जम्मू-कश्मीर के मेंढर इलाके में नियंत्रण रेखा पर पिछले कुछ दिनों की घटनाओं से लगता है कि भारत-पाक सम्बन्धों में सुधार की प्रक्रिया को धक्का लगेगा। यह धक्का सायास है या अनायास है, इसे समझने की ज़रूरत है। साथ ही यह समझने की ज़रूरत है कि इसके पीछे कोई योजना है तो वह किसकी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इसमें लश्करे तैयबा और पाक सेना की मिली-भगत है। सन 1999 में भारतीय सेना के कैप्टेन सौरभ कालिया को यंत्रणा देकर मारने और हत्या के बाद उनके शरीर को मामला हाल में भारतीय अदालतों में भी गया है। करगिल युद्ध के दौरान सौरभ कालिया पेट्रोलिंग ड्यूटी पर थे। उस समय पाकिस्तानी सेना ने कालिया का अपहरण कर लिया। तीन हफ्ते तक इनके साथ अमानवीय व्यवहार चलता रहा। इनकी आंखें निकाल ली गई, इन पर यातनाएं हुई, इनके शरीर में सिगरेट से दागा गया, इसके बाद इनका शव भारत सरकार को लौटा दिया गया। इसे लेकर भारत में जबर्दस्त रोष व्यक्त किया गया था।
मंगलवार को मेंढर सेक्टर में हुई गोलीबार में भारतीय सेना के दो जवान मारे गए। इस घटना का दुखद पक्ष यह है कि सीमापार से आए फौजी एक भारतीय जवान का सिर काटकर ले गए और दूसरे जवान के शरीर को बुरी तरह काट डाला। दोनों देशों की सीमा पर अक्सर ऐसी घटनाएं हो जाती हैं। इस घटना के ठीक पहले पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि भारतीय सेना ने सीमा रेखा कर उल्लंघन करके गोली चलाई, जिसमें एक पाकिस्तानी सैनिक की मौत हो गई थी। भारतीय सेना के अनुसार पिछले साल पाकिस्तानी सीमा पर ऐसी 75 घटनाएं हुईं है, जिनमें आठ सैनिकों की मौत हुई है, पर पिछले कुछ दिन में इस किस्म की छह घटनाएं हो गईं है। इस वक्त जब सन 2008 के मुम्बई हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते सामान्य हो रहे थे, इन घटनाओं का असर पड़ सकता है।
पाकिस्तान में इस साल संसदीय चुनाव होने वाले हैं। यह पहला मौका है जब पाकिस्तान में लगातार पाँच साल तक नागरिक सरकार ने काम-काज किया। भारत के लिए यह अच्छा लक्षण है, पर उधर अफगानिस्तान मे अमेरिकी और नेटो सेना की वापसी की तैयारी हो रही है। पाकिस्तान में एक तबका ऐसा है जो भारत के साथ निरंतर शत्रुता चाहता है। क्या यह उसकी योजना है? देश की नागरिक सरकार को यदि रिश्ते बिगड़ने ही हैं, तो वह व्यापारिक रिश्ते बनाने की कोशिश क्यों करती? दोनों देशों ने हाल में वीज़ा की उदार व्यवस्था पर काम शुरू किया है। सर क्रीक पर समझौते की कोशिश की है।
इस मामले पर जल्द कोई बात कहने के पहले इसे समझने की कोशिश करनी चाहिए। अलबत्ता सामरिक और आंतरिक सुरक्षा के मसलों पर लिखने वाले बी रामन ने अपने ब्लॉग पर जो लिखा है, वह पाकिस्तान में बैठे कुछ लोगों की समझ को बताता है। रामन के अनुसार इसके पहले भी पाकिस्तान की ओर से इलियास कश्मीरी के नेतृत्व में सेना पर एक हमला करके एक भारतीय सैनिक की गर्दन काटकर ले जाने की घटना हुई है। तब हमलावरों ने वह गर्दन परवेज़ मुशर्रफ को पेश की थी।
बी रामन के अनुसारः-
There have been two very
serious incidents across the Line of
Control (LOC) in Jammu and Kashmir.
