नज़रिया: क्या केजरीवाल पर से उठ गया है कुमार का 'विश्वास'?
अंदेशा सही साबित हो रहा है. लगातार दो-तीन हारों ने आम आदमी पार्टी के दबे-छिपे अंतर्विरोधों को खोलना शुरू कर दिया है. अमानतुल्ला खान को पार्टी की राजनीतिक मामलों की कमेटी से हटाने के बाद वह तपिश जो भीतर थी, वह बाहर आने लगी है.
पार्टी के 37 विधायकों ने मुख्यमंत्री और पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर माँग की है कि अमानतुल्ला को पार्टी से बाहर किया जाए.
इस चिट्ठी से साबित होता है कि पार्टी के भीतर कुमार विश्वास का दबदबा है. शायद इसी वजह से उनकी कड़वी बातों को पार्टी ने सहन किया.
कुमार विश्वास जिन बातों को उठा रहे हैं, वे आम आदमी पार्टी के अंतर्विरोधों की तरफ इशारा करती हैं. पार्टी में 'सॉफ्ट राष्ट्रवादी' से लेकर 'अति-वामपंथी' हर तरह के तत्व हैं. कांग्रेस की तरह. यह उसकी अच्छाई है कि उसकी वैचारिक दिशा खुली है. और यही उसकी खराबी भी है.
लगता नहीं कि अंतर्विरोधी तत्वों को जोड़कर रखने वाली समझदारी वह विकसित कर पाई है. पार्टी ने भाजपा-विरोधी स्पेस को हासिल करने के लिए ऐसी शब्दावली को अपनाया, जो भाजपा-विरोधी है.
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अरविंद केजरीवाल ने भी घुमा-फिराकर मोदी सरकार से सबूत माँगे थे.
कौन हैं विरोधी ताकतें ?
अन्ना हजारे का आंदोलन जब चल रहा था तब मंच से 'वंदे मातरम' का नारा भी लगता था, जो अब कांग्रेस के मंच से भी नहीं लगता. पर जैसे-जैसे आम आदमी पार्टी का विस्तार हुआ, उसकी राष्ट्रवादी राजनीति सिकुड़ी.
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "नर हो न निराश करो मन को ... “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआप की सबसे बडी समस्या है वहाँ ऐसे किसी प्रभावशाली व्यक्तित्व का न होना जिसकी राय को सभी सर्वसम्मति से स्वीकार करें तथा जो स्वयम भी अनुभवी व् प्रभावशाली नेतृत्व के गुण से युक्त हो आप में हर कोई केजरीवाल को चुनौती देता प्रतीत होता है और जब तक ऐसा रहेगा उन्हें ऐसी ही समस्याओं का सामना करना पड़ेगा
ReplyDeleteकोई अगर गलत नहीं है तोह कोई सही भी नहीं है , तो जरा ध्यान से सबसे पहले अपने आप को देखना चाहिए Latest Breaking News in hindi samachar में अपने कितना अकाम सही करा है और Uttar Pradesh latest breaking News in hindiNew Delhi updates Breaking News in Hindi में कितना सही करा है
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