Tuesday, February 4, 2014

मेरठ में लुट गया मोदी का फंड

तीसरे मोर्चे की सम्भावना पर हिंदू में केशव का कार्टून


आज के अखबारों के लिए सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में कमी काफी बड़ा मसला है। दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने लोकपाल विधेयक को मंजूरी देकर केंद्र सरकार के साथ टकराव का एक और मौका खोज लिया है। यह बिल केंद्र सरकार की अनुमति के बगैर लाया जा रहा है। उधर कल से 15 वीं लोकसभा का आखिरी सत्र शुरू होने जा रहा है। पहले उम्मीद थी कि इस सत्र में केवल अनुदान माँगें पास होंगी, पर अब सरकार राहुल गांधी की सलाह पर भ्रष्टाचार विरोधी छह कानून पास करने पर जोर दे रही है। क्या भाजपा उसके साथ सहयोग करेगी? दूसरा सवाल है कि क्या कांग्रेस पार्टी दिल्ली के लोकपाल बिल को पास करने में मदद करेगी? कल दिल्ली में तीसरे मोर्चे के बाबत बैठक भी होने वाली है। क्या यह मोर्चा बनेगा? और बना तो क्या ममता बनर्जी चौथा मोर्चा बनाएंगी? इन सबसे ज्यादा रोचक खबर मेरठ से मिली है जहाँ नरेंद्र मोदी की रैली के सिलसिले में धनराशि जमा करने के लिए बक्से रखे गए थे। पैसा जमा करना तो दूर लोग बक्से उठा ले गए। पेश  हैं आज की कतरनें
हिन्दुस्तान

Monday, February 3, 2014

आजम खां की सातों भैसें बरामद, तीन सिपाही लाइन हाजिर

चुनाव से पहले की मोर्चाबंदी पर मंजुल का कार्टून
हिंदू में केशव का कार्टून कहता है कि गैर-भ्रष्ट नेताओं की सूची बनाना आसान होता

आजम खां की चोरी गई सातों भैसें बरामद हो गई हैं। इस सिलसिले में तीन पुलिसकर्मी लाइन हाजिर  किए गए हैं। आज की उल्लेखनीय खबरों में यह भी एक है। जागरण में एक खबर है कि उत्तर प्रदेश में बाघिन से बड़ी भैंस।  केजरीवाल की दिल्ली सरकार हरेक विधायक को मिलने वाली चार करोड़ की रकम वाली व्यवस्था खत्म करके उसकी जगह ऐसी व्यवस्था लाने की योजना बना रही है, जिसके तहत इस राशि को इलाके की जनता ही खर्च करे। उधर दिल्ली विधानसभा में आप विरोधी मोर्चा बन गया है।  टाइम्स ऑफ इंडिया की आज की लीड इस बात पर है कि संसदीय कर्म के लिहाज से 15 वी लोकसभा का प्रदर्शन सबसे फिसड्डी साबित होने वाला है। विचारार्थ पड़े 72 विधेयक शायद लैप्स हो जाएंगे। मुम्बई एनआईए की विशेष अदालत ने जाली नोटों के सिलसिले में 6 लोगों को उम्रकैद की सजा दी है। हालांकि सभी अखबारों में यह खबर नहीं है, पर इसका महत्वपूर्ण पहलू यह है कि देश की किसी अदालत ने पहली बार जाली करेंसी छापने के पीछे पाकिस्तानी सरकारी व्यवस्था को जिम्मेदार माना है। मोदी की मेरठ रैली स्वाभाविक रूप से ज्यादातर अखबारों में प्रमुखता से छपी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी कहा है कि सन 2009 में सरकार बनाना कांग्रेस की गलती थी। यह बात दो कारणों से समझ में नहीं आती। 2009 में तो कांग्रेस को 2004 से बेहतर बहुमत मिला था। कहा तो यह जाता है कि 2004 में कांग्रेस सरकार न बनती तो कांग्रेस, खासतौर से नेहरू-गांधी कांग्रेस समाप्त हो जाती। यों भी मुख्यधारा की पार्टियाँ सत्ता से बाहर नहीं रहना चाहतीं। कांग्रेस लम्बे समय तक सत्ता से बाहर रहने पर खूँटा तुड़ाकर भागते हैं। देश में ऐसा कोई पार्टी नहीं है, जिसके भीतर धैर्य हो। आप के भीतर भी वह धैर्य दिखाई नहीं पड़ता। बहरहाल यह मसला आज चैनलों के विचार का विषय हो सकता है, बशर्ते दिन में कुछ नया न हो जाए। न्यूजीलैंड में भारतीय टीम की कायदे से ठुकाई होने के बाद फिलहाल मीडिया को क्रिकेट की याद नहीं आ रही है। आज की कतरनें नोश फरमाएंः-

