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Thursday, December 23, 2010

भारत-रूस और चीन

भारत के विदेशी मामलों को लेकर हाल में तेज गतिविधियाँ हुईं हैं। खास तौर से रूस के साथ कुछ नए रक्षा समझौतों की घोषणा हुई है। रूस अपने रिश्ते अमेरिका का साथ भी सुधार रहा है। इधर भारत-रूस और चीन के बीच एक त्रिदेशीय सम्मेलन भी हुआ था।

आज हिन्दुस्तान में वेद प्रताप वैदिक जी का रूस के संदर्भ में अच्छा लेख छपा है। इस ज़रूर पढ़ें। इसके साथ आज कोलकाता के टेलीग्राफ में केपी नायर की एक लम्बी स्टोरी चीन के संदर्भ में छपी है। इसके अनुसार भारत ने चीन के साथ व्यापार को लेकर कड़ाई बरतनी शुरू की है।
चीन ने हाल में जिस स्तर का राजनयिक दबाव बनाया है उसके मद्देनजर भी हमें दबाव बनाना चाहिए। चीन की कमजोरी है उसकी अर्थव्यवस्था जो निर्यात के भरोसे है।

वैदिक जी का लेख

केपी नायर की स्टोरी

3 comments:

  1. जी हाँ वैदिक जी ने सही लिखा है और कल का आपका चीन के सम्बन्ध में लेख भी वास्तविकता उजागर कर रहा है.दरअसल अमेरिका तथा चीन दोनों ही अविश्वसनीय है.

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  2. आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .

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  3. Happy New Year 2011 to you and all of your family.

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