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Wednesday, June 30, 2010

सायना नेहवाल के बहाने


सायना नेहवाल को आजतक की सर्वश्रेष्ठ भारतीय महिला खिलाड़ी माना जा सकता है। उम्मीद है कि वह दुनिया की नम्बर एक बैडमिंटन खिलाड़ी बन जाएगी। इसका श्रेय उसके कोचों, खासकर पी गोपीचंद को भी जाता है, जिन्होंने उसे इस लायक बनाया। गोपीचन्द ने कुछ साल पहले कह दिया था कि सायना के अन्दर चैम्पियन बनने वाली बात है।

सायना मानती है कि हमारा लेवल अभी काफी नीचा है। चीन, जापान और कोरिया में लड़किया, लड़कों से कम नहीं होतीं। शारीरिक दम-खम में भी। उस लेवल तक जाने के लिए हमें काफी कोशिश करनी होगी। खेल की टेक्नीक एक बात है और दम-खम दूसरी बात। दम-खम का खान-पान , संस्कृति और रहन-सहन से भी रिश्ता है। इसके बाद किलाड़ी की साधना भी माने रखती है।

सायना नेहवाल ने सफलता हासिल की तो हम शायद उसे कुछ समय के लिए महत्व दें, पर हम खेलों को बढ़ाना नहीं जानते। क्रिकेट को नहीं हम उसके कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं। खेल सामाजिक विकास के औजार हैं। सायना के बहाने हमें इसके इस पहलू पर भी ध्यान देना चाहिए।

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