा चल रहा है। मंत्री के वक्तव्य के बाद पीआईए ने 141 ऐसे पायलटों को फौरन काम से हटा दिया, जिनके लाइसेंसों को लेकर संदेह था।

इसके बाद यूरोपियन यूनियन एयर सेफ्टी एजेंसी (ईएएसए) ने यूरोप के 32 देशों में पाकिस्तानी पायलटों के उड़ान भरने पर फौरन रोक लगा दी। साथ ही 1 जुलाई से पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की यूरोपियन यूनियन (ईयू) के सदस्य देशों में उड़ान भरने पर छह महीने की रोक लगा दी। ब्रिटेन ने और अब अमेरिका ने भी कार्रवाई की है। अमेरिका के ट्रांसपोर्टेशन विभाग ने कहा-पाकिस्तान के पायलटों के लाइसेंस और सर्टिफिकेट को लेकर फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने चिंता जाहिर की थी। हमने पीआईए से अमेरिका में चार्टर प्लेंस ऑपरेट करने की परमीशन वापस ले ली है। अमेरिका में पीआईए की चार्टर सेवाओं का परमिट अब रद्द कर दिया गया है।

इसके अलावा वियतनाम ने 27 पाकिस्तानी पायलटों को कम करने से रोक दिया। खाड़ी के देशों ने पीसीएए से कहा कि वे अरब देशों में काम कर रहे पाकिस्तानी पायलटों के लाइसेंसों की पुष्टि करें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खाड़ी में पाकिस्तान के पारंपरिक सहयोगी-कुवैत, क़तर, संयुक्त अरब अमीरात के अलावा ओमान ने पाकिस्तान मूल के पायलटों को फर्ज़ी लाइसेंस मामले की वजह से हटाने का फ़ैसला किया है। पश्चिम एशिया के सबसे पुराने एयरवेज में से एक कुवैत एयरलाइन ने अपने सभी सातों पाकिस्तानी मूल के पायलटों को हटा दिया। मलेशिया से भी इसी किस्म की शिकायतें हैं। और अब अमेरिका ने भी पीआईए की उड़ानों पर रोक लगा दी है।

आपराधिक कार्रवाई

पाकिस्तान सरकार ने देश की संघीय जाँच एजेंसी (एफआईए) पीसीएए के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है। इस पूरे घटनाक्रम का असर यह हुआ है कि देश के उन कुशल और अनुभवी पायलटों का भविष्य भी अंधेरे में चला गया है, जिनके लाइसेंस वैधानिक रूप से सही हैं। उन्हें फिलहाल परेशानियों का सामना करना होगा। पाकिस्तान एयरलाइंस पायलट्स एसोसिएशन (पालपा) ने उनका मामला उठाया है। उसका कहना है कि सरकार ने पायलटों की जो सूची जारी की है, वह बेबुनियाद है। पीआईए के अलावा देश की तीन और छोटी घरेलू एयरलाइंस पर भी इस फैसले का असर होगा। एयर ब्लू के नौ, सीरीन एयर के 10 और शाहीन के 17 पायलट संदेह के घेरे में हैं। सरकार का कहना है कि शाहीन का तो संचालन अब होता भी नहीं है, पर उसे यह नहीं पता कि ये पायलट उसके यहाँ काम करते भी हैं या नहीं।

पाकिस्तानी पायलटों की काबिलीयत को लेकर यह सवाल पहली बार नहीं उठा है। इसके पहले 2018 में डोमेस्टिक रूट पर पीआईए के एक विमान की क्रैश लैंडिंग के वक्त भी यह सवाल उठा था। उस वक्त पता चला था कि दुर्घटना से जुड़े पायलट के लाइसेंस की तारीख छुट्टी के दिन की पड़ी थी, जिससे संशय पैदा हुआ कि वह फर्जी था। इसके बाद 2019 में 16 पायलटों को एक साथ काम से हटाया गया। 22 मई को कराची में पीआईए का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ। 25 जून को इसकी जांच रिपोर्ट संसद में पेश हुई। इसे पेश करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा- हादसा पायलटों की गलती से हुआ। वे कोरोना पर चर्चा में मशगूल थे।

भविष्य धूमिल

पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस पहले ही दिवालिया होने के कगार पर है। इस प्रकरण से देश की साख अलग मिट्टी में मिली जा रही है। एक जमाने में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस को बेहतरीन विमान सेवा का दर्जा मिला हुआ था। पर पिछले डेढ़ दशक में इसकी दशा बिगड़ती चली गई है। पिछले साल के अंत में एयरलाइंस पर 3.8 अरब डॉलर की देनदारियां थीं। इसके पास अब केवल 30 विमान बचे हैं और करीब 14 हजार कर्मचारियों को वेतन देने का जिम्मा इसके ऊपर है। कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण इसकी सेवा पर और दुष्प्रभाव पड़ा है। उसकी फ्लाइटों की संख्या एकदम कम हो गई। इसका प्रशासन भी डांवांडोल है। पिछले नौ साल में इसमें एक दर्जन प्रमुख बदले जा चुके हैं। इन दिनों इसके प्रमुख वायुसेना के एक सर्विंग अधिकारी हैं।

नागरिक उड्डयन से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि फर्जी लाइसेंसिंग के कारण पाकिस्तान के उड्डयन उद्योग का भविष्य धूमिल हो गया है और उसे इससे बाहर निकलने में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। सबसे बड़ा धक्का पाकिस्तान सिविल एविएशन अथॉरिटी पीसीएए की साख को लगा है, जिसकी जिम्मेदारी न केवल लाइसेंस देने की है, बल्कि हर छह महीने पर लाइसेंसों के नवीनीकरण की है।

नवजीवन में प्रकाशित

डॉन का संपादकीय









2 comments:

  1. एक करोड़ में क टंकित होने से रह गया है।
    फर्जी डिग्रियों/प्रमाणपत्र के जाल से पाकिस्तान ही नहीं कई देश संक्रमित हैं। हम भी पीछे नहीं हैं।

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    1. धन्यवाद। मैंने ठीक कर दिया।

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