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Tuesday, February 11, 2014

पीपली लाइव के नत्था बने केजरीवाल

पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून में सबीर नज़र का कार्टून संदर्भ बसंत
हिंदू में सुरेंद्र का कार्टून
मंजुल का कार्टून

क्रिकेट की सट्टेबाज़ी और दिल्ली में सियासी दाँवपेच आज की सुर्खियाँ हैं। दिल्ली में हर रोज नई एफआईआर हो रही है। सवाल है क्या केजरी सरकार जाएगी? आज के जागरण का अनुमान है कि कांग्रेस केजरीवाल को शहीद नहीं बनने देगी। दिल्ली से हाल में शुरू हुए अखबार नवोदय टाइम्स ने लिखा है कि केजरीवाल सरकार की हालत पीपली लाइव के नत्था जैसी हो गई है। जागरण में ही आज रोचक खबर यह है कि कल तीसरे मोर्चे की अनौपचारिक बैठक में बीजद और अद्रमुक प्रतिनिधि नहीं आए। उधर मोर्चे के शिखर पुरुषों ने संकेत दिया है कि गठबंधन तो चुनाव बाद ही होगा। देखना होगा कि इनमें से कितने संसद तक पहुँच पाते हैं। कोलकाता का टेलीग्राफ वाम मोर्चा के व्यावहारिक संकट की ओर इशारा कर रहा है। बुद्धदेव भट्टाचार्य पार्टी को नए यथार्थ को स्वीकार करने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने निताई हिंसा में हुई गलती को स्वीकार करके एक व्यावहारिक रास्ते पर कदम बढ़ाया है, पर पार्टी को शायद यह मंजूर नहीं। देखें आज की कतरनें

नवभारत टाइम्स

Monday, February 10, 2014

केजरी और केंद्र की कव्वाली

मंजुल का कार्टून
हिंदू में केशव का कार्टून
देवयानी खोब्रागड़े के पति को दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विवि में नौकरी की पेशकश। यानी अमेरिका नहीं माना तो देवयानी का परिवार भारत में रह सकेगा। यह खबर कोलकाता के टेलीग्राफ ने छापी है। पर टेलीग्राफ की रोचक खबर है उसकी लीड। कोलकाता में वाम मोर्चा की रैली प्रभावशाली थी, पर पार्टी के भीतर मतभेद भी उजागर हो गए। पार्टी का कार्यकर्ता निराश है। दो दिन पहले वाम मोर्चा के दो एमएलए तृणमूल में चले गए। उधर पार्टी तीसरे मोर्चे को लेकर परेशान हैं। दिल्ली में केजरीवॉल बनाम केंद्र सरकार आज भी सुर्खियों में है। नवभारत टाइम्स ने आप के मंत्रियों को दी गई सुविधाओं की सूची छापी है। जो सुविधाएं गिनाई गई हैं, वे सामान्य जरूरतों से जुड़ी हैं। उनमें कुछ विशेष नहीं है। नजर डालें इन कतरनों पर
नवभारत टाइम्स

Sunday, February 9, 2014

केजरीवाल की लड़ाई का निर्णायक दौर शुरू

मंजुल का कार्टून
दैनिक भास्कर और दिल्ली के नवभारत टाइम्स के सकल प्रभाव से भले ही मेरी असहमति है, पर कवरेज में नयापन लाने के लिहाज से ये दो अखबार उल्लेखनीय हैं। भास्कर की रविवारीय पेज 1 की विशेष खबरें पठनीय होती है। रोज के अखबार में कुछ खबरें तस्वीरों के साथ लगाना और खासतौर से दुनिया की रोचक जानकारियाँ देना अच्छा है। हालांकि इसके पीछे अभी तक यह उद्देश्य नजर नहीं आता कि पाठकों की वैश्विक समझ बनाई जाए। मोटी बात मसाला परोसने तक सीमित लगती है। फिर भी इसके बहाने काफी  चीजें सामना आ जाती है। नवभारत टाइम्स खासतौर से दिल्ली की रोचक खबरें दे रहा है। और यह अनायास नहीं है, उनके पीछे योजना भी है। अलबत्ता भाषा के मामले में इस अखबार की नीति खोखली है। आज के अखबारों में केजरीवाल की यह चेतावनी महत्वपूर्ण तरीके से परोसी गई है कि मैं किसी भी हद तक जाऊँगा। नवभारत टाइम्स ने आज अन्ना का इंटरव्यू भी छापा है जो समय के साथ मौजूं है। दिल्ली में मणिपुर की लड़की से रेप आज की दूसरी महत्वपूर्ण घटना है। मोदी और राहुल की जवाबी कव्वाली को भी अखबारों ने महत्व दिया है।