Sunday, February 2, 2014

और अब एक और संघीय मोर्चे की तैयारी

हिंदू में ग्रैफिक

उन्नी के कुछ कार्टून




हरियाणा कैडर के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के प्रति हरियाणा सरकार की विपरीत टिप्पणी और ग्रेडिंग को दरकिनार करते हुए राष्ट्रपति ने समीक्षा प्राधिकार द्वारा दी गई ग्रेडिंग को बहाल कर दिया है। यह खबर ाज कुछ अखबारों में है, पर विस्तार से नहीं है। इस किस्म की घटनाएं भविष्य में याद की जाएंगी, क्योंकि अभी ह्विसिल ब्लोवर संरक्षण कानून बना नहीं है। अरुणाचल प्रदेश के किशोर की दिल्ली में हत्या की खबर आज के अखबारों में प्रमुखता से है।  'आप' ने अपनी सूची में सोनिया और नरेंद्र मोदी के नाम भी शामिल किए, यह भी आज की खास खबर है। अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर मामले में यूपीए सरकार के उच्च स्तरीय नेताओं को प्रभावित करने की खबर भी आज  है। तीसरा मोर्चा बनाने के लिए 5 फरवरी को दिल्ली में बैठक बुलाए जाने की खबर भी आज की सुर्खियों में है। देखें आज की कतरनें

राहुल का निर्णायक समय

राहुल गांधी के पास यह बेहतरीन मौका था जब वे अपनी बात को अपने तरीके से देश की जनता के सामने रख सकते थे। कांग्रेस और राहुल ने अपनी छवि बेहतर बनाने के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च किए है। पर उसका असर दिखाई नहीं पड़ रहा है। राहुल की सरलता को लेकर सवाल नहीं है। पार्टी की व्यवस्था को रास्ते पर लाने की उनकी मनोकामना को लेकर भी संशय नहीं है। पर वे अभी तक जो भी कह रहे हैं या कर रहे हैं, उसका बेहतर संदेश जनता तक नहीं जा रहा है। अर्णब गोस्वामी के साथ बातचीत में भी उन्होंने नरेंद्र मोदी पर हमला किया और उल्टे 1984 की सिख विरोधी हिंसा का विवाद उनके गले पड़ गया।

सन 1984 और 2002 की हिंसाएं आज भी हमारी राजनीति पर हावी हैं। बेशक इन दोनों घटनाओं के साथ महत्वपूर्ण बातें जुड़ीं हैं। पर राजनीति सिर्फ इतने तक सीमित नहीं रह जाएगी। हमें भविष्य की ओर भी देखना चाहिए। लगता है कि राहुल गांधी कांग्रेस को घेरने वाले जटिल सवालों की गम्भीरता से या तो वे वाकिफ नहीं हैं, वाकिफ होना नहीं चाहते या पार्टी और सरकार ने उन्हें वाकिफ होने नहीं दिया है। पिछले महीने ही कांग्रेस पार्टी ने अंतरराष्ट्रीय पब्लिक रिलेशंस कम्पनी बर्सन-मार्सटैलर और जापानी मूल की विज्ञापन कम्पनी डेंत्सु इंडिया को पार्टी की छवि सुधारने का काम सौंपा है। लगभग 500 करोड़ के बजट के इस काम का परिणाम कुछ समय में देखने को मिलेगा, पर राहुल का पहला इंटरव्यू कोई सकारात्मक संदेश देकर नहीं गया।

Saturday, February 1, 2014

केजरीवाल ने जारी की राजनीति की सूची, दिल्ली में बिजली का झटका

हिंदू में केशव का कार्टून परीकथा प्रिंसेस एंड द पी की तरह राजकुमारी परीक्षा के लिए रखा गया मटर का दाना आप 
मंजुल का कार्टून
अरविंद केजरीवाल ने कुछ नेताओं की सूची जारी करके उन्हें भ्रष्ट बताया है। इन नेताओं में सभी पार्टियों के लोग हैं। आम आदमी पार्टी यदि इन्हें लक्ष्य करके चुनाव लड़ेगी तो उसका असर तो होगा। हाल के वर्षों में नेताओं ने अपनी छवि को काफी सस्ता कर दिया था। अगले चुनाव में छवि भी महत्वपूर्ण साबित होने वाले है।  इस छवि को व्यावसायिक रूप से बेहतर बनाने के लिए कांग्रेस ने कुछ विदेशी कम्पनियों को 500 करोड़ का काम दिया है। क्या इसका कोई फायदा मिलेगा? देखते हैं। आज के अखबारों में दिल्ली में बिजली, दूध और डीजल महंगा होने की खबरें काफी जोरदार तरीके से छपी हैं। कुछ अखबारों ने अरुणाचल के विधायक के बेटे की दिल्ली में हत्या को महत्व दिया है।  कुछ रोचक खबरें और हैं, जो अक्सर नजरों से गुजर जाती हैं। देखें आज की कतरनें

नवभारत टाइम्स