पिछले दो दिनों से खबरें हैं कि यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में पाँच सदस्यों की एक टीम इन दिनों कश्मीर में अलगाववादियों के साथ बातचीत कर रही है। इस शिष्टमंडल ने कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक से श्रीनगर में मुलाकात की। सिन्हा के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने हैदरपोरा इलाका स्थित गिलानी के घर पर उनसे मुलाकात की। गिलानी के साथ बैठक से पहले सिन्हा ने संवाददाताओं को बताया कि वे यहां किसी शिष्टमंडल के रूप में नहीं आए। उन्होंने कहा, ‘हम लोग सद्भावना और मानवता के आधार पर यहां आए हैं। इसका लक्ष्य लोगों के दुख दर्द और कष्टों को साझा करना है। अगर हम ऐसा कर सके तो खुद को धन्य महसूस करेंगे।’ मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासिन मलिक जैसे अन्य अलगाववादी नेताओं से मिलने के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि वे हर किसी से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। शिष्टमंडल के राज्य में अलगाववादी नेताओं से मिलने पर सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि न तो सरकार और न ही पार्टी (बीजेपी) का इससे कुछ लेना-देना है। यह उनका निजी दौरा है। गृहराज्य मंत्री किरण रिजीजू ने शिष्टमंडल के इस दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ भी अगर स्वेच्छा से किया गया हो तो उसे रोका नहीं जा सकता है। रिजीजू ने कहा कि इसके आगे मेरे पास बोलने के लिए कुछ भी नहीं है। वहीं, यूपीए शासनकाल में रक्षा मंत्री रहे एके एंटनी ने कहा कि प्रतिष्ठा का ख्याल रखे बिना सरकार को हर किसी से बातचीत करनी चाहिए। बातचीत से समस्या का समाधान तलाशिए। सरकार को कश्मीर के युवाओं के मिजाज को समझना होगा।
शिष्टमंडल के सदस्य वजाहत हबीबुल्ला ने बताया कि हमने एक मित्रता से भरे माहौल में जम्मू-कश्मीर के हालात पर बातचीत की। अलगाववादियों ने हमसे इसलिए मुलाकात की क्योंकि हम सरकार की तरफ से भेजे गए प्रतिनिधिमंडल नहीं थे। शिष्टमंडल के अन्य सदस्यों में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला, पूर्व एयर वाइस-मार्शल कपिल काक, पत्रकार भारत भूषण और सेंटर फॉर डायलॉग एंड रिकॉन्सिलिएशन की सुशोभा बर्वे शमिल हैं।
यह दल तीन दिन के दौरे के पर आया है। इस दौरान इसने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक, जेकेएलएफ के यासीन मलिक के संग मुलाकात भी मुलाकात की। मीरवाइज को 27 अगस्त से चश्माशाही जेल में बंद रखा गया था। सोमवार रात मीरवाइज को जेल से रिहा किया गया। यासीन मलिक जोकि पुलिस की कस्टडी में थे। उन्हें भी शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में भर्ती कराया गया।
इससे पहले 4 सिंतबर, 2016 को सीपीआई के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई नेता डी राजा, जदयू नेता शरद यादव और राजद नेता जय प्रकाश नारायण गिलानी से मिलने उनके घर गए थे। पर उन्होंने मिलने से मना कर दिया था।
हालांकि सरकार ने कहा है कि यह शिष्टमंडल हमारी तरफ से नहीं गया है। बीजेपी ने भी इसे अपना औपचारिक प्रतिनिधि नहीं कहा है, पर इसमें दो राय नहीं कि इसे सरकार का समर्थन प्राप्त है। सरकारी समर्थन नहीं होता तो यह सिष्टमंडल जा भी नहीं सकता था। अगस्त 2002 में हुर्रियत के नरमपंथी धड़ों के साथ अनौपचारिक वार्ता एक बार ऐसे स्तर तक पहुँच गई थी कि उस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में हुर्रियत के हिस्सा लेने की सम्भावनाएं तक पैदा हो गईं।
और उस पहल के बाद मीरवायज़ उमर फारूक और सैयद अली शाह गिलानी के बीच तभी मतभेद उभरे और हुर्रियत दो धड़ों में बँट गई। उस वक्त दिल्ली में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी और राम जेठमलानी के नेतृत्व में कश्मीर कमेटी ने इस दिशा में पहल की थी। वह कश्मीर कमेटी भी गैर-सरकारी समिति थी, पर माना जाता था कि उसे केंद्र सरकार का समर्थन प्राप्त था। उस वक्त सरकार हुर्रियत की काफी शर्तें मानने को तैयार थी, फिर भी समझौता नहीं हो पाया।
सन 2010 के असंतोष के बाद केंद्र सरकार ने एक संसदीय टीम को कश्मीर भेजा और एक विशेष कार्यदल भी कश्मीर गया। उस कार्यदल ने एक रिपोर्ट भी केन्द्र सरकार को दी। इस रिपोर्ट को यहाँ पढ़ा जा सकता है।
राइजिंग कश्मीर में प्रकाशित समाचार के अंश
After the meeting, Hurriyat Conference (G) said in a statement that the conversation took place in a cordial atmosphere and Geelani reminded the delegation about the historical perspective of Kashmir issue that was pending a final resolution since 1947.
After meeting Geelani, the delegation called on Mirwaiz Umar Farooq, who apprised them about the ongoing uprising in Kashmir.
The Mirwaiz told the delegation that the Hurriyat was not against talks but GoI should accept Kashmir is a disputed territory and involve New Delhi and Islamabad in resolving the vexed issue.
राइजिंग कश्मीर में समाचार
बीबीसी हिन्दी में समाचार
यशवंत सिन्हा रिपोर्ट
बहुत ही उम्दा ..... बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .... Thanks for sharing this!! :) :)
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