नवभारत टाइम्स

Saturday, February 8, 2014

अपना समर्थन वापस ले लीजिए प्लीज़!!!

हिंदू में केशव का कार्टून
इंडियन एक्सप्रेस में उन्नी

मंजुल का कार्टून
आप के मोर्चे खुलते जा रहे हैं। उसका लोकपाल कानून तो बनने से रहा, पर उसके सहारे वह कांग्रेस की बखिया उधेड़ने में कामयाब होती जा रही है। उधर कांग्रेस अपने गले में तेलंगाना का प्रस्ताव लटकाकर घूम रही है। इस समय सबसे ज्यादा कार्टून आप को लेकर बन रहे हैं। यह स्थिति कॉमिकल है या संजीदा? नजर डालें आज की कतरनों पर

Friday, February 7, 2014

असीमानंद से तेलंगाना ऑटो एक्सपो तक

हिंदू में सुरेंद्र का कार्टून

आप सरकार और केंद्र सरकार के बीच मुठभेड़ जारी है। एक दूसरे किस्म की मुठभेड़ कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रही है। इशरत जहाँ मामला और असीमानंद का मामला जितना सीधा लगता है उससे ज्यादा टेढ़ा है। इसकी अनुगूँज 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद सुनाई पड़ेगी। इसकी तार्किक परिणति भी हमें दिखाई पड़ेगी, शायद कुछेक साल बाद। बशर्ते तब तक कुछ और बड़े घोटालें न खुलें। दिल्ली में डिफेंस एक्सपो और ऑटो एक्सपो के साथ-साथ तेलंगाना एक्सपो भी चल रहा है। इस बात को ऊपर आप हिंदू में प्रकाशित कार्टून से समझ सकते हैं।  
टाइम्स ऑफ इंडिया

This Lok Sabha cleared 17% of bills in less than five minutes

NEW DELHI: Don't be surprised if Parliament manages to clear a slew of anti-graft bills, theTelangana Bill or the Communal Violence Prevention Bill despite the din in the next few days of the current session — 17% of bills, 20 to be precise, were passed by the 15th Lok Sabhawith less than five minutes' discussion.
According to an analysis by PRS Legislative Research, of the 118 bills passed so far by this Lok Sabha, only 23%, or 27 bills, have been passed after more than three hours of discussion. Twenty-six bills (22%) were passed after two to three hours of discussion. Twenty-four bills (20%) were passed after discussions ranged between one and two hours. Eleven bills (9%) were passed after discussions lasting 30 minutes to an hour. And 10 bills (8%) drew the attention of members for barely half an hour. No less than 20 bills were passed in less than five minutes.
पूरी खबर पढ़ें यहाँ 

