प्रमोद जोशी
वरिष्ठ पत्रकार, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए
शुक्रवार, 9 अगस्त, 2013 को 07:41 IST तक के समाचार
चार दिन की गहमा-गहमी के बाद संसद सोमवार तक के लिए स्थगित हो गई. पिछले सोमवार को आशा थी कि इस मॉनसून सत्र में कुछ कुछ संजीदा काम संभव होगा. पर चार दिन में सरकार केवल खाद्य सुरक्षा विधेयक पेश कर पाई.
दूसरी ओर राज्यसभा ने कंपनी कानून पास कर दिया. लोकसभा उसे पहले ही पास कर चुकी है.
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कॉरपोरेट गवर्नेंस को बेहतर और पारदर्शी बनाने के लिए इस विधेयक का पास होना शुभ समाचार है. लगभग 57 साल पुराने इस कानून में बदलाव की जरूरत लम्बे अर्से से महसूस की जा रही थी.
राष्ट्रीय विकास, आर्थिक प्रगति और प्रशासनिक सुधार के लिए संसद के सामने पड़े दूसरे विधेयकों का निस्तारण भी इतना ही जरूरी है.
इस काम के लिए यूपीए को राजनीतिक समझदारी का परिचय देना होगा. और इतनी ही समझदारी पाकिस्तान के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने में दिखानी होगी. यह बेहद संवेदनशील मसला है. और इसमें जोखिम उठाने होंगे.
चार दिन की राजनीतिक गतिविधियाँ इस बात का संकेत दे रही हैं कि आर्थिक उदारीकरण की गाड़ी को गति देना और पाकिस्तान के साथ रिश्तों को बेहतर बनाना तलवार की धार पर चलने के समान है.
दोनों में भारी राजनीतिक जोखिम हैं और दोनों का दक्षिण एशिया के आर्थिक-सामाजिक विकास के साथ गहरा रिश्ता है.
हिन्दू में सुरेन्द्र का कार्टून |
सतीश आचार्य का कार्टून |
aapne prashashnik sudharo ko jaroori bataya hai yah theek hai
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