tag:blogger.com,1999:blog-9736359.post2774179149814656786..comments2024-03-19T11:38:51.284+05:30Comments on जिज्ञासा: विमर्श-विहीनता, विश्वरूपम से आशीष नन्दी तकPramod Joshihttp://www.blogger.com/profile/01032625006857457609noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-9736359.post-25364089589336640502013-01-31T18:26:16.562+05:302013-01-31T18:26:16.562+05:30प्रमोद जी,
मुझे लगता है कि विचारों की अभिव्यक्ति क...प्रमोद जी,<br />मुझे लगता है कि विचारों की अभिव्यक्ति कि स्वाधीनता जैसी कोई वस्तु अब इस दुनिया में बाकी नहीं रही।<br />हमारा देश इस मामले में दूसरे देशों से बहुत आगे निकल चुका है। अगर आप इस सारी <br />नौटंकी का मज़ाक उड़ाना पसंद करते हैं, तो मेरे ब्लॉग "The Peanut Express" पर मैंने अंतरिक्ष के बंदरों के बारे में लिखा है। पढ़िए और हंसिये।<br /><br />शांति!Desi Babuhttps://www.blogger.com/profile/07955168775820391505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9736359.post-31305059004436951662013-01-29T21:04:04.830+05:302013-01-29T21:04:04.830+05:30दुनिया एक बहुत भावनात्मक जगह है, कोई भी खिलवाड़...दुनिया एक बहुत भावनात्मक जगह है, कोई भी खिलवाड़ कर सकता हैKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.com