नवभारत टाइम्स



Thursday, February 6, 2014

भारत रत्न का कार बेचना और भैंसों का मशहूर होना

हिंदू में सुरेंद्र का कार्टून

राजनीतिक लिहाज से तीसरे मोर्चे के फिर से खड़े होने और सांप्रदायिक हिंसा विधेयक के फिर से ठंडे बस्ते में चले जाने की खबर बड़ी हैं। जाति के आधार पर आरक्षण को लेकर जनार्दन द्विवेदी के बयान पर कांग्रेस सफाई देती फिर रही है। कोलकाता जाकर नरेंद्र मोदी ने दीदी और दादा के प्रति नरमाई बरतते हुए कांग्रेस के कसीदे कढ़े हैं। सांस्कृतिक रूप से दो खबरों पर निगाहें अटकती हैं। एक तो आजम खां ने कहा है कि मेरी भैंसो को वो शोहरत हासिल है जो गालिबन मलिका विक्टोरिया को भी नहीं मिली होगी। वहीं दो रोज पहले भारत रत्न का तमगा पहनने वाले सचिन तेन्दुलकर ऑटो एक्सपो में कारें बेचते नजर आए। थोड़ा अटपटा लगता है, पर चूंकि अब इस इनाम की कीमत एक स्तर पर आ गई है इसलिए नहीं भी लगता। देखें आज की कतरनें
टाइम्स ऑफ इंडिया
 NEW DELHI: The 58 new Rajya Sabha members may not be too worried about their salary with 86% or 50 of them being crorepatis with average assets of Rs 44.74 crore, according to the Association for Democratic Reforms (ADR).

This is higher than 67% crorepatis in Rajya Sabha in 2013 where 153 of the 227 members had assets of over a crore and the current Lok Sabha that boasts of 315 or 58% crorepatis.

ADR had analyzed data from the self-sworn affidavits of 58 new and re-contesting members of the Upper House.

Among the national parties, the average assets per candidate is highest for BJP at Rs 85.36 crore followed by Congress with Rs 42.32 crore, NCP with Rs 23.02 crore and CPM with Rs 21.99 lakh. Six independent candidates have average assets of Rs 110.68 crore.

The richest RS candidate is BJP's Ravindra Kishore Sinha from Bihar who has declared assets worth Rs 857.11 crore followed by Kakde Sanjay Dattatraya, independent candidate from Maharashtra with declared assets of Rs 425.65 crore and T Subbarami Reddy of Congress from Andhra Pradesh with declared assets of Rs 422.44 crore.

The poorest candidates were Trinamool's Ahmed Hassan from West Bengal with assets of Rs 4.04 lakh followed by Ratabrata Banerjee of CPM from West Bengal with assets of Rs 9.42 lakh and Haji Abdul Salam of Congress from Manipur with declared assets of Rs 25.23 lakh.

Among the new candidates, 14 (24%) have criminal cases while two have serious criminal charges pending against them. BJP fielded the highest number of criminal candidates with four while Congress had three.
नवभारत टाइम्स


Wednesday, February 5, 2014

प्रधानमंत्री बोले-राव साहब के नाम को स्वीकार कर लीजिए सुषमा जी

हिंदू में सुरेंद्र का कार्टून
इंडियन एक्सप्रेस में उन्नी का कार्टून

दिल्ली में जनलोकपाल बिल विवाद का विषय बन गया है। दिल्ली सरकार इसे केंद्र की स्वीकृति के बगैर पेश करने वाली है। लगता है कांग्रेस इसे पास नहीं हने देगी। पर ऐसे में राहुल गांधी के भ्रष्टाचार विरोधी  अभियान का क्या होगा? संसद के इस अधिवेशन में क्या कुछ होने वाला है? तीसरा मोर्चा बनेगा या नहीं? आज के मीडिया-सवाल इन्हीं बातों के इर्द-गिर्द हैं। पहले लोकपाल की चयन समिति में पीपी राव के नाम को लेकर सुषमा स्वराज की आपत्ति भी आज का मुख्य विषय है। इसके अलावा दिल्ली में अरुणाचल प्रदेश के किशोर की हत्या के बाद एक और रस्सा-कशी शुरू हो गई है। यह भी आज की खबरों में है। देखिए क्या-क्या है आज खासः-


