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Saturday, July 23, 2011

नॉर्वे में गोलीबारी जेहादी कार्रवाई नहीं?



नॉर्वे के इस 32 वर्षीय नौजवान का नाम है एंडर्स बेहरिंग ब्रीविक। इसने उटोया के पास एक द्वीप पर बने सैरगाह में यूथ कैम्प पर गोलियाँ चलाकर तकरीबन 80 लोगों की जान ले ली।

शुरूआती खबरों से पता लगा है कि इसने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। और इसके पास एक से ज्यादा बंदूकें थीं। इस घटना के ङीक पहले ओस्लो में प्रधानमंत्री निवास के पास एक इमारत में हुए विस्फोट में 7 लोगों की मौत हे गई। अभी तक की जानकारी यह है कि यह आदमी दक्षिणपंथी विचार का है और इस्लाम के खिलाफ लिखता रहा है। यह अपने आप को राष्ट्रवादी और कंजर्वेटिव ईसाई कहता है।

सवाल है ये दोनों घटनाएं क्या एक-दूसरे से जुड़ी हैं? ब्रीविक ने ट्विटर पर सिर्फ एक बार ट्वीट किया है। 17 जुलाई के उसके ट्वीट में जो कहा है वह अंग्रेज दार्शनिक जॉन स्टुअर्ट मिल का एक उद्धरण है,  "One person with a belief is equal to the force of 100 000 who have only interests."

उसका फेस बुक अकाउंट कहता है कि वह शिकार, वर्ल्ड ऑफ वॉरक्राफ्ट तथा मॉडर्न वॉरफेयर जैसे खेल पसंद करता है और राजनैतिक विश्लेषण तथा स्टॉक एनलिसिस भी उसके शौक हैं।

 शुरू में ऐसी खबरें थीं कि बम धमाकों की जिम्मेदारी अल कायदा से जुड़े किसी ग्रुप ने ली है। सवाल है कि क्या दोनों घटनाओं के अलग-अलग कारण हैं?


बीबीसी की रपट


गार्डियन की खबर


Not a Jehadi operation

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