यह आलेख जब नवजीवन में प्रकाशित हुआ तब उसका शीर्षक था ‘एलन मस्क ने क्यों की ट्विटर पर कब्जे की कोशिश?’ पर अब इसका शीर्षक बदल चुका है। औपचारिकताएं होती रहेंगी, पर ट्विटर अब उनका कब्जा हो चुका है या हो जाएगा। सवाल है कि वे अब क्या करेंगे? गत 13 अप्रेल को जब टेस्ला और स्पेस एक्स के बॉस एलन मस्क ने ट्विटर पर कब्जा करने के इरादे से 54.20 डॉलर की दर से शेयर खरीदने की पेशकश की, तो सोशल मीडिया में सनसनी फैल गई। दुनिया का सबसे अमीर आदमी सोशल मीडिया के एक प्लेटफॉर्म की इतनी बड़ी कीमत क्यों देना चाहता है? टेकओवर वह भी जबरन, जिसे रोकने के लिए ट्विटर के प्रबंधन को ‘पॉइज़न पिल’ का इस्तेमाल करना पड़ा। इससे एलन मस्क की कोशिशों को झटका तो लगा है, पर यह खेल फिलहाल खत्म नहीं हुआ है। देखना होगा कि मस्क के इरादे कितने गहरे हैं।
'पॉइज़न पिल' किसी
कंपनी को जबरन अधिग्रहण से बचाने का एक तरीक़ा है। एक छोटी अवधि के लिए कम्पनी कुछ
दूसरे लोगों को काफी कम कीमत पर शेयर खरीदने की अनुमति दे देती है, ताकि अधिग्रहण की कोशिश करने वाले के शेयरों की कीमत कम पड़ने लगे।
यह एक वैध योजना है जो किसी को कम्पनी में 15
प्रतिशत से ज्यादा के शेयर खरीदने से रोकती है। यह योजना एक साल की है। मस्क के
पास जितने शेयर हैं वे ट्विटर के संस्थापक जैक डोर्सी के शेयरों से चार गुना
ज़्यादा है। डोर्सी ने पिछले साल नवंबर में ट्विटर का सीईओ पद छोड़ दिया था जिसके
बाद ये ज़िम्मेदारी अब पराग अग्रवाल संभाल रहे हैं।
फ्री-स्पीच की सदिच्छा
एलन मस्क ट्विटर पर अधिकार क्यों चाहते हैं? उन्होंने अमेरिका की मुख्य वित्तीय नियामक संस्था सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमीशन को दी गई अर्जी में कहा है कि ट्विटर में ‘फ्री-स्पीच का प्लेटफॉर्म बनने की प्रचुर सम्भावनाएं हैं।’ यह ‘एक सामाजिक-पहल है।’ मैं इस सम्भावना के द्वार खोलना चाहता हूँ। उन्होंने बाद में कहा, मैं यह काम निजी लाभ के लिए नहीं, सार्वजनिक-हित में करना चाहता हूँ।
ट्विटर में उनकी दिलचस्पी हाल में ही सामने आई
थी। गत 4 अप्रेल को मस्क ने घोषणा की थी कि उनके पास
ट्विटर के 9 फीसदी शेयर हैं और वे अब इसके सबसे बड़े
शेयर-होल्डर हैं। उनकी इस घोषणा के बाद ट्विटर के शेयरों की कीमतों में उसी रोज 27 फीसदी का उछाला आ गया। उन्होंने ट्विटर की जो हिस्सेदारी खरीदने की
पेशकश की थी, उसकी कुल क़ीमत 43
अरब डॉलर बनती है। हालांकि ट्विटर ने फौरन ही उन्हें अपने बोर्ड में शामिल होने का
निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया,
पर कुछ ट्वीट किए जिनमें कहा गया कि ट्विटर किस तरह से अपने
प्लेटफॉर्म में सुधार कर सकता है। उन्होंने इस दिशा में अपना कदम एक वोटिंग करवाकर
बढ़ाया था। उन्होंने ट्विटर पर लोगों से पूछा कि क्या वे इसमें एडिट बटन चाहते हैं?
या मसखरी?