नवभारत टाइम्स

Tuesday, February 4, 2014

मेरठ में लुट गया मोदी का फंड

तीसरे मोर्चे की सम्भावना पर हिंदू में केशव का कार्टून


आज के अखबारों के लिए सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में कमी काफी बड़ा मसला है। दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने लोकपाल विधेयक को मंजूरी देकर केंद्र सरकार के साथ टकराव का एक और मौका खोज लिया है। यह बिल केंद्र सरकार की अनुमति के बगैर लाया जा रहा है। उधर कल से 15 वीं लोकसभा का आखिरी सत्र शुरू होने जा रहा है। पहले उम्मीद थी कि इस सत्र में केवल अनुदान माँगें पास होंगी, पर अब सरकार राहुल गांधी की सलाह पर भ्रष्टाचार विरोधी छह कानून पास करने पर जोर दे रही है। क्या भाजपा उसके साथ सहयोग करेगी? दूसरा सवाल है कि क्या कांग्रेस पार्टी दिल्ली के लोकपाल बिल को पास करने में मदद करेगी? कल दिल्ली में तीसरे मोर्चे के बाबत बैठक भी होने वाली है। क्या यह मोर्चा बनेगा? और बना तो क्या ममता बनर्जी चौथा मोर्चा बनाएंगी? इन सबसे ज्यादा रोचक खबर मेरठ से मिली है जहाँ नरेंद्र मोदी की रैली के सिलसिले में धनराशि जमा करने के लिए बक्से रखे गए थे। पैसा जमा करना तो दूर लोग बक्से उठा ले गए। पेश  हैं आज की कतरनें
हिन्दुस्तान

Monday, February 3, 2014

आजम खां की सातों भैसें बरामद, तीन सिपाही लाइन हाजिर

चुनाव से पहले की मोर्चाबंदी पर मंजुल का कार्टून
हिंदू में केशव का कार्टून कहता है कि गैर-भ्रष्ट नेताओं की सूची बनाना आसान होता

आजम खां की चोरी गई सातों भैसें बरामद हो गई हैं। इस सिलसिले में तीन पुलिसकर्मी लाइन हाजिर  किए गए हैं। आज की उल्लेखनीय खबरों में यह भी एक है। जागरण में एक खबर है कि उत्तर प्रदेश में बाघिन से बड़ी भैंस।  केजरीवाल की दिल्ली सरकार हरेक विधायक को मिलने वाली चार करोड़ की रकम वाली व्यवस्था खत्म करके उसकी जगह ऐसी व्यवस्था लाने की योजना बना रही है, जिसके तहत इस राशि को इलाके की जनता ही खर्च करे। उधर दिल्ली विधानसभा में आप विरोधी मोर्चा बन गया है।  टाइम्स ऑफ इंडिया की आज की लीड इस बात पर है कि संसदीय कर्म के लिहाज से 15 वी लोकसभा का प्रदर्शन सबसे फिसड्डी साबित होने वाला है। विचारार्थ पड़े 72 विधेयक शायद लैप्स हो जाएंगे। मुम्बई एनआईए की विशेष अदालत ने जाली नोटों के सिलसिले में 6 लोगों को उम्रकैद की सजा दी है। हालांकि सभी अखबारों में यह खबर नहीं है, पर इसका महत्वपूर्ण पहलू यह है कि देश की किसी अदालत ने पहली बार जाली करेंसी छापने के पीछे पाकिस्तानी सरकारी व्यवस्था को जिम्मेदार माना है। मोदी की मेरठ रैली स्वाभाविक रूप से ज्यादातर अखबारों में प्रमुखता से छपी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी कहा है कि सन 2009 में सरकार बनाना कांग्रेस की गलती थी। यह बात दो कारणों से समझ में नहीं आती। 2009 में तो कांग्रेस को 2004 से बेहतर बहुमत मिला था। कहा तो यह जाता है कि 2004 में कांग्रेस सरकार न बनती तो कांग्रेस, खासतौर से नेहरू-गांधी कांग्रेस समाप्त हो जाती। यों भी मुख्यधारा की पार्टियाँ सत्ता से बाहर नहीं रहना चाहतीं। कांग्रेस लम्बे समय तक सत्ता से बाहर रहने पर खूँटा तुड़ाकर भागते हैं। देश में ऐसा कोई पार्टी नहीं है, जिसके भीतर धैर्य हो। आप के भीतर भी वह धैर्य दिखाई नहीं पड़ता। बहरहाल यह मसला आज चैनलों के विचार का विषय हो सकता है, बशर्ते दिन में कुछ नया न हो जाए। न्यूजीलैंड में भारतीय टीम की कायदे से ठुकाई होने के बाद फिलहाल मीडिया को क्रिकेट की याद नहीं आ रही है। आज की कतरनें नोश फरमाएंः-

