अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पराजय को हिंसक मोड़ देकर लोकतांत्रिक इतिहास में अपना नाम सिरफिरे व्यक्ति के रूप में दर्ज करा लिया है। उन्होंने बुधवार 6 जनवरी को अपने समर्थकों को भड़काकर जिस तरह से उन्हें अमेरिकी संसद भवन कैपिटल बिल्डिंग में प्रवेश करने को प्रेरित किया, उस तरह के उदाहरण अमेरिकी इतिहास में बहुत कम मिलते हैं। भीड़ को रोकने के प्रयास में हुई हिंसा में कम से कम चार लोगों की मौत होने का समाचार है।
अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग के चारों तरफ़ सड़कों पर पुलिस दंगे की आशंका को लेकर तैनात है। वॉशिंगटन की मेयर ने पूरी रात के लिए कर्फ़्यू लगा दिया है। वॉशिंगटन पुलिस के प्रमुख का कहना है कि स्थानीय समय के हिसाब से रात साढ़े नौ बजे तक 52 लोग गिरफ़्तार किए जा चुके हैं। चार लोगों को बिना लाइसेंस पिस्तौल रखने के लिए, एक को प्रतिबंधित हथियार रखने के लिए और 47 को कर्फ़्यू उल्लंघन और ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से घुसने के लिए। दो पाइप बम भी मिले हैं। एक कैपिटल बिल्डिंग के पास डेमोक्रेटिक नेशनल कमिटी दफ़्तर से और एक रिपब्लिकन नेशनल कमिटी के मुख्य दफ़्तर से।
ट्रंप समर्थकों
ने अमेरिकी संसद भवन परिसर को युद्ध के मैदान में तब्दील कर दिया। वहां
सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं। संसद परिसर में
गोलियां भी चलाई गईं। सुरक्षा अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर बंदूकें तान दीं, दूसरी
तरफ सांसदों को गैस मास्क पहनाए गए।
उपद्रवी प्रदर्शनकारियों को संसद भवन पर चढ़ते देखा गया। प्रदर्शनकारियों ने कैपिटल बिल्डिंग की खिड़कियों के शीशे भी तोड़े हैं। इस तरह ट्रंप समर्थकों ने अमेरिकी चुनाव को पलटने की दिशा में जबर्दस्त तरीके से हिंसक कार्रवाई की और माहौल अराजक बना दिया। ट्रम्प का नीला झंडा लहराते और उनके अभियान का लाल टोपी पहने एक भीड़ ने वहां उपद्रव फैलाने की कोशिश की और संसद हॉल में घुसने की कोशिश की। थोड़ी ही देर में दंगाई अपने मूल मकसद में कामयाब होते दिखे, जब डेमोक्रेट जो बाइडेन की जीत पर संसद की मुहर लगाने के लिए बुलाई गई बैठक को रोक दिया गया। अंततः संसद ने जो बाइडेन को विजय का प्रमाणपत्र दे दिया और अब अंतिम औपचारिकता 20 जनवरी को पूरी होगी। इस पूरे घटनाक्रम से डोनाल्ड ट्रंप की राजनीतिक समझ पर रोशनी पड़ती है साथ ही अमेरिकी लोकतंत्र की संस्थाओं की मजबूती का पता भी लगता है।
इस दौरान एक तरफ
संसद में जो बाइडेन की जीत की घोषणा हुई हैं वहीं दूसरी तरफ डेमोक्रेटिक पार्टी
ने जॉर्जिया में सीनेट की दो सीटें जीतकर रिपब्लिकन पार्टी को गहरा धक्का पहुँचाया
है। अब डेमोक्रेटिक पार्टी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के साथ 50-50 की बराबरी पर
आ गई है, जिसकी जो बाइडेन के प्रशासन को शिद्दत से तलाश थी। उपराष्ट्रपति कमला
हैरिस के शपथ लेते ही पार्टी के पास सीनेट का नियंत्रण भी आ जाएगा। उपराष्ट्रपति
के पास किसी विधेयक पर बराबर वोट मिलने की स्थिति में फ़ैसला लेने का अधिकार होगा।
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