· PAKISTANI STATEMENT: One Pakistani
soldier was killed on January 6,2013, in an alleged Indian raid on a Pakistani
Army post. On January 7, the Pakistani Foreign Office in Islamabad protested
over the incident to the Indian Deputy High Commissioner. According to the
Indian version of this incident, on January 6,Pakistani troops fired mortar
shells at Indian Army posts in the Uri sector to help insurgents infiltrate
into India. The Indian Army had retaliated.
· INDIAN STATEMENT: Two Indian soldiers
were killed and two others injured on the morning of January 8, when Pakistani
army troops entered Indian territory near Mendhar, about 220 KMs north of
Jammu, and attacked an Indian post. The body of one of the Indian soldiers was
found decapitated and the severed head was missing. The Pakistani Army has
denied the allegations and described them as Indian propaganda to divert
attention from the incident of Jan.6.
2.There was a similar
incident of decapitation when Gen.Pervez Musharraf was the Chief of the Army
Staf (COAS) under then Prime Minister Nawaz Sharif in 1999.Ilyas Kashmiri,a
former member of the Special Services Group (SSG) of the Pakistan Army, and his
men entered Indian territory, killed an Indian soldier, decapitated him and
carried his head as a trophy to Pakistan. He allegedly presented the head to
Musharraf who congratulated him and his men and rewarded them. The incident was
reported in sections of the Pakistan-Occupied
Kashmir media.
3.Musharraf’s action in
receiving Ilyas Kashmiri and rewarding him indicated the Pakistan Army’s
complicity in the incident. The Indian Army reportedly believes strongly that there was Pakistan
Army’s complicity in the latest incident too. इसे पूरा पढ़ने के लिए यहाँ जाएं
Six things we need to realise about Pakistan
Pakistan ready for international investigation
Six things we need to realise about Pakistan
Pakistan ready for international investigation
पाकी दो सैनिक हते, इत नक्सल इक्कीस ।
ReplyDeleteरविकर इन पर रीस है, उन पर दारुण रीस ।
उन पर दारुण रीस, देह क्षत-विक्षत कर दी ।
सो के सत्ताधीश, गुजारे घर में सर्दी ।
बाह्य-व्यवस्था फेल, नहीं अन्दर भी बाकी ।
सीमोलंघन खेल, बाज नहिं आते पाकी ।।
इस तरह की हिंसक घटनाएं राजनैतिक उददेश्य से की जाती हैं।
ReplyDeleteइनके ज़रिये देश की जनता का ध्यान असल समस्या से हटाने के लिए फ़र्ज़ी दुश्मन का हौवा खड़ा किया जाता है।
यह घटना बेशक उकसाने के लिए की गई है। सैनिकों के सिर काटना युद्ध के नियमों के भी खि़लाफ़ है।
पाकिस्तान के हुक्मरानों को जिस वक्त में भारत से दोस्ती बढ़ाने की ज़रूरत है। वह उस समय में उससे दुश्मनी बढ़ा रहा है। यह संदेह पैदा करता है।
पाकिस्तान की अपनी कोई सोच नहीं है। वह अमेरिका और चीन से पॉलिसी इम्पोर्ट करता है। इस मामले में अमेरिका का कोई हाथ नहीं है और चीन ?
चीन के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
इसलिए भड़कने के बजाय होशियार रहने की ज़रूरत है और इस समस्या को कूटनीतिक स्तर पर हल करना चाहिए।
जो गहरी सोच नहीं रखते वे तुरंत भड़क जाएंगे। उन्हें लगता है कि भड़काऊ बातें करके वे लोगों पर साबित कर देंगे कि देश की चिंता दूसरों से ज़्यादा उन्हें है। पाकिस्तान के सैनिक ने 2 का सिर काटा है, ये लोग दंगे भड़का कर लाखों को कटवा देते हैं। दुश्मनों से ज़्यादा नुक्सान पहुंचाने वाले यही हैं, जो एक वर्ग को दूसरे के खि़लाफ़ भड़काते हैं।