Sunday, February 2, 2014

और अब एक और संघीय मोर्चे की तैयारी

हिंदू में ग्रैफिक

उन्नी के कुछ कार्टून




हरियाणा कैडर के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के प्रति हरियाणा सरकार की विपरीत टिप्पणी और ग्रेडिंग को दरकिनार करते हुए राष्ट्रपति ने समीक्षा प्राधिकार द्वारा दी गई ग्रेडिंग को बहाल कर दिया है। यह खबर ाज कुछ अखबारों में है, पर विस्तार से नहीं है। इस किस्म की घटनाएं भविष्य में याद की जाएंगी, क्योंकि अभी ह्विसिल ब्लोवर संरक्षण कानून बना नहीं है। अरुणाचल प्रदेश के किशोर की दिल्ली में हत्या की खबर आज के अखबारों में प्रमुखता से है।  'आप' ने अपनी सूची में सोनिया और नरेंद्र मोदी के नाम भी शामिल किए, यह भी आज की खास खबर है। अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर मामले में यूपीए सरकार के उच्च स्तरीय नेताओं को प्रभावित करने की खबर भी आज  है। तीसरा मोर्चा बनाने के लिए 5 फरवरी को दिल्ली में बैठक बुलाए जाने की खबर भी आज की सुर्खियों में है। देखें आज की कतरनें

Saturday, February 1, 2014

केजरीवाल ने जारी की राजनीति की सूची, दिल्ली में बिजली का झटका

हिंदू में केशव का कार्टून परीकथा प्रिंसेस एंड द पी की तरह राजकुमारी परीक्षा के लिए रखा गया मटर का दाना आप 
मंजुल का कार्टून
अरविंद केजरीवाल ने कुछ नेताओं की सूची जारी करके उन्हें भ्रष्ट बताया है। इन नेताओं में सभी पार्टियों के लोग हैं। आम आदमी पार्टी यदि इन्हें लक्ष्य करके चुनाव लड़ेगी तो उसका असर तो होगा। हाल के वर्षों में नेताओं ने अपनी छवि को काफी सस्ता कर दिया था। अगले चुनाव में छवि भी महत्वपूर्ण साबित होने वाले है।  इस छवि को व्यावसायिक रूप से बेहतर बनाने के लिए कांग्रेस ने कुछ विदेशी कम्पनियों को 500 करोड़ का काम दिया है। क्या इसका कोई फायदा मिलेगा? देखते हैं। आज के अखबारों में दिल्ली में बिजली, दूध और डीजल महंगा होने की खबरें काफी जोरदार तरीके से छपी हैं। कुछ अखबारों ने अरुणाचल के विधायक के बेटे की दिल्ली में हत्या को महत्व दिया है।  कुछ रोचक खबरें और हैं, जो अक्सर नजरों से गुजर जाती हैं। देखें आज की कतरनें

नवभारत टाइम्स

Friday, January 31, 2014

गैस सिलेंडर ने आर्थिक सुधार को अँगूठा दिखाया. चुनाव के पहले का शोर

आंध्र की नूरा-कुश्ती पर सुरेंद्र का हिंदू में कार्टून
गैस सिलेंडरों की संख्या 9 से 12 करना आज की बड़ी खबर है। यह खबर कई दिन से माहौल में थी। पिछली 17 जनवरी को राहुल गांधी ने कांग्रेस महासमिति की बैठक में प्रधानमंत्री से इस आशय का आग्रह भी किया था। पर इस विषय पर विमर्श नहीं हुआ कि यह फैसला किस दिशा में ले जा रहा है। कल रात आईबीएन सीएनएन पर राजदीप सरदेसाई इस पर बात कर रहे थे। कल रिजर्व बैक के गवर्नर रघुराज राजन ने कहा कि इसका लाभ उन्हें नहीं मिलेगा जिन्हें पहँचाने की बात कही जा रही है, बल्कि उन्हें मिलेगा जिनकी सामर्थ्य इन्हें खरीदने की है। हिन्दी के किसी अखबार में इस विषय पर सम्पादकीय देखने को नहीं मिला। दिल्ली में बिजली कटौती की चेतावनी भी आज की बड़ी खबर है। राहुल गांधी के इंटरव्यू के बाद सिखों के प्रदर्शन की खबर भी बड़ी है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर है कि जस्टिस जेएस वर्मा के परिवार ने पद्मभूषण सम्मान ठुकरा दिया है। देखें आज की कतरनें