एलन मस्क की कोशिश और उससे जुड़ी सनसनी पर
फिलहाल विराम लग गया है। उन्होंने भी अपनी कोशिश को आगे नहीं बढ़ाया है। ट्विटर के
शेयर-धारकों ने भी आगे बढ़कर एलन मस्क का स्वागत करने की कोशिशें बंद कर दी हैं,
पर सवाल है कि यह सब हुआ क्या? इसके
पीछे संज़ीदगी थी या सिर्फ तमाशा था? एलन मस्क के साथ
मसखरी के किस्से भी जुड़े हैं। 54.20 डॉलर की पेशकश
की आखिरी तीन संख्याओं का हवाला देते हुए कुछ लोग मानते हैं कि यह सब 420 था। एलन मस्क इसके पहले भी इस संख्या का मजा लेते रहे हैं।
उनकी यह कोशिश मसखरी भी नहीं लगती, क्योंकि उन्होंने इसके लिए वित्तीय सलाहकार कम्पनी मॉर्गन स्टैनली से
सलाह ली है। उनके पास इस कोशिश को पूरा करने लायक पैसा भी है। उनकी निजी सम्पदा 200 अरब डॉलर से ज्यादा की है। हालांकि उन्हें टेस्ला स्पेस एक्स के कुछ शेयर बेचने पड़ते, या खरीदारों का कंसोर्शियम बनाना पड़ता। कारोबार को छोड़ दें,
तो उनकी फ्री-स्पीच वाली दृष्टि भी गलत नहीं है। एलन मस्क की अपने
कारोबारों के साथ गहरी निजी-मान्यताएं जुड़ी रही हैं।
जोखिम
मस्क ने ट्विटर से भी अपने ऑफ़र में कहा था कि
कंपनी को एक निजी कंपनी के रूप में बदलने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि अगर मेरा
सबसे अच्छा और अंतिम प्रस्ताव भी खारिज किया जाता है तो मैं शेयर धारक के तौर पर
अपनी स्थिति पर फिर से विचार करूँगा। ट्विटर के साथ फ्री-स्पीच का मामला गहराई से
जुड़ा है। मस्क कह चुके हैं कि ट्विटर अपने मंच पर अभिव्यक्ति की आज़ादी को सीमित
कर रहा है। उनका पहला मकसद ट्विटर पर अभिव्यक्ति की आज़ादी को बढ़ाना है।
दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की तरह उसके
मॉडरेशन-नियमों को लेकर काफी असंतोष है। इतनी बड़ी संख्या में और भाँत-भाँत के सामाजिक,
सांस्कृतिक और राजनीतिक सवालों से जुड़े हैंडलों का मॉडरेशन केवल कम्प्यूटर के
सहारे सम्भव नहीं है और इतनी बड़ी संख्या में इंसानी-मॉडरेशन बड़ी चुनौती है। ऐसे
में दक्षिणपंथी और वामपंथी दोनों तरह की आलोचना होती है। दूसरी तरफ नया कारोबार
लाने के लिए इस प्लेटफॉर्म पर ललित-स्तम्भ जोड़ने होंगे। टिकटॉक और स्नैपचैट जैसे
प्रतिस्पर्धियों से भी कुछ चुराना पड़ सकता है।
इस पूरी
योजना में तमाम जोखिम हैं। सबसे बड़ी बात है कि स्पेस एक्स और टेस्ला का प्रबंधन
करते हुए ट्विटर का प्रबंधन आसान नहीं होगा। समय और साधन दोनों लगाने होंगे। दूसरी
तरफ एलन मस्क को जोखिम भी पसंद हैं और नयापन भी। उनके मन में कोई बात है, तो समय
रहते उसका पता भी चल जाएगा। ट्विटर ने फौरी तौर पर अपने चारों तरफ सुरक्षा-चक्र
बना लिया है, पर यह घेरा टूट भी सकता है। पूरी बात इस बात पर निर्भर करती है कि
विचार क्या है। यह नई तकनीक और सोशल मीडिया का मामला है। इसमें देखते ही देखते
कमाल हो जाता है। क्या कमाल होगा? देखते रहिए…
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (27-04-2022) को चर्चा मंच "अब गर्मी पर चढ़ी जवानी" (चर्चा अंक 4413) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' --