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आज़ाद भारत
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Monday, June 27, 2011
बदलाव के दो दशक
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आज के मुकाबले 1991 के जून महीने का भारत कहीं ज्यादा संशयग्रस्त और बेज़ार था। धार्मिक, जातीय, क्षेत्रीय सवालों के अलावा आतंकवादी हिंसा आज...
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Friday, June 24, 2011
जादू की छड़ी आपके हाथ में है
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जैसी उम्मीद थी लोकपाल बिल को लेकर बनी कमेटी में सहमति नहीं बनी। सहमति होती तो कमेटी की कोई ज़रूरत नहीं था। कमेटी बनी थी आंदोलन को फौरी तौर ...
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Monday, June 20, 2011
सपने ही सही, देखने में हर्ज क्या है?
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लोकपाल विधेयक और काले धन के बारे में यूपीए के रुख में बदलाव आया है। सरकार अब अन्ना और बाबा से दो-दो हाथ करने के मूड में नज़र आती है। मसला ...
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Saturday, June 18, 2011
व्यवस्था को अनुशासन में लाना असम्भव नहीं
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हर लहज़ा है क़त्ले-आम मगर कहते हैं कि क़ातिल कोई नहीं लू के मौसम में बहारों की हवा माँगते हैं अली सरदार ज़ाफरी की दोनों पंक्तियाँ अलग-अलग...
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Monday, June 13, 2011
अन्ना और बाबा नहीं, यह जनता का दबाव है
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बाबा रामदेव को अपना अनशन तोड़ना पड़ा क्योंकि उसे जारी रखना सम्भव नहीं था। बाबा के सलाहकारों ने प्लान बी तैयार नहीं किया था। रामलीला मैदान ...
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