नवभारत टाइम्स

Thursday, January 30, 2014

1984 के दंगों पर फँसी कांग्रेस और एनसीपी की मोदी पर असहमति

धारा 377 पर मंजुल का कार्टून
राहुल गांधी के इंटरव्यू के बाद मोदी पर हमले होने के बजाय उल्टे कांग्रेस फँस गई है। इधर नेकां और एनसीपी ने कांग्रेस की मुसीबत और बढ़ा दी है। नेपथ्य में कांग्रेस की पराजय का शोर सुनाई पड़ रहा है। उधर दिल्ली में आप वाले आप स्टाइल के आंदलनों की चपेट में हैं और आप सरकार पुरानी सरकारों की तरह कर्मचारियों को बर्खास्त करने की धमकी दे रही है। एक रोचक खबर यह है कि सरकार निजी एयरलाइंसों में सांसदों को शाही सुविधाएं देना चाहती है। आज की कतरनों पर नजर डालें
नवभारत टाइम्स

Wednesday, January 29, 2014

राहुल से राज ठाकरे तक

इंडियन एक्सप्रेस में उन्नी का कार्टून



मंजुल का कार्टून

हिंदू में केशव का कार्टून

आज दिल्ली के अखबारों के लिए सबसे बड़ी खबर आठ करोड़ के डाके की है। इस डाके के पीछे जिस गिरोह का भी हाथ हो उसने हाल में चार ऐसी घटनाएं की हैं। पिछले हफ्ते हम दिल्ली की अराजकता को लेकर बेचैन थे। यह घटना उस अराजकता की परिचायक है। अलबत्ता आठ करोड़ जैसी बड़ी रकम इस तरीके से जा रही थी, यह भी विचारणीय है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर है कि यह रकम जिसकी है, वे बुकी भी हैं और हैंसी क्रोन्ये वाले मामले से जुड़े रहे हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आँकड़े जारी किए हैं जिनके अनुसार देश में पिछले दशक में औसत आयु में पाँच साल का इजाफा हुआ है। टाइम्स ऑफ इंडिया में यह खबर पहले सफे पर और इसी से जुड़ा भारत निर्माण का विज्ञापन आखिरी सफे पर है। यह विज्ञापन काफी अखबारों में है। लोकसभा चुनाव के पहले इस किस्म के विज्ञापन और आएंगे। पर मोटे तौर पर मीडिया पर आज भी राहुल का इंटरव्यू हावी है।

                                            अमर उजाला


Tuesday, January 28, 2014

राहुल के इंटरव्यू के निहितार्थ


आज सुबह के अखबारों से लेकर दिन के मीडिया तक पर राहुल का इंटरव्यू छाया है। राहुल का मीडिया के सामने जाना बहादुरी का परिचायक है, पर उनकी तैयारी कच्ची थी। दिल्ली में आप सरकार का एक महीना पूरा हो गया। इसकी रस्म अदायगी भी मीडिया में हो रही है। 

