इस्लामाबाद में मौलाना फजलुर्रहमान
पाकिस्तान के विरोधी दलों के आंदोलन पीडीएम का अगला दौर अब 13
नवंबर से शुरू होगा, जब 11 दलों का यह गठबंधन इस्लामाबाद में बैठक करने के बाद
एक माँग-पत्र जारी करेगा। रविवार 8 नवंबर को पीडीएम के अध्यक्ष मौलाना फजलुर्रहमान
ने इस्लामाबाद में कहा कि सभी दल अपने-अपने प्रस्ताव उस बैठक में रखेंगे, जिसके
बाद उसके अगले दिन सभी दलों के प्रमुखों की बैठक में उस माँग-पत्र को अंतिम रूप
दिया जाएगा।
मौलाना फजलुर्रहमान ने इस्लामाबाद में इन दलों की बैठक के बाद इस आंदोलन की भावी दिशा के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य देश में वास्तविक सांविधानिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था को लागू करना है। इस बैठक में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नून के अध्यक्ष नवाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली ज़रदारी क्रमशः लंदन और कराची से वीडियो लिंक के माध्यम से शामिल हुए थे। पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ज़रदारी गिलगित-बल्तिस्तान में 15 नवंबर को होने वाले चुनाव के सिलसिले में वहाँ व्यस्त हैं।
पीडीएम के सेक्रेटरी जनरल और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नून के
वरिष्ठ नेता शाहिद खाकान अब्बासी ने बाद में बताया कि यह माँग-पत्र सन 2006 में
पीएमएल और पीपीपी के बीच हस्ताक्षरित चार्टर ऑफ डेमोक्रेसी जैसा नहीं होगा। यह
पूरी तरह एक नया दस्तावेज होगा, जिसमें स्पष्ट किया जाएगा कि पीडीएम की माँगें
क्या हैं और उनके माध्यम से यह आंदोलन क्या हासिल करना चाहता है।
उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ ने बुनियादी संदेश दिया है कि
मुख्य उद्देश्य व्यवस्था को बदलना है न कि वर्तमान सरकार को हटाना। उन्होंने यह भी
कहा कि ज़रदारी साहब ने आश्वासन दिया है कि उनकी पार्टी पीडीएम के एजेंडा पर चलेगी
और केवल इसी प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने कदम उठाएगी।
इसके पहले रविवार को पीपीपी और अवामी नेशनल पार्टी ने
गृहमंत्री ब्रिगेडियर (सेनि) एजाज़ शाह के एक बयान पर गहरी
आपत्ति जताई जिसमें कहा गया था कि विरोधी दलों पर तालिबानी हमले हो
सकते हैं।
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