घटनाचक्र, मीडिया, नवोन्मेष, कुछ अटपटा-चटपटा Current Affairs, Media, Innovation, Sweet & Sour
पृष्ठ
(Move to ...)
मुखपृष्ठ
मीडिया
आज़ाद भारत
मेरा पन्ना
लेख
इन्हें भी पढ़ें
संदर्भ
व्यक्तित्व
यादगार गीत
▼
Thursday, December 31, 2015
ऐसी भी कोई शाम है, जिसकी सहर न हो
›
सुबह और शाम के रूपक हमें आत्म निरीक्षण का मौका देते हैं. गुजरते साल की शाम ‘क्या खोया, क्या पाया’ का हिसाब लगाती है और अगली सुबह उम्मीदों...
Thursday, December 24, 2015
संसद केवल शोर का मंच नहीं है
›
संसद के शीत सत्र को पूरी तरह धुला हुआ नहीं मानें तो बहुत उपयोगी भी नहीं कहा जा सकता. पिछले कुछ वर्षों से हमारी संसद राजनीतिक रोष और आक्...
राजनीतिक दलों की दिलचस्पी होमवर्क में नहीं
›
प्रमोद जोशी वरिष्ठ पत्रकार, बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए Image copyright AP संसद का शीत सत्र पूरी तरह नाकाम नहीं रहा. एक अर्थ में मॉ...
Sunday, December 20, 2015
इतनी तेजी में क्यों हैं केजरीवाल?
›
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि केंद्र सरकार उन सभी विरोधियों के खिलाफ सीबीआई का इस्तेमाल करने जा रही...
अपने संरक्षकों की बेरुखी का शिकार नेशनल हेरल्ड
›
नेशनल हेरल्ड अख़बार को कांग्रेस पार्टी के उत्थान और पतन के साथ जोड़कर भी देखा जाना चाहिए. सन 1938 में जब यह अख़बार शुरू हुआ था देश में 1...
‹
›
Home
View web version