                                         अमर उजाला


Monday, January 27, 2014

गणतंत्र दिवस की राजनीति और तेलंगाना की भैंस गई पानी में

हिंदू में सुरेन्द्र का कार्टून

गणतंत्र दिवस की छुट्टी के कारण आज देश के काफी शहरों से अखबार नहीं निकलते। हालांकि अब यह गए जमाने की बात है कि एक दिन खबर विहीन हो जाता है। अब तो 24 घंटे के न्यूज चैनल हैं। फिर भी प्रिट मीडिया सोचने-विचारने के लिए कुछ छोड़ जाता है। टीवी चैनलों का एक दोष यह है कि वे सब एक दूसरे की नकल करते हैं। अखबारों के सोच-समझ में अंतर दिखाई पड़ता है। मसलन आज के जागरण की लीड है कि गणतंत्र परेड में भी सियासत झलकी। उसके अनुसार कांग्रेस शासित राज्यों की झाँकियाँ बढ़-चढ़कर थीं और दूरदर्शन की कमेंट्री में सरकारी संदेश छिपे थे। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति के राष्ट्र के नाम संदेश पर आज टाइम्स ऑफ इंडिया में विवेचन है। अखबार ने कई विश्लेषकों से बात की। इनमें विनोद मेहता को इस रूप में उधृत किया है, 'With Mukherjee's remarks that "populist anarchy" could not be a "substitute for governance" being seen as a reference to the recent Aam Aadmi Party dharna, Outlook editor in chief Vinod Meta said, "I can't remember the last time the President's speech was on page one of newspapers since it is usually full of platitudes." 

Mehta said he found it a "matter of concern that such a speech has been made since the President's office is seen as above politics. But the reference to constitutional anarchy clearly refers to AAP as it is so close to the Delhi protests. I don't think there is any ambiguity. In fact, Arvind Kejriwal may have reason to strike a mild protest" पूरी खबर यहाँ पढ़ेंइंडियन एक्सप्रेस ने इस विषय पर सम्पादकीय लिखा है जिसमें कहा गया है, While speaking of democracy’s marvellous ability to renew itself, the president spoke of the way ends are met in politics, through discussion and negotiation, how those norms could not be relegated or sacrificed, and the need to ensure that “healthy differences of opinion” do not lead to “an unhealthy strife” within the polity. He spoke of the plunging quality of debate. As the president talked to the people, it was tempting to read between the lines, guess at which party or mobilisation was being alluded to — and there could be several interpretations. But above all, President Mukherjee managed to convey the truth about these times, without attacking or holding up one or the other political force, while involving them all, along with the citizens of this nation (पूरा सम्पादकीय पढ़ें यहाँ). इंडियन एक्सप्रेस ने पहले पन्ने पर आंध्र की वह खबर ली है, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण रेड्डी ने विधान सभा से आग्रह किया है कि तेलंगाना बिल पास न करे। बहरहाल आज की कतरनों पर नजर डालें

नवभारत टाइम्स


Sunday, January 26, 2014

गणतंत्र का दर्शन

आज सुबह अखबारों में प्रकाशित राष्ट्रपति के भाषण से लगा कि इसपर राजनीति का असर है। दूसरी ओर विचार करते हैं तो लगता है कि यह एक तटस्थ संरक्षक की राय है। प्रणब मुखर्जी बेशक राजनेता हैं, पर अनेक कारणों से वे तटस्थ पर्यवेक्षक लगते हैं। आज के अखबारों में अरविंद केजरीवाल का गणतंत्र दिवस भाषण भी छपा है। इसमें बाकी बातें पीछे रह गईं, सबसे आगे उनकी मीडिया को लेकर कड़वाहट सामने आई। किसी न किसी मौके पर हमें अपना मीडिया अराजक लगने लगता है। इस पर विचार किया जाना चाहिए।यों आज के अखबारों में गणतंत्र के दर्शन पर काफी सामग्री है। कम्प्यूटर ऑन करने पर सबसे पहले दर्शन होते हैं गूगल लोगो के


नवभारत टाइम्स

Saturday, January 25, 2014

मीडिया और राजनीति की साख के सवाल

आज राष्ट्रपति का राष्ट्र के नाम संदेश आ रहा है, झूठे वादे न करें नेता। देर रात तक पता लगेगा कि देश ने किन-किन महान व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार देकर पुरस्कृत किया। इनमें मीडियाकर्मी भी होंगे। उन्हें सम्मान क्यों मिला या बहुत से लोगों को क्यों नहीं मिला, इसपर कल बात करेंगे। अलबत्ता आज सोमनाथ भारती ने पहले मीडिया पर हमला किया, फिर माफी माँगी। इसके पहले अरविंद केजरीवाल भी मीडिया पर हमला बोल चुके हैं। आज आप में मीडिया से आए आशुतोष ने मीडिया को सलाह दी कि वह आत्म निरीक्षण करे।  आज के अखबार लोकसभा चुनाव के ओपीनियन पोल और दिल्ली में आप और केंद्र सरकार की डांड़ामेड़ी से भरे रहे। दिन में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हल्का रहा। जिस रोज कोई सनसनीखेज बात नहीं होती इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हक्का-बक्का रह जाता है। खबर की परिकल्पना ही नहीं है उसके पास। सनसनीखेज खबरें और फिर उनपर प्रतिक्रिया के नाम पर या तो शोर या जानबूझकर किसी खास पक्ष को उठाने या गिराने की कोशिश के कारण इसकी साख कम हो गई है। इसका मतलब यह नहीं कि लोग इसे देखते नहीं। हार्डन्यूज का सबसे अच्छा माध्यम फिलहाल यही है। पर अगले दो-एक साल में यह इजारेदारी खत्म होने जा रही है। आज के अखबारों से मैने विचार पक्ष को सामने लाने की कोशिश की है। इंडियन एक्सप्रेस में सुरजीत भल्ला का आप की चुनाव सम्भावनाओं पर लेख है। जागरण में गुरचरण दास का आप पर लेख और नवभारत टाइम्स में मार्क टली का इंटरव्यू मुझे पठनीय लगा। नजर डालें कुछ कतरनों परः-

नवभारत टाइम्स

Friday, January 24, 2014

आप, मोदी और मुलायम

हिंदू में केशव का कार्टून
आज के हिंदू में केशव का कार्टून 'टॉम एंड जैरी' की थीम पर है। दो रोज पहले चेतन भगत ने आप को राजनीति की आइटम गर्ल कहा था। इसके पहले आप को कांग्रेस का भस्मासुर कहा गया था। तमाम रूपक उस मनोदशा को बताते हैं, जिसमें टिप्पणी करने वाला खुद को पाता है। आप अब शुरूआती लोकप्रियता के खोल से बाहर आ रही है। सोमनाथ भारती को लेकर नारीवादी और मानवाधिकारवादी संगठनों ने अपनी गहरी आपत्ति व्यक्त की है। पिछले साल दिल्ली गैंगरेप के बाद पुलिस का मुखर विरोध करने वाले नारीवादी संगठन इस वक्त पुलिस के साथ नजर आते हैं। पर ऑटो और रिक्शा चलाने वाले, रेहड़ी वाले, सब्जी वाले पुलिस का समर्थन नहीं कर सकते। उनके अनुभव उन्हें दूसरी दिशा में ले जाते हैं। दो दिन के आंदोलन के बाद मीडिया के एक तबके ने निष्कर्ष निकाला कि  मध्य वर्ग का आप से मोहभंग हो रहा है। उसे मिलने वाला चंदा घट गया है। इकोनॉमिक टाइम्स ने इस आशय की स्टोरी दी और फर्स्ट पोस्ट ने भी। आज हिंदी के अखबार अमर उजाला ने भी ऐसी एक खबर दी है। कोलकाता के टेलीग्राफ में प्रभात पटनायक ने इसे नव-उदारवाद से जोड़ा है। हिंदी के अखबारों पर नरेंद्र मोदी की गोरखपुर रैली और मुलायम सिंह के साथ जवाबी कव्वाली हावी है। आज के अखबारों में एक खबर यह भी है कि कल नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर संसद भवन परिसर में हुए समारोह में पहुँचे विशिष्ट व्यक्तियों में केवल लालकृष्ण आडवाणी ही थे। कोलकाता के टेलीग्राफ ने अपने पहले पेज पर बंगाल के गैंगरेप पर बड़ी खबर दी है। उत्तर भारत के  अखबारों में भी वह है, पर अपेक्षाकृत छोटे डिस्प्ले के साथ। इंडियन एक्सप्रेस में आशुतोष वार्ष्णेय और सुरजीत भल्ला के रोचक लेख हैं। दोनों के विषय अलग हैं, पर उनकी जमीन एक है। नोट बदले जाने पर भी कुछ अखबारों में खबरें हैं। नजर डालें आज के मीडिया कवरेज परः-
                                                  
                                          नवभारत